बिहार से हर साल गायब हो जाते हैं करीब पांच हजार बच्चे, महज 45 फीसदी की तलाश कर पाती है पुलिस

By एस पी सिन्हा | Published: June 7, 2022 05:21 PM2022-06-07T17:21:34+5:302022-06-07T17:28:13+5:30

बिहार में गुम होने वाले बच्चों के संबंध में पुलिस ने एक आंकड़ा जारी किया है, जिसके अनुसार पिछले तीन साल में कुल 16,559 बच्चे लापता हुए थे लेकिन इनमें से केवल 7219 बच्चों की ही बरामदी संभव हो सकी।

Every year about five thousand children disappear from Bihar, police is able to trace only 45 percent | बिहार से हर साल गायब हो जाते हैं करीब पांच हजार बच्चे, महज 45 फीसदी की तलाश कर पाती है पुलिस

बिहार से हर साल गायब हो जाते हैं करीब पांच हजार बच्चे, महज 45 फीसदी की तलाश कर पाती है पुलिस

Highlightsबिहार में पिछले तीन साल में कुल 16,559 बच्चे लापता हुए जबकि मिले महज 7219 बच्चे गुम हुए कुल बच्चों में 9340 बच्चों की तलाश पुलिस द्वारा अब भी जारी है वहीं साल 2019 में कुल 7297 बच्चे लापता हुए थे, जिनमें 3188 बच्चे ही घर वापस आ पाये थे

पटना:बिहार में हर साल औसतन पांच हजार बच्चे गुम हो जाते हैं। पुलिस के द्वारा जारी किये गये आंकड़े के अनुसार पिछले तीन साल में बिहार से 16,559 बच्चे लापता हुए थे लेकिन इनमें से केवल 7219 बच्चों की बरामदी की जा सकी है।

जबकि गुम हुए 9340 बच्चो का अभी तक कुछ पता नहीं चल पाया है। इस तरह से देखा जाए तो लापता बच्चों में सिर्फ 45 फीसदी बच्चे ही बरामद हो पाते हैं।

पुलिस विभाग के द्वारा जारी किये गये आंकड़े के अनुसार साल 2019 में 7297 बच्चे लापता हुए थे जिनमें 3188 बच्चे ही वापस घर लौट पाए जबकि 4109 बच्चे की तलाश अब भी जारी है लेकिन वो मिल नहीं पाये हैं।

वहीं वर्ष 2020 में कुल लापता बच्चों की संख्या 2867 थी। इसमें 1193 बच्चे को बरामद कर लिया गया, लेकिन 1674 बच्चों का अब तक पता नहीं चल पाया है।

उसी तरह से वर्ष 2021 की बात करें तो 6395 बच्चों के लापता होने का मामला दर्ज कराया गया था। इनमें 2838 बच्चों को खोज लिया गया, जबकि 3557 बच्चे अब तक नहीं मिल पाए हैं। सबसे ज्यादा बच्चे पटना, गया, भागलपुर, मोतिहारी, वैशाली, मुजफ्फरपुर, सारण, गोपालगंज और रोहतास जिले से लापता होते हैं।

इन जिलों में औसतन हर साल 200 से अधिक बच्चे गुमशुदा होते हैं। इनमें पटना से 2019 में 870, 2020 में 360 और 2021 में 830 बच्चों के लापता होने का मामला दर्ज हुआ था।

इस पूरे मामले में सबसे हैरानी कि बात यह है कि पटना में पचास फीसदी से भी कम बच्चों को बरामद किया जाता है। जबकि शेष बच्चों का कोई पता नहीं चल पाता है।

Web Title: Every year about five thousand children disappear from Bihar, police is able to trace only 45 percent

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