16 और 14 साल की बेटियों के साथ 45 वर्षीय पिता ने लगाई फांसी, मान्या ने डायरी में लिखा-"जिंदगी मुझे बख्श दो, अब तो रुक जाओ, इतनी निर्दयी मत बनो..."

By भाषा | Published: November 16, 2022 10:26 PM2022-11-16T22:26:39+5:302022-11-16T22:29:23+5:30

उत्तर प्रदेश के गोरखपुर का मामला है। शाहपुर में रहने वाले जितेंद्र श्रीवास्तव आर्थिक तंगी से जूझ रहा था। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में तीनों के आत्महत्या करने की पुष्टि हुई है।

Gorakhpur 45-year old father hang his 16 and 14-year old daughter Manya wrote diary Spare me life, now stop don't be so cruel Mother died two years ago due cancer | 16 और 14 साल की बेटियों के साथ 45 वर्षीय पिता ने लगाई फांसी, मान्या ने डायरी में लिखा-"जिंदगी मुझे बख्श दो, अब तो रुक जाओ, इतनी निर्दयी मत बनो..."

दोनों लड़कियों के दादा ओम प्रकाश एक निजी सुरक्षा गार्ड हैं और उनके पिता दर्जी थे।

Highlightsजितेंद्र श्रीवास्तव (45) और दो बेटियां मान्या (16) और मानवी (14) के शव छत से फंदे से लटकते पाए गए।दोनों बच्चियों की मां की दो साल पहले कैंसर की वजह से मौत हो गई थी। पिता वर्ष 1999 में एक रेल हादसे में अपना दाहिना पैर गवां चुके थे।

गोरखपुरःउत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले में एक व्यक्ति और उसकी दो बेटियों ने कथित रूप से फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली। यह जानकारी पुलिस ने बुधवार को दी। पुलिस सूत्रों ने यहां बताया कि शाहपुर में रहने वाले जितेंद्र श्रीवास्तव (45) और उसकी दो बेटियों मान्या (16) और मानवी (14) के शव बुधवार को छत से फंदे से लटकते पाए गए।

उन्होंने बताया कि श्रीवास्तव कथित रूप से आर्थिक तंगी से जूझ रहा था। उन्होंने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में तीनों के आत्महत्या करने की पुष्टि हुई है। उनके अनुसार पुलिस को मौके पर तलाशी के दौरान मान्या की एक डायरी मिली है जिसमें वह अपनी दुखद कहानी लिखा करती थी। सूत्रों के अनुसार उसने अपनी डायरी के पन्ने पर लिखा है "जिंदगी मुझे बख्श दो। अब तो रुक जाओ। इतनी निर्दयी मत बनो।"

पुलिस सूत्रों ने बताया कि दोनों बच्चियों की मां की दो साल पहले कैंसर की वजह से मौत हो गई थी और उनके पिता वर्ष 1999 में एक रेल हादसे में अपना दाहिना पैर गवां चुके थे। सूत्रों ने बताया कि दोनों बच्चियों के स्कूल की फीस नहीं जमा थी और परिवार काफी तंगी से जूझ रहा था। सूत्रों ने बताया कि दोनों लड़कियों के दादा ओम प्रकाश एक निजी सुरक्षा गार्ड हैं और उनके पिता दर्जी थे।

वह काफी कर्ज के बोझ तले दबे थे। मान्या और मानवी को आज उनके स्कूल में श्रद्धांजलि दी गई। इस घटना से एक दिन पहले दोनों लड़कियों ने स्कूल में आयोजित बाल दिवस कार्यक्रम में हिस्सा लिया था। स्कूल की प्रधानाचार्य निवेदिता कौशिक ने बताया कि मान्या कक्षा नौ की छात्रा थी और वह और उसकी बहन मानवी पढ़ने में अच्छी थीं। 

Web Title: Gorakhpur 45-year old father hang his 16 and 14-year old daughter Manya wrote diary Spare me life, now stop don't be so cruel Mother died two years ago due cancer

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