मप्र: पहले से 2 शादी करने वाले पति के खिलाफ मामला हुआ दर्ज, आरोप-फोन कॉल और एसएमएस से तीसरी पत्नी को दिया था तीन तलाक
By भाषा | Published: January 19, 2023 01:58 PM2023-01-19T13:58:50+5:302023-01-19T14:15:45+5:30
मामले में बोलते हुए उप निरीक्षक मनीषा दांगी ने आरोपों के हवाले से बताया कि इमरान ने अपने विवाहित होने की बात छिपाकर इस महिला से निकाह किया था।
भोपाल: मध्यप्रदेश के इंदौर में एक महिला को फोन कॉल और एसएमएस से तीन तलाक देने के आरोप में उसके शौहर पर मामला दर्ज किया गया है। पुलिस की एक अधिकारी ने गुरुवार को यह जानकारी दी है।
उप निरीक्षक ने क्या कहा है
मामले में बोलते हुए उप निरीक्षक मनीषा दांगी ने बताया कि शहर के खजराना क्षेत्र में रहने वाली महिला की शिकायत पर उसके शौहर इमरान (32) के खिलाफ मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) अधिनियम 2019 और भारतीय दंड विधान के संबद्ध प्रावधानों के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है। उन्होंने बताया कि आरोपी राजस्थान के अजमेर का रहने वाला है।
दांगी ने आगे बताया कि पीड़ित महिला ने इमरान से तीसरा निकाह किया था और पिछली दो शादियों से उसके तीन बच्चे हैं, जबकि इमरान के बारे में पता चला है कि वह इंदौर निवासी महिला के अलावा तीन अन्य महिलाओं से भी कथित तौर पर शादी कर चुका है।
क्या है पूरा मामला
उप निरीक्षक ने बताया कि इंदौर निवासी महिला का एक वैवाहिक वेबसाइट के जरिये इमरान से संपर्क हुआ था। उन्होंने आरोपों के हवाले से बताया कि इमरान ने अपने विवाहित होने की बात छिपाकर इस महिला से निकाह किया था और उसे झांसा भी दिया था कि वह उसके और पिछली शादियों से हुए उसके बच्चों के भरण-पोषण की पूरी जिम्मेदारी उठाएगा।
फोन कॉल और एसएमएस के जरिए आरोपी ने दिया था तलाक- आरोप
दांगी के मुताबिक जब महिला को इमरान की पिछली शादियों के बारे में पता चला, तो उसने आरोपी के सामने कड़ी आपत्ति जताई जिससे दोनों के बीच अनबन रहने लगी। उन्होंने बताया कि महिला के शौहर इमरान ने दोनों के बीच वैवाहिक रिश्ते को तुरंत खत्म करने की नीयत से उसे कथित रूप से फोन कॉल और एसएमएस के जरिये ‘‘तलाक, तलाक, तलाक" कहा था।
अभी आरोपी को नहीं किया गया है गिरफ्तार- पुलिस
इस पर बोलते हुए उप निरीक्षक ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है और फिलहाल आरोपी को गिरफ्तार नहीं किया गया है। गौरतलब है कि मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) अधिनियम 2019 एक साथ तीन बार तलाक बोलकर वैवाहिक संबंध खत्म करने की प्रथा पर रोक लगाता है। आपको बता दें कि इस कानून में मुजरिम के लिए तीन साल तक के कारावास का प्रावधान है।