10 साल की बच्ची से बलात्कार और हत्या, 35 वर्षीय व्यक्ति को फांसी की सजा, 50000 रुपये का जुर्माना
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: December 21, 2021 02:45 PM2021-12-21T14:45:34+5:302021-12-21T14:46:29+5:30
विशेष न्यायाधीश प्रतिभा सक्सेना द्वारा 18 दिसंबर को पारित आदेश में कहा गया, ‘‘आरोपी चंद्रपाल को फांसी दी जानी चाहिए।’’
नोएडाः उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले की एक अदालत ने 10 साल की बच्ची से बलात्कार और हत्या के मामले में 35 वर्षीय व्यक्ति को फांसी की सजा सुनायी है। अधिकारियों ने जानकारी दी। जिला एवं सत्र अदालत ने पॉक्सो अधिनियम के तहत दोषी ठहराए गए व्यक्ति पर 50,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया।
विशेष न्यायाधीश प्रतिभा सक्सेना द्वारा 18 दिसंबर को पारित आदेश में कहा गया, ‘‘आरोपी चंद्रपाल को फांसी दी जानी चाहिए।’’ हाथरस के पुलिस अधीक्षक विनीत जायसवाल ने कहा कि जघन्य अपराध के मामले में अदालत का आदेश घटना के साढ़े तीन महीने से भी कम समय में आया। जायसवाल ने कहा, ‘‘पुलिस ने अपराध के 72 घंटों के भीतर मामले का खुलासा कर दिया था।
स्थानीय पुलिस और अभियोजन पक्ष ने इस मामले को पेशेवर रूप से वैज्ञानिक सबूतों के साथ आगे बढ़ाया, जिसके कारण हमने मामले में थोड़े समय में ही आरोपपत्र दाखिल कर दिया।’’ अधिकारी ने कहा, ‘‘परिणामस्वरूप, आरोपी के खिलाफ एक सख्त मामला अदालत के सामने पेश किया गया, जिसने सिर्फ साढ़े तीन महीने में आदेश सुना दिया।’’ यह घटना अगस्त में हुई थी।
बलिया में नाबालिग दलित किशोरी से बलात्कार के दोषी को उम्रकैद
बलिया जिले की एक स्थानीय अदालत ने 14 वर्षीय एक दलित किशोरी को अगवा कर उसका बलात्कार करने के एक आरोपी को दोषी ठहराते हुए उसे आजीवन कारावास और जुर्माने की सजा सुनाई है। अभियोजन विभाग के संयुक्त निदेशक सुरेश पाठक ने मंगलवार को बताया कि जिले के रसड़ा कोतवाली क्षेत्र के एक गांव की रहने वाली किशोरी को 27 अक्टूबर, 2020 की रात इसी कोतवाली क्षेत्र के मेरु राय का पुरा गांव निवासी सुगन ने अगवा कर लिया था। सुमन ने किशोरी को अगवा करने के बाद उससे बलात्कार किया।
उन्होंने बताया कि इस मामले में किशोरी के पिता की शिकायत पर रसड़ा कोतवाली में सुगन के विरुद्ध भारतीय दंड संहिता के अलावा पॉक्सो (यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण) अधिनियम और एससी/एसटी (अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति) कानून की सुसंगत धाराओं में नामजद मुकदमा दर्ज किया गया था। पाठक ने बताया कि अपर जिला न्यायाधीश गोविंद मोहन की अदालत ने दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद सोमवार को आरोपी सुगन को दोषी ठहराते हुए आजीवन कारावास और 45 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई।