बीपीएससीः प्रश्न पत्र लीक मामले में ईओयू टीम को बड़ी कामयाबी, सरकारी कर्मचारी सहित चार अरेस्ट
By एस पी सिन्हा | Published: May 15, 2022 06:21 PM2022-05-15T18:21:59+5:302022-05-15T18:23:08+5:30
ईओयू टीम के मुताबिक पिन्टू पटना एनआईटी से इंजीनियरिंग भी कर चुका है. पिन्टू इससे पहले 2015 में इलाहाबाद के अध्यापक भर्ती घोटाला में भी गिरफ्तार हुआ था. मुंगेर जिला में ये 2020 के हत्याकांड का भी अभियुक्त है.
पटनाः बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) की 67वीं संयुक्त प्रारंभिक प्रतियोगिता परीक्षा के प्रश्न पत्र लीक मामले में आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) टीम ने आज बड़ी कार्रवाई करते हुए सरकारी कर्मचारी समेत चार और लोगों को गिरफ्तार किया है.
एसआईटी ने उस शख्स को गिरफ्तार कर लिया है, जिसने आईएएस अधिकारी रंजीत कुमार सिंह को वायरल क्वेश्चन पेपर भेजा था. इस शख्स से लगातार पूछताछ चल रही थी और आखिरकार एसआईटी ने वायरल प्रश्न पत्र भेजने वाले शख्स को गिरफ्तार कर लिया.
बता दें कि शुक्रवार को आईएएस अधिकारी रंजीत कुमार सिंह समेत अन्य लोगों से एसआईटी ने महत्वपूर्ण जानकारियां लीं थी, इसके बाद आगे की कार्रवाई की गई. माना जा रहा है कि एसआईटी को इस मामले में कोई बड़ी जानकारी मिली है और प्रश्न-पत्र लीक होने के तार अब गिरोह से भी जुड़ चुके हैं. आज जिन अन्य 4 लोगों की गिरफ्तारी हुई है वो इसकी गिरोह से जुडे़ हुए हैं.
इनकी कमान एनआईटी के एक छात्र के हाथ में थी, जबकि कृषि विभाग के एक सहायक भी इस गिरोह से जुड़ा रहा. इसके साथ ही टीम ने यह दावा है कि पटना के लोहानीपुर इलाके में बकायदा कंट्रोल रूम बनाकर गिरोह के लोग काम कर रहे थे. इस पूरे मामले में सरगना आनंद गौरव उर्फ पिन्टू यादव का नाम सामने आ रहा है.
ईओयू टीम के मुताबिक पिन्टू पटना एनआईटी से इंजीनियरिंग भी कर चुका है. पिन्टू इससे पहले 2015 में इलाहाबाद के अध्यापक भर्ती घोटाला में भी गिरफ्तार हुआ था. मुंगेर जिला में ये 2020 के हत्याकांड का भी अभियुक्त है. ईओयू की टीम को छापेमारी के दौरान कई अत्याआधुनिक गैजेट भी मिले हैं. गिरफ्तार होने वालों में भागलपुर निवासी राजेश कुमार, जो कृषि विभाग में सहायक के पद पर है.
निशिकांत कुमार राय, जो सीवान जिला के निवासी है. पटना के कंकड़बाग से कृष्ण मोहन सिंह जो वैशाली जिला के निवासी है और हाई स्कूल देसरी के शिक्षक हैं. सुशील कुमार सिंह जो औरंगाबाद के निवासी है, शामिल हैं. गिरफ्तार अभियुक्तों से पूछताछ में यह जानकारी सामने आई है कि यह गिरोह पटना में एक कंट्रोल रूम बनाए हुए था. जो कदमकुआं थाना के लोहानीपुर मोहल्ले में बनाया गया था.
यह गिरोह प्रश्न-पत्र लीक कर उसका सही उत्तर देने के एवज में अपने क्लाइंट से लाखों रुपये वसूलता था. कई परीक्षार्थियों को ये प्रश्न-पत्र उपलब्ध कराता रहा. इस गिरोह के कई अन्य लोगों की पहचान हुई है जिनकी गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है. वहीं, कंट्रोल रूम से एसआईटी ने कैश भी बरामद किया है. पिन्टू के बैंक अकाउंट में 12 लाख होने की सूचना के बाद ईओयू की टीम ने खाते को फ्रीज करवा दिया है.