दरोगा के बेटे ने किया 5 साल की बच्ची के साथ किया रेप, परिजनों ने लगाया पुलिस पर मामले को दबाने का आरोप, जानिए पूरा मामला
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: April 30, 2022 11:13 PM2022-04-30T23:13:31+5:302022-04-30T23:18:43+5:30
छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव में दरोगा के बेटे ने डोंगरगढ़ थाना अंतर्गत मोहरा पुलिस चौकी स्थित मोहरा गांव के एक 5 साल की बच्ची के साथ रेप किया है। परिजनों का आरोप है कि आरोपी के पिता पुलिस में हैं. इसलिए पुलिस मामले में निष्पक्ष होकर काम नहीं कर रही है।
राजनांदगांव:छत्तीसगढ़ पुलिस में तैनात एक दरोगा के नाबालिग बेटे ने 5 साल की एक अबोध बालिका के साथ रेप जैसी घिनौनी वारदात को अंजाम दिया है। जानकारी के मुताबिक यह घटना राजनांदगांव के डोंगरगढ़ विकासखंड के मोहरा थाना क्षेत्र का मामला बताया जा रहा है। आरोपी नाबालिग के पिता चिखली पुलिस चौकी में पदस्थापित है।
इस वारदात के संबंध में पीड़िता के परिजनों ने आरोप लगाया है कि पुलिस घटना के संबंध में निष्पक्ष कार्रवाई नहीं कर रही है और दरोगा के नाबालिग बेटे को बचाने का प्रयास कर रही है। वहीं पुलिस का कहना है कि आरोपी नाबालिग है और केस दर्ज होने के बाद आरोपी को अरेस्ट करके बाल न्यायालय में पेश किया गया है।
सूचना के अनुसार दरोगा के बेटे ने डोंगरगढ़ थाना अंतर्गत मोहरा चौकी के मोहरा गांव के एक 5 साल की बच्ची के साथ रेप किया। आरोपी ने इस वारदात को 29 अप्रैल 2022 की सुबह 9 बजे अंजाम दिया।
पीड़िता के पिता मोहरा के अटल आवास में रहने वाले गरीब परिवार से ताल्लूक रखते हैं। बताया जा रहा है कि डब उनकी पांच साल की बेटी घर के बाहर खेल रही थी तो आरोपी नाबालिग उसे टॉफी दिलाने के बहाने घर से कुछ दूरी पर ले गया और उसके साथ अमानवीय वारदात को अंजाम दिया।
पीड़िता वारदात के बाद डरी-सहमी घर पहुंची को तो घर वालों को देखते हुए इस बात का आभा, हो गया कि पीड़िता के साथ गलत काम हुआ है। परिजनों द्वारा पूछे जाने पर बच्ची ने सारी बात बताई और आरोपी का नाम भी बताया। इसके बाद परिजन सीधे मोहारा पुलिस चौकी पहुंचे और नाबालिग आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज कराया।
इसके बाद नाबालिग आरोपी के दरोगा पिता पीड़िता के पिता से मिले और घटना को रफा-दफा करने की बात कहते हुए पैसों का ऑफर दिया। जिसे पीड़िता के पिता ने ठुकरा दिया। इसके बाद पुलिस की ओर से दबाव आने लगा और उनकी एफआईआर पर कार्रवाई करने में भी पुलिस शिथिलता दिखाने लगी। थाने में परिजनों के काफी हंगामे और बवाल के बाद पुलिस ने आरोपी को हिरासत में लिया।
पुलिस पीड़िता का मेडिकल भी करवाने से कतरा रही थी। इस मामले में पीड़िता के पिता ने पुलिस वालों पर सीधा आरोप लगाते हुए कहा कि 29 अप्रैल की सुबह 9 बजे की है। हमने वारदात की सूचना सुबह 11 बजे मोहारा पुलिस चौकी में दी लेकिन शाम 7 बजे तक बच्ची का मेडिकल नहीं कराया गया। पुलिस वालों ने केवल नाबालिग आरोपी का मेडिकल कराया।
परिजनों ने डॉक्टर से मेडिकल न करने का कारण पूछा तो डॉक्टरों ने कहा कि पीड़िता सो रही है, आप अगले दिन सुबह 9 बजे लेकर मेडिकल करवाने के लिए लेकर आयें। परिजन जब अगली सुबह 9 बजे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र डोंगरगढ़ पहुंचे तो डॉक्टर ड्यूटी पर नहीं थे। महिला डॉक्टर सुचित्रा श्रीवास्तव दिन में 11 बजे के बाद हॉस्पिटल पहुंचीं।
इस तरह घटना के 24 घंटे बीतने के बाद बच्ची का मेडिकल किया गया जबकि नियमों के मुताबिक पीड़िता का मेडिकल घटना के 24 घंटे के भीतर हो जाना चाहिए था।
यही कारण है कि पीड़िता के परिजन पुलिस वालों के खिलाफ आरोप लगा रहे हैं कि वो मामले को दबाने के लिए सबूतों के साथ छेड़छाड़ कर रहे हैं ताकि नाबालिग आरोपी के खिलाफ केस कमजोर हो जाए और कोर्ट से उसे राहत मिल जाए।