छत्तीसगढ़: मृत हिंदू पिता का ईसाई रीति-रिवाज से छोटे बेटे ने किया अंतिम संस्कार, बड़े बेटे ने जताई आपत्ति, पुलिस में दर्ज कराया केस
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: September 10, 2022 08:39 PM2022-09-10T20:39:00+5:302022-09-10T20:50:57+5:30
छत्तीसगढ़ के मुंगेली जिले स्थित अटरिया गांव में बैगा जनजाति से ताल्लूक रखने वाले बुधराम का निधन हो गया। उसकी मृत्यु के पश्चात ईसाई धर्म का पालन करने वाले उसके छोटे बेटे ने हिंदू धर्म के अनुसार मुखाग्नि देने की बजाय ईसाई पद्धति से कब्र में दफना दिया।
मुंगेली:छत्तीसगढ़ में एक विचित्र धार्मिक विवाद का मामला सामने आया है। जानकारी के मुताबिक एक मृत हिंदू वृद्ध के ईसाई बेटे ने उसका अंतिम संस्कार ईसाई पद्धति से करते हुए उसे दफना दिया। जिसके बाद मुंगेली जिले में खासा बवाल मचा हुआ है।
खबरों के मुताबिक मुंगेली जिले के अटरिया गांव में बैगा जनजाति से ताल्लूक रखने वाले बुधराम के निधन के बाद उनके बेटे ने उन्हें हिंदू धर्म के अनुसार मुखाग्नि न देते हुए ईसाई पद्धति से कब्र में दफना दिया। बताया जा रहा है कि मृत बुधराम के दो बेटे हैं, जिनमें से छोटा वाला ईसाई धर्म का पालन करता है, जबकि बड़ा वाला बेटा अब भी बैगा जनजाति में है और हिंदू धर्म का पालन करता है।
छोटे बेटे ने पिता की मृत्यु के बाद बड़े बेटे को सूचना भी नहीं दी और उन्हें ईसाई धर्मिंक तरीके से दफना दिया। बुधराम के छोटे बेटे का नाम ग्रामसेवक बताया जा रहा है। घटना की जानकारी जैसे ही बुद्धराम के बड़े बेटे को हुई, वो फौरन मौके पर पहुंचा और उसने अपने मृत पिता के बारे में छोटे भाई से पूछताछ की।
जिसके बाद छोटे भाई ने बताया कि पिता बुधराम का देहांत हो गया था। इसलिए उसने अपनी ईसाई धर्म पद्धति से उनका अंतिम संस्कार कर दिया है। इसके बाद बड़े बेटे ने आपत्ति जताते हुए पिता के हिंदू होने का हवाला दिया और छोटे भाई ग्रामसेवक के इस उठाये गये उस कदम का विरोध किया और फौरन गांव के लोगों को इस बात की जानकारी दी।
बेटे बेटे की ओर से मिली जानकारी के आधार पर गांव के लोग इकट्ठा हुए और छोटे बेटे के उस कृत्य की आलोचना करते हुए हिंदू धर्म विरोधी बताया और कहा कि ग्रामसेवक को उसके द्वारा किये गये अपराध का दंड मिलना चाहिए। इसके बाद सभी गांव के लोग बड़े बेटे के साथ लोरमी थाना क्षेत्र के खुडिया पुलिस चौकी पहुंचे और मृत बुधराम के छोटे बेटे ग्रामसेवक के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई।
घटना के संबंध में लोरमी थाने के पुलिस अधिकारी ने कहा कि मामले में उन्हें अटरिया गांव के लोगों की ओर शिकायत मिली है और मामले की जांच की जा रही है। जांच के कानून सम्मत कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि घटना के संबंध में मृत बुधराम के छोटे बेटे ग्रामसेवक को बुलाया गया है। उसका पक्ष जानने के बाद ही मामले में कोई कदम लिया जाएगा।
इस संबंध में अटरिया गांव के लोगों का कहना है कि ईसाई मिशनरी कई सालों से इस क्षेत्र में धर्म परिवर्तन के मकसद से सक्रिय हैं। कुछ गांववाले तो इस बात का भी अंदेशा जता रहे थे कि बुधराम के छोटे बेटे ग्रामसेवक को मिशनरी ने पैसों का लालच दिया है। इस कारण वो अपने मृत हिंदू पिता का अंतिम संस्कार ईसाई पद्धति से करवाने के लिए तैयार हो गया।