बिहार में कोरोना के डर से पुलिस नहीं कर पा रही है अपराधियों को गिरफ्तार, पेंडिंग में पड़े हैं हजारों वारंट
By एस पी सिन्हा | Published: August 16, 2020 04:41 PM2020-08-16T16:41:11+5:302020-08-16T16:41:11+5:30
बिहार में वारंट होने के बावजूद उसका तामीला करा पाना पुलिस के लिए एक चुनौती साबित हो रहा है.
पटना: कोरोना के जारी कहर के बीच अपराधियों की पौ-बारह हो गई है. अपराधी बेधडक घुम रहे हैं, लेकिन पुलिस उन्हें गिरफ्तार करने की हिम्मत नही जुटा पा रही है. दरअसल, कोरोना संक्रमण के डर से पुलिस छापेमारी करने जाने से डरने लगी है.
वारंट होने के बावजूद उसका तामीला करा पाना पुलिस के लिए एक चुनौती साबित हो रहा है. जिससे अपराधियों की बल्ले-बल्ले है. डर इस बात का सता रहा है कि अगर अपराधी कोरोना संक्रमित निकला तो पुरा थाना को सील करना पड़ेगा.
इस स्थिती में कोर्ट से जारी वारंट के रहते पुलिस हिम्मत नही जुटा पा रही है कि अपराधियों की धर-पकड़ के लिए छापेमारी की जा सकते. सूत्रों की अगर मानें तो पुलिस के वरीय पदाधिकारी भी अभी कोई खतरा मोल लेना नही चाह रहे हैं. ऐसे में पेंडिंग पडे वारंट पर ज्यादा ध्यान नही देने की बात अधिनस्थ पुलिस पदाधिकारियों को दी गई है. यह केवल बिहार में नही बल्कि झारखंड में भी देखा जा रहा है.
पुलिस संक्रमण के डर से अपराधियों पर हांथ डालने की हिम्मत नही जुटा पा रही है. अभी हाल ही में पटना पुलिस के एक थाने में अचानक से हडकंप मच गया था. पुलिस ने एक अपराधी को गिरफ्तार किया और उसे थाने ले आई. पुलिस ने राहत की सांस ली कि आखिरी इस शातिर अपराधी को गिरफ्तार कर लिया गया है. लेकिन जैसे ही बंदी का कोरोना टेस्ट हुआ पूरे थाने में हडकंप मच गया.
घटना पटना के फुलवारीशरीफ के एम्स रोड में नवादा मोड से गिरफ्तार कर थाना लाये गये एक बंदी को पुलिस ने जेल भेजने से पहले जब उसका एंटीजन टेस्ट कराया, तो वह कोरोना पॉजिटिव निकल गया.
इसके बाद उसके साथ गये पुलिसकर्मियों से लेकर थाना तक हडकंप मच गया. पुलिस ने बंदी को कोरोना इलाज के लिए पटना एम्स में भर्ती कराया गया है. बता दें कि बंदी को जेल भेजने से पहले उसका कोरोना टेस्ट कराया जाता है. उसके बाद ही जेल भेजने के लिए कोर्ट में पेश किया जाता है.
इसतरह की कई घटनायें सामने आ चुकी हैं, जहां पुलिस की बहादुरी को कोरोना ने तोडकर रख दिया है. झारखंड के एक वरीय पुलिस पदाधिकारी ने नाम नही छापने के शर्त पर बताया कि इस वक्त अपराधियों के खिलापह वारंट पेंडिंग होने के बावजूद उनके खिलाफ कार्रवाई नही की जा रही है. उसका मुख्य कारण कोरोना है.
डर इस बात का सताता रहता है कि अगर खुदा-ना-खास्ते अपराधी कोरोना पॉजिटिव निकल गया तो पूरे थाने के स्टाफ को आईसोलेट कर देना होगा, फिर थाने को कई दिनों तक सील कर उसे सेनेटाईज करना होगा.
ऐसी स्थिती में थाने का सामान्य काम भी प्रभावित हो जायेगा, जिससे कानून-व्यवस्था की समस्या उठ खडी हो जा सकती है. इससे बेहतर है कि तत्काल वारंट के तामीले के बदले सामान्य कानून-व्यवस्था पर विशेष ध्यान दिया जाये ताकि सामान्य जनजीवन पर इसका बुरा असर नही पडे.