पंजाब: जहरीली शराब पीने से अब तक 86 लोगों की मौत, सरकार ने किया मृतकों के परिवारों के लिए दो-दो लाख रुपये मुआवजे का ऐलान
By सुमित राय | Published: August 1, 2020 04:07 PM2020-08-01T16:07:39+5:302020-08-01T21:25:45+5:30
अधिकारियों ने बताया कि सरकार ने जहरीली शराब से मरने वाले लोगों के परिवारों के लिए दो-दो लाख रुपये के मुआवजे की घोषणा की है।
पंजाब के अमृतसर, तरन तारन और बटाला जिले में जहरीली शराब पीने से अब तक 86 लोगों की मौत हो चुकी है। अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी देते हुए बताया कि जहरीली शराब पीने से बुधवार की रात से अब तक 86 लोगों की मौत हो चुकी है। उन्होंने बताया कि अब तरन तारन में 63 मौतें हुई हैं, जिसके बाद अमृतसर में 12 और गुरदासपुर के बटाला में 11 मौतें हुई हैं।
मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने इस मामले में सात आबकारी अधिकारियों और छह पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया है। अधिकारियों ने बताया कि सरकार ने मृतकों के परिवारों के लिए दो-दो लाख रुपये के मुआवजे की घोषणा की। उन्होंने बताया कि अब तक इन तीन जिलों में 40 जगहों पर छापेमारी की गई है और शराब की तस्करी करने वाले 10 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
मुख्यमंत्री ने दिए हैं मजिस्ट्रेटी जांच के आदेश
मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने कथित तौर पर जहरीली शराब पीने से हुई मौत के मामले में जालंधर के संभागीय आयुक्त द्वारा मजिस्ट्रेटी जांच के आदेश दिए हैं। संभागीय आयुक्त जालंधर के साथ ही पंजाब के संयुक्त आबकारी और कर आयुक्त तथा संबंधित जिलों के एसपी द्वारा जांच की जाएगी।
हादसे पर राजनीति हो गई है शुरू
शिरोमणि अकाली दल ने संभागीय आयुक्त स्तर की जांच को खारिज कर दिया और पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के मौजूदा न्यायाधीश से न्यायिक जांच कराने की मांग की। आम आदमी पार्टी ने कहा कि मजिस्ट्रेटी जांच से काम नहीं चलेगा। पार्टी के वरिष्ठ नेता और विधायक अमन अरोड़ा ने कहा कि पार्टी मुख्यमंत्री के इस्तीफे की मांग करती है। कांग्रेस सांसद प्रताप सिंह बाजवा ने ने उच्च न्यायालय के एक न्यायाधीश से इस मामले की निश्चित समय सीमा में जांच की मांग की।
दो उप पुलिस अधीक्षक और चार थाना प्रभारी निलंबित
राज्य में बुधवार रात से शुरू हुई त्रासदी में शुक्रवार की रात तक 39 लोगों की मौत हो गई थी। एक आधिकारिक बयान के अनुसार, मुख्यमंत्री ने छह पुलिसकर्मियों के साथ सात आबकारी अधिकारियों को निलंबित करने का आदेश दिया। निलंबित अधिकारियों में दो उप पुलिस अधीक्षक और चार थाना प्रभारी शामिल हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस मामले में किसी भी लोक सेवक या अन्य को संलिप्त पाया जाता है, तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि जहरीली शराब के उत्पादन और बिक्री को रोकने में पुलिस और आबकारी विभाग की नाकामी शर्मनाक है।