बीपीएससी पेपर लीक मामलाः गिरफ्तार डीएसपी रंजीत ने किए कई कारनामे, कई करीबियों को बनवा दिया अधिकारी, एसआईटी ने किए खुलासे
By एस पी सिन्हा | Published: July 14, 2022 06:25 PM2022-07-14T18:25:40+5:302022-07-14T18:26:33+5:30
BPSC paper leak case: डीएसपी रंजीत कुमार रजक के साथ उनके भाइयों और करीबियों की मुश्किलें बढ़नी तय है. सभी की बीपीएससी परीक्षा पास करने की जांच होगी.
पटनाः बिहार लोक सेवा आयोग(बीपीएससी) पेपर लीक मामले में जांच कर रही एसआईटी ने डीएसपी रंजीत कुमार रजक के करीबियों पर नकेल कसना शुरू कर दिया है. जांच में यह खुलासा हुआ है कि रंजीत के डीएसपी बनने के बाद ही एक भाई को एसडीएम तो दूसरे भाई लेबर इंफोर्समेंट अफसर बनाने में सफलता हासिल की थी.
जबकि वह अपने एक बहनोई को भी डीएसपी बनाने में सफल रहा था. अब इन तीनों की नौकरी की प्रक्रिया अब जांच के दायरे में आ चुकी है. डीएसपी रंजीत के साथ उनके भाइयों और करीबियों की मुश्किलें बढ़नी तय है. सभी की बीपीएससी परीक्षा पास करने की जांच होगी. एसआईटी ने इसपर काम शुरू कर दिया है. एसआईटी इसे लेकर बिहार लोक सेवा आयोग के संपर्क में है.
रंजीत को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है और उनके निलंबन की कार्रवाई भी जल्द पूरी कर ली जाएगी. रंजीत के खिलाफ एक और पुराने मामले में विभागीय स्तर पर जांच की भी तैयारी है. एसआईटी रंजीत कुमार रजक के करीबियों के बीटीएससी परीक्षा करने के बिंदुओं की भी जांच करेगी. सूत्रों के अनुसार पिछले 10 साल के अंदर रजक के कई करीबियों ने बीपीएससी की परीक्षा पास की है.
इस मामले की एसआईटी गंभीरता से जांच कर रही है. यही नहीं जेल भेजे गए डीएसपी रंजीत कुमार रजक के कारनामे ऐसे-ऐसे हैं, जिसे जानकर लोग हैरान रह जा रहे हैं. आर्थिक अपराध इकाई की पड़ताल में इनके एक और कारनामे का खुलासा हुआ है. कहा जा रहा है कि रंजीत के डीएसपी बनने के बाद जब वह बिहार पुलिस अकादमी में ट्रेनिंग ले रहा था.
उस दरम्यान एक वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी अकादमी के डीजी थे. जो बाद में बिहार के डीजीपी भी बने थे. सूत्रों के अनुसार ट्रेनिंग के दौरान ही डीजी और डीएसपी रंजीत की मुलाकात हुई थी. साथ में खाना-पीना भी हुआ था. उस दरम्यान रंजीत के पास खाना बनाने के लिए एक प्राइवेट कुक था और खाना उसी ने बनाया था.
डीजी साहब को प्राइवेट कुक का बनाया हुआ खाना बेहद पसंद आया था. शायद इस बात को रंजीत ने भांप लिया था. इसलिए तब उसने अपने प्राइवेट कुक को डीजी साहब के हवाले कर दिया. सूत्र बताते हैं कि रंजीत कुमार रजक की सेवा और उस प्राइवेट कुक की मेहनत के बदौलत उसकी बिहार पुलिस में बतौर सिपाही सरकारी नौकरी लग गई.
अब मामाला संज्ञान में आने के बाद ईओयू भी इस मामले में जुट गई है. बता दें कि डीएसपी रंजीत कुमार रजक और बीपीएससी पेपर लीक के मुख्य अभियुक्त शक्ति कुमार के बीच सांठगांठ के पुख्ता साक्ष्य हाथ लगने के बाद उन्हें एसआईटी की तरफ से गिरफ्तार किया गया था. पूछताछ के दौरान उन्होंने जांच में सहयोग नहीं किया. हालांकि उनके खिलाफ कई अहम सुराग हाथ लगे हैं.