अपनी नाबालिग सौतेली बेटी के साथ बलात्कार, पिता को 40 साल कारावास की सजा, 15 साल की लड़की गर्भवती हो गई थी, जानें कोर्ट ने क्या कहा
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: January 18, 2023 09:25 PM2023-01-18T21:25:23+5:302023-01-18T21:26:12+5:30
इडुक्की त्वरित अदालत के न्यायाधीश टी. जी. वर्गीज़ ने भारतीय दंड विधान की विभिन्न धाराओं और यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम के तहत 41 वर्षीय व्यक्ति को मंगलवार को कारावास की विभिन्न अवधियों के लिए 40 साल की सजा सुनाई।
इडुक्कीः केरल की एक अदालत ने अपनी नाबालिग सौतेली बेटी के साथ बलात्कार करने के मामले में एक व्यक्ति को कुल 40 साल कारावास की सजा सुनाई है। यह मामला 2017 का है और नाबालिग लड़की (15) बलात्कार के बाद गर्भवती हो गई थी।
इडुक्की त्वरित अदालत के न्यायाधीश टी. जी. वर्गीज़ ने भारतीय दंड विधान की विभिन्न धाराओं और यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम के तहत 41 वर्षीय व्यक्ति को मंगलवार को कारावास की विभिन्न अवधियों के लिए 40 साल की सजा सुनाई।
विशेष लोक अभियोजक (एसपीपी) शिजो मोन जोसेफ ने बताया कि कारावास की अलग-अलग अवधियों की सजा साथ चलेगी, इसलिए उसे 10 साल ही जेल में बिताने होंगे। अभियोजक ने बताया कि व्यक्ति ने सौतेली बेटी पर गर्भपात करने का दबाव भी बनाया था।
एसपीपी ने बताया कि अदालत ने दोषी पर एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया और जिला कानूनी सेवा प्राधिकरण को पीड़िता के पुनर्वास के लिए 50,000 रुपये देने का निर्देश दिया। अभियोजक ने बताया कि अपराध पॉक्सो अधिनियम में संशोधन से पहले 2017 में हुआ था इसलिए दोषी को केवल 10 साल की सजा दी गई। उन्होंने बताया कि 2019 में अधिनियम में हुए संशोधन के बाद इन अपराधों के तहत कम से कम 20 साल की सजा देने का प्रावधान है।
ओडिशा : नाबालिग से बलात्कार के जुर्म में अदालत ने व्यक्ति को 20 साल सश्रम कारावास की सजा सुनाई
ओडिशा के बालासोर जिले की एक अदालत ने नाबालिग लड़की से बलात्कार के जुर्म में 28 वर्षीय व्यक्ति को 20 साल सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो) रंजन कुमार सुतार ने मंगलवार को संतोष सिंह पर 14,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया।
कमरखली गांव निवासी सिंह को पुलिस ने फरवरी 2020 को पीड़िता की मां द्वारा दर्ज एक शिकायत के आधार पर गिरफ्तार किया था। पीड़िता की मां ने आरोप लगाया कि उसकी 14 वर्षीय बेटी का आरोपी ने यौन उत्पीड़न किया, जिससे उसे स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हुईं।
अतिरिक्त लोक अभियोजक प्रणब कुमार पांडा ने कहा, ‘‘आरोपी संतोष सिंह पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) और पॉक्सो (यौन अपराध से बच्चों का संरक्षण) अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत मुकदमा चलाया गया और उसे पॉक्सो अधिनियम के तहत दोषी ठहराया गया।
दोषी को 20 साल के कठोर कारावास और 14,000 रुपये के जुर्माने का भुगतान करना होगा।’’ अदालत ने जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के माध्यम से पीड़िता को मुआवजे के रूप में चार लाख रुपये की राशि दिए जाने का भी आदेश दिया।