100 करोड़ के वसूली कांड में नहीं मिली महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री अनिल देशमुख को राहत, CBI कोर्ट ने जमानत याचिका को खारिज किया
By रुस्तम राणा | Published: October 21, 2022 03:54 PM2022-10-21T15:54:13+5:302022-10-21T16:24:14+5:30
शुक्रवार को सीबीआई की विशेष अदालत ने महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख की याचिका को खारिज करते हुए उन्हें जमानत देने से इनकार कर दिया।
मुंबई: 100 करोड़ के जबरन वसूली कांड में महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख को सीबीआई कोर्ट की तरफ से राहत नहीं मिली है। शुक्रवार को केंद्रीय जांच एजेंसी की विशेष अदालत ने देशमुख की याचिका को खारिज करते हुए जमानत देने से इनकार कर दिया। इसके साथ ही संजीव पलांडे की जमानत भी सीबीआई की विशेष अदालत ने खारिज कर दी। संजय पलांडे महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री अनिल देशमुख के निजी सचिव थे।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा उनके खिलाफ दर्ज धन शोधन मामले में बंबई उच्च न्यायालय द्वारा 4 अक्टूबर को जमानत दिए जाने के तुरंत बाद देशमुख (71) ने मामले में राहत मांगी थी। गुरुवार को विशेष सीबीआई अदालत के न्यायाधीश एसएच ग्वालानी ने जमानत याचिका पर दलीलों पर सुनवाई पूरी की और इसे आदेशों के लिए बंद कर दिया। फिलहाल वे न्यायिक हिरासत में हैं और मुंबई की आर्थर रोड जेल में जेल की सजा काट रहे हैं।
देशमुख को मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परम बीर सिंह द्वारा उनके खिलाफ लगाए गए जबरन वसूली और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों के सिलसिले में 2 नवंबर 2021 को गिरफ्तार किया गया था। पिछले साल मार्च में तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को लिखे एक पत्र में सिंह ने आरोप लगाया था कि देशमुख कई गलत कामों में शामिल थे, जिसमें सचिन वाजे को मुंबई में बार और रेस्तरां से 100 करोड़ रुपए इकट्ठा करने के लिए कहा गया था।
Rs 100 crores extortion scam | Former Maharashtra minister Anil Deshmukh's bail plea rejected by CBI court
— ANI (@ANI) October 21, 2022
उच्च न्यायालय ने अप्रैल 2021 में सीबीआई को प्रारंभिक जांच करने का निर्देश दिया था। इस जांच के आधार पर सीबीआई ने देशमुख और उनके सहयोगियों के खिलाफ कथित भ्रष्टाचार और आधिकारिक शक्ति के दुरुपयोग के लिए पहली सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) दर्ज की। इसके तुरंत बाद उन्होंने गृह मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया और एचसी ने मामले में सीबीआई जांच का आदेश दिया।