महिला दिवस पर फास्ट ट्रैक कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला, पत्नी से अप्राकृतिक कृत्य करने वाले पति को 20 साल की कैद

By सुधीर जैन | Published: March 9, 2019 09:40 AM2019-03-09T09:40:48+5:302019-03-09T09:44:12+5:30

विगत 11 दिसंबर 2017 में आरोपी गोरखनाथ शर्मा (40) ने अपनी पत्नी के साथ अप्राकृतिक कृत्य किया था। जिसके बाद अधिक रक्तस्राव से पत्नी की मौत हो गई।

Fast Track Court's historic decision on female day, husband imprisoned 20 years for unnatural act | महिला दिवस पर फास्ट ट्रैक कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला, पत्नी से अप्राकृतिक कृत्य करने वाले पति को 20 साल की कैद

प्रतीकात्मक चित्र

जगदलपुर, 8 मार्च: अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस को अपर सत्र न्यायालय (फास्ट ट्रैक) द्वारा एक मामले में ऐतिहासिक फैसला सुनाया गया है। दरअसल, इस मामले में आरोपी के विरुद्ध लगे सभी धाराओं में उसे दोषी पाते हुए न्यायाधीश कु. सुनीता साहू ने 20 वर्ष की सजा सुनाई है. इस पूरे मामले की चर्चा शहर में भी हो रही है क्योंकि इसमें पीडि़ता भी महिला थी, विवेचक भी महिला और परिवारजनों को न्याय दिलाने वाली भी महिला ही है.

क्या है पूरा मामला?

स्थानीय मेटगुडा में विगत 11 दिसंबर 2017 में आरोपी गोरखनाथ शर्मा (40) ने अपनी पत्नी (अनीता शर्मा, बदला हुआ नाम) के साथ अप्राकृतिक कृत्य किया था. इसके बाद अनीता को उसकी छोटी बहन द्वारा स्थानीय महारानी अस्पताल ले जाया गया. अत्यधिक रक्तस्राव होने के कारण अगले तकरीबन डेढ़ घंटे बाद उसकी दर्दनाक मृत्यु हो गई थी.

मामले में तत्काल कार्यपालिक मजिस्ट्रेट को बुलाकर पीडि़ता का मृत्युकालिक कथन भी लिया गया था. इधर, मृत्युपरांत पीएम में भी इस बात का स्पष्ट उल्लेख हुआ था कि उक्त मृतका के साथ अपराध हुआ था.

पुलिस ने दिखाई तेजी

घटना के बाद पुलिस ने विवेचना शुरू की और तत्कालीन विवेचक अर्चना धुरंधर ने मामले की संजीदगी को देखते हुए जांच शुरू की, जिसमें मृतका के पति गोरख नाथ को दोषी पाया और उसके विरुद्ध धारा 376 (बलात्कार), 377 (अप्राकृतिक यौन कृत्य) और 304 (गैर इरादतन हत्या) का मामला बोधघाट थाने में पंजीबद्ध किया गया और आरोपी की गिरफ्तारी हुई. न्यायालय में लगभग दो वर्ष तक विचाराधीन इस मामले में सभी निजी गवाह मुकर चुके थे.

बावजूद समस्त अन्य गवाहों (पुलिस, विवेचक, पीएमकर्ता डॉक्टर, कार्यपालिक मजिस्ट्रेट व मृतका की बहन) के बयानों के आधार पर ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए न्यायाधीश कु. सुनीता साहू ने आरोपी को समस्त धाराओं में दोषी पाते हुए 20 वर्ष की सजा दी. इस पूरे मामले की चर्चा शहर में भी हो रही है क्योंकि इसमें पीडि़ता भी महिला थी, विवेचक भी महिला और परिवारजनों को न्याय दिलाने वाली भी महिला ही है.

Web Title: Fast Track Court's historic decision on female day, husband imprisoned 20 years for unnatural act

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