ईडब्ल्यूएस मरीज से 10000 रुपये मांगने पर निजी अस्पताल को डीसीपीसीआर ने भेजा नोटिस, आखिर क्या है मामला
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: February 8, 2022 07:14 PM2022-02-08T19:14:34+5:302022-02-08T19:15:27+5:30
अस्पताल प्रशासन ने आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) बिस्तर की कथित अनुपलब्धता के आधार पर मरीज को भर्ती करने से इनकार कर दिया।
नई दिल्लीः दिल्ली बाल अधिकार संरक्षण आयोग (डीसीपीसीआर) ने समय से पहले बच्चे को जन्म देने वाली ईडब्ल्यूएस श्रेणी की एक महिला से एक लाख रुपये कथित तौर पर मांगने के मामले में राष्ट्रीय राजधानी के एक निजी अस्पताल को नोटिस जारी किया है।
डीसीपीसीआर के नोटिस के अनुसार यह घटना चार फरवरी की है, जब महिला, जिसे समय से पहले बच्चे को जन्म देने के बाद तत्काल चिकित्सा की आवश्यकता थी, को दक्षिणी दिल्ली के मालवीय नगर के एक निजी अस्पताल ले जाया गया। नोटिस में दावा किया गया है कि अस्पताल प्रशासन ने आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) बिस्तर की कथित अनुपलब्धता के आधार पर मरीज को भर्ती करने से इनकार कर दिया। उसने मरीज से अस्पताल में भर्ती करने के लिए एक लाख रुपये की भी मांग की।
आरोपों पर अस्पताल की ओर से तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई। डीसीपीसीआर ने अस्पताल से चार फरवरी की रात साढ़े दस बजे की अपने स्वागत कक्ष की सीसीटीवी फुटेज सौंपने और अस्पताल में ईडब्ल्यूएस बिस्तरों की स्थिति बताने को कहा है। इसने अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक को उसके नोटिस के जवाब के साथ 11 फरवरी को पेश होने के लिए भी कहा। आयोग ने दक्षिण जिला बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष से जांच में शामिल होने का अनुरोध किया है।