बिहार: पटना में कोरोना संक्रमण को लेकर मरीजों में देखा जा रहा है खौफ का माहौल, डर से युवक कर ले रहे हैं खुदकुशी
By एस पी सिन्हा | Published: July 25, 2020 05:37 PM2020-07-25T17:37:01+5:302020-07-25T17:37:01+5:30
कोविड स्पेशल के तौर पर चिन्हित राजधानी पटना में स्थित नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल में कोरोना संक्रमित मरीजों के मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. हलांकि अस्पताल के अधीक्षक डॉ विनोद कुमार सिंह ने हो रही मौतों की जिम्मेवारी सक्रमितों के माथे पर मढ़कर अपनी वाहवाही लूटने में मशगूल दिखते हैं.
पटना: बिहार की राजधानी पटना में कोरोना संक्रमण को लेकर मरीजों में खौफ का माहौल इस कदर बढ़ा हुआ है कि एक मरीज ने जहां अस्पताल की बिल्डिंग से कूद कर जान दे दी तो वहीं दूसरे कोरोना संक्रमित युवक ने घर में फांसी के फंदे से झूलकर खुदकुशी कर ली है. यह घटना राजधानी पटना के मालसलामी थाना क्षेत्र के तथागत नगर इलाके में घटी है. कोरोना संक्रमित युवक घर में क्वारंटाइन रह कर इलाज करवा रहा था. जिसके बाद से इलाके में हडकंप मच गया है. परिजनों ने आनन-फानन में इसकी सूचना स्वास्थ्य विभाग और पुलिस को दी है.
बताया जा रहा है कि युवक का 9 दिनों से घर में ही इलाज चल रहा था, लेकिन तबियत में कोई सुधार नहीं होने के कारण काफी परेशान रहने लगा और शनिवार को उसने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. इसके पूर्व शुक्रवार को पटना एम्स में भर्ती कोरोना संक्रमित युवक ने पांचवी मंजिल से बाथरूम की खिडकी से कूदकर अपनी जान दे दी. 21 वर्षीय युवक राहुल तीसरी मंजिल पर स्थित कोविड वार्ड में सोमवार से भर्ती था. उपरी मंजिल से नीचे गिरने के बाद मौके पर ही उस शख्स की मौत हो गई. घटना के बाद एम्स में अफरा-तफरी का माहौल है. सूचना मिलते ही फुलवारीशरीफ थाने की पुलिस भी एम्स में पहुंच गई और लाश को कब्जे में करके छानबीन करने में जुटी है. अस्पताल में इलाजरत मरीज के कूद कर जान देने की खबर मिलते ही परिजनों में कोहराम मच गया. फुलवारीशरीफ थानेदार रफीकुर रहमान ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि एक मरीज ने अस्पताल से कूद कर आत्महत्या कर लिया है जो बिहटा के मोहम्मदपुर का रहने वाला है. बिहटा के मोहम्मदपुर निवासी राजेश के बेटे रोहित कुमार के रूप में उसकी शिनाख्त हुई है. कोरोना संक्रमित रोहित को परिजनों ने 20 जुलाई को एम्स में भर्ती कराया था.
उधर, कोविड स्पेशल के तौर पर चिन्हित राजधानी पटना में स्थित नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल में कोरोना संक्रमित मरीजों के मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. हलांकि अस्पताल के अधीक्षक डॉ विनोद कुमार सिंह ने हो रही मौतों की जिम्मेवारी सक्रमितों के माथे पर मढ़कर अपनी वाहवाही लूटने में मशगूल दिखते हैं. उनके हिसाब से सभी मरने वाले गंभीर बिमारियों से ग्रसित रह रहे हैं. लेकिन वह कदापि स्वीकार नही कर रहे हैं कि अस्पताल में जारी बदइंतजामी मरीजों के मौत का कारण बनता जा रहा है. जानकार बताते हैं कि अस्पताल केवल वार्डब्याय के भरोसे चल रहा है. कोई भी डॉक्टर मरीजों को देखने नही जा रहा है. केवल चेम्बर में बैठकर दिशा निर्देश जारी कर अपने कर्तव्यों की इतिश्री कर दिया जा रहा है. हालात ऐसे हैं कि मरीज आक्सीजन तक के तडपने को विवश हैं. जिन्दगी बच गई तो डॉक्टर वाहवाही लेने का कोई भी मौका नही गंवाना चाहते हैं. लेकिन हो गई मौत तो गंभीर बिमारियों का ठीकरा मरीजों के माथे पर फोड दिया जाता है.