डीएचएफएल घोटाले की जांच में सीबीआई कर रही है छोटा शकील गैंग लिंक की जांच
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: July 9, 2022 08:10 PM2022-07-09T20:10:26+5:302022-07-09T20:13:33+5:30
दीवान हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड मामले की जांच कर रही सीबीआई ने संभावना व्यक्त की है कि देश के सबसे बड़े बैंक फ्रॉड में भारत के प्रमुख भगोड़े आतंकी छोटा शकील गैंग के लोग भी शामिल हो सकते हैं।
दिल्ली: दीवान हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड (डीएचएफएल) के कथित बैंकिंग धोखाधड़ी का मामला अब अंडरवर्ल्ड तक जा पहुंचा है।
मामले की जांच कर रही केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई ने शनिवार को जानकारी देते हुए बताया कि देश के सबसे बड़े बैंक फ्रॉड के सिलसिले में भारत के प्रमुख भगोड़े आतंकी छोटा शकील गैंग के शामिल होने की संभावना व्यक्त कर रही है।
यही कारण है कि सीबीआई इस मामले में जांच के दायरे को व्यापक करते हुए पाकिस्तान में छुपे हुए छोटा शकील के गैंग के कुछ संदिग्धों की जांच कर रही है।
मामले में केंद्रीय जांच एजेंसी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि जांच में ऐसी पुख्ता सामग्री मिली है, जिससे पता चलता है कि डीएचएफएल के जरिये सार्वजनिक धन को कथित रूप से छोटा शकील से जुड़े लोगों को भेजा गया था। इसके साथ ही जांच अधिकारियों ने कहा कि अभी तो यह आगे की जांच का विषय है, जिसे समय के साथ आगे बढ़ाया जाएगा।
उन्होंने कहा कि डीएचएफएल घोटाले की जांच के सिलसिले में केंद्रीय जांच ब्यूरो ने शुक्रवार को मुंबई और पुणे में तीन स्थानों पर तलाशी ली, जहां से उसने 40 करोड़ रुपये से अधिक की पेंटिंग और मूर्तियां बरामद की।
तलाशी के बाद सीबीआई के अधिकारियों ने कहा कि मुंबई में अजय रमेश नवांदर के परिसरों की तलाशी के दौरान रोलेक्स ऑयस्टर परपेचुअल, कार्टियर, ओमेगा और हबलोत माइकल कोर्स सहित करोड़ों रुपये की उबेर-लक्जरी घड़ियों का एक विशाल कलेक्शन जब्त किया गया।
इसके अलावा एजेंसी ने मुंबई के खार वेस्ट में रेबेका दीवान के फ्लैटों की भी तलाशी ली। माना जाता है कि 8 करोड़ रुपये के फ्लैटों को दीवान हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड के कपिल वधावन ने खरीदा था।
सीबीआई ने इस कार्रवाई के बाद कहा, "जांच के दौरान हमें पता चला है कि प्रमोटरों ने कथित तौर पर फंड को डायवर्ट किया था और विभिन्न संस्थाओं में निवेश किया था। यह भी आरोप लगाया गया था कि प्रमोटरों ने डायवर्ट फंड का उपयोग करके लगभग 55 करोड़ रुपये की महंगी पेंटिंग और मूर्तियां खरीदी थीं।"
मालूम हो कि सीबीआई डीएचएफएल और उसके पूर्व सीएमडी कपिल वधावन, निदेशक धीरज वधावन और अन्य पर 34,615 करोड़ रुपये की कथित बैंक धोखाधड़ी के लिए मामला दर्ज करने के बाद से मामले की जांच कर रही है।
20 जून को मामला दर्ज होने के बाद सीबीआई के 50 से अधिक अधिकारियों की टीम ने 22 जून को मुंबई में आरोपियों से संबंधित करीब 12 परिसरों में तलाशी ली थी, जिनमें अमरीलिस रियल्टर्स के सुधाकर शेट्टी और आठ अन्य बिल्डर भी शामिल थे।
सीबीआई ने यह मामला यूनियन बैंक ऑफ इंडिया की शिकायत पर दर्ज की थी, जिसमें बैंक ने आरोप लगाया था कि उसने 2010 और 2018 के बीच डीएचएफएल को 42,871 करोड़ रुपये का लोन दिया।
बैंक ने आरोप लगाया है कि कपिल और धीरज वधावन ने तथ्यों को छुपाते हुए मई 2019 से लोन चुकाने में 34,614 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की और बैंक के साथ आपराधिक विश्वासघात और सार्वजनिक धन का दुरुपयोग किया। (समाचार एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ)