सीबीआई ने अनिल देशमुख के 100 करोड़ रुपये की उगाही के मामले में पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह और संजय पाण्डेय से की आमने सामने की पूछताछ
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: July 19, 2022 02:10 PM2022-07-19T14:10:22+5:302022-07-19T14:19:46+5:30
सीबीआई ने महाराष्ट्र के उस हाईप्रोफाइल केस में पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह और संजय पाण्डेय को एक साथ बैठाकर पूछताछ की, जिसका तार सीधे राज्य के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख से जुड़ता है।
मुंबई: केंद्रीय जांच ब्यूरो ने बीते सोमवार को मुंबई के दो पूर्व पुलिस कमिश्नर को आमने-सामने बैठाकर पूछताछ की। सीबीआई के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ जब दो पूर्व वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों को एक साथ सीबीआई के रडार से गुजरना पड़ा हो।
जी हां, सीबीआई ने महाराष्ट्र के उस हाईप्रोफाइल केस में पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह और संजय पाण्डेय को एक साथ बैठाकर पूछताछ की, जिसका तार सीधे राज्य के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख से जुड़ता है। सीबीआई ने मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह द्वारा कथित तौर पर महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख पर लगाये गये 100 करोड़ रुपये की उगाही के आरोपों के सिलसिले में इस पूछताछ को अंजाम दिया।
सीबीआई ने मुंबई के रिटायर पुलिस कमिश्नर संजय पाण्डेय से इस बाबत जानकारी ली कि उन्होंने किस आधार पर परमबीर सिंह को देशमुख के खिलाफ की गई शिकायत को वापस लेने के लिए कहा। मालूम हो कि उस समय संजय संजय पाण्डेय राज्य के पुलिस महानिदेशक के तौर पर तैनात थे।
समाचार बेवसाइट मिड डे के अनुसार तत्कालीन डीजीपी संजय पाण्डेय द्वारा गृहमंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ शिकायत वापस लेने के दबाव के बाद परमबीर सिंह इस मामले को लेकर सीधे हाईकोर्ट चले गये थे। जहां उन्होंने संजय पाण्डेय के साथ व्हाट्सएप पर हुई बातचीत को पेश किया। जिसके बाद संजय पाण्डेय परमबीर सिंह से संबंधित चल रही जांच से खुद को मुक्त कर लिया और उनके खिलाफ विभागीय जांच शुरू कर दी।
खबरों के मुताबिक सीबीआई पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह और संजय पाण्डेय के बयानों को कोर्ट में दायर होने वाली सप्लीमेंट्री चार्जशीट में कर सकती है। सीबीआई ने संजय पाण्डेय से यह भी पूछताछ की क्या तत्कालीन महाविकास अघाड़ी की सरकार के दबाव में परमबीर सिंह पर दबाव डाल रहे थे, जैसे की परमीर सिंह का आरोप है।
मालूम हो कि बीते जून में मुंबई के पुलिस कमिश्नर के पद से रिटायर होने वाले संजय पाण्डेय लगातार केंद्रीय एजेंसियों के रडार पर चल रहे हैं। पाण्डेय पर सीबीआई के साथ-साथ प्रवर्तन निदेशालय ने भी मनी लॉन्ड्रिंग मामले में शिकंजा कस रही है।
प्रवर्तन निदेशालय एनएसई मामले में संजय पाण्डेय को लगातार तीसरा समन जारी कर चुकी है। यह मामला साल 2009 से 2017 तक के बीच का है। इस मामले में सीबीआई द्वारा एनएसई अधिकारियों के कथित अवैध फोन-टैपिंग में केस दर्ज किये जाने के बाद प्रवर्तन निदेशालय ने भी उनके खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग मामला दर्ज किया था।
आईएसईसी सर्विसेज लिमिटेड में संजय पाण्डेय खुद साल 2006 तक निदेशक रहे थे। इतना ही नहीं संजय पाण्डेय के बेटे और मां भी एनएसई कंपनी के बोर्ड में थे और उनका नाम भी इस केस में दर्ज है।