बिहार पुलिस के इंस्पेक्टर की पश्चिम बंगाल में मॉब लिंचिंग, तीन आरोपी गिरफ्तार, जानिए क्या है पूरा मामला
By एस पी सिन्हा | Published: April 10, 2021 02:53 PM2021-04-10T14:53:16+5:302021-04-10T14:53:16+5:30
बिहार के किशनगंज सदर के थानाध्यक्ष अश्विनी कुमार की पश्चिम बंगाल में भीड़ द्वारा पीट-पीटकर हत्या का मामला सामने आया है। ये घटना उस समय हुई जब वे अपनी टीम के साथ सीमा से सटे पश्चिम बंगाल में ग्वालपोखर में एक चोरी के सिलसिले में जांच के लिए गए थे।
पटना: बिहार के किशनगंज जिले की सीमा से सटे पश्चिम बंगाल में ग्वालपोखर थाना क्षेत्र के पंतापाडा गांव में बाइक चोरी के मामले में छापेमारी करने गई बिहार पुलिस टीम पर भीड़ ने हमला कर दिया.
इस दौरान किशनगंज सदर के थानाध्यक्ष अश्विनी कुमार मॉब लिंचिंग के शिकार हो गये. बंगाल में भारी भीड़ ने थानाध्यक्ष को घेर लिया और पीट-पीट कर उनकी हत्या कर दी. इस घटना के बाद इलाके में हड़कंप मचा हुआ है.
इस घटना की सूचना पुलिस को दी गई, जिसके बाद पुलिस मौके पर पहुंची और इंस्पेक्टर के शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम कराया. घटना शनिवार तड़के 3 बजे के करीब की है.
मामले में पुलिस छापेमारी कर रही है. इस बीच पुलिस ने बंगाल के तीन लोगों को गिरफ्तार भी कर लिया है. किशनगंज पुलिस उन्हें लेकर किशनगंज पहुची है.
बंगाल पहुंची चोरी की बाइक को खोजने पहुंची थी पुलिस
प्राप्त जानकारी के अनुसार किशनगंज सदर थाना क्षेत्र में बाइक चोरी की घटना घटित हुई थी. थानाध्यक्ष को यह पता चला था कि चोरी के आरोपी का घर बंगाल के पांतापाडा में है. इसकी सूचना मिलने के बाद सदर थानाध्यक्ष अश्विनी कुमार के नेतृत्व में एक टीम ढेकसारा के पास एक गांव पहुंची.
पुलिस के पहुंचते ही लोगों ने टीम को घेर लिया. तभी आसपास के लोग भी वहां जमा हो गए. इतने में पुलिस टीम भी अपने को बचाने में जुट गई. लोगों ने ईंट- पत्थर से हमला कर दिया.
अपराधियों ने पुलिस को घेरकर ताबड़तोड गोलियां चलाईं. बताया जा रहा है कि थानाध्यक्ष को कई गोलियां भी लगी और वे वहीं गिर पड़े.
बिहार पुलिस की टीम को सहयोग नहीं मिलने का लग रहा आरोप
घटना की सूचना पर वरीय पुलिस अधिकारी पूर्णिया आईजी सुरेश चौधरी और एसपी कुमार आशीष मौके पर पहुंचे. बताया जा रहा है कि इस छापेमारी को लेकर पश्चिम बंगाल की पुलिस को सूचना दी गई थी.
इसके बावजूद बिहार पुलिस की टीम को कोई सहयोग नहीं किया. मृत थानाध्यक्ष पूर्णिया के जानकीनगर के रहनेवाले थे. इधर घटना के बाद पुलिस ने घटनास्थल को चारों ओर से घेर लिया.
पूर्णिया प्रक्षेत्र के आईजी ने घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि बाइक चोरी के मामले में सदर पुलिस की टीम पंतापाड़ा पहुंची थी. आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए बंगाल पुलिस के सहयोग से छापेमारी की जा रही है.
पुलिसकर्मी की पूरे सम्मान के साथ अंतिम विदाई
टाउन थानाध्यक्ष का शव पोस्टमॉर्टम के लिए इस्लामपुर अस्पताल लाया गया, जहां वरीय अधिकारियों की मौजूदगी में शव का पोस्टमॉर्टम कराया गया है.
इसके बाद थानाध्यक्ष अश्विनी कुमार के पार्थिव शरीर को किशनगंज पुलिस लाइन लाया गया. डीएम, एसपी, आईजी पुलिस बल के साथ तिरंगा पहना कर सम्मान किया गया.
वहीं डीएम, एसपी, आईजी समेत वहां मौजूद अधिकारियों ने पार्थिव शरीर को माला अर्पण कर अंतिम विदाई दी. इस घटना को लेकर बिहार के डीजीपी ने नाराजगी जताई है. कार्रवाई को लेकर बंगाल पुलिस से सहयोग नहीं मिलने को लेकर डीजीपी एसके सिंघल ने बंगाल के डीजीपी से बात कर अपना गुस्सा जाहिर किया है.
वहीं बंगाल के डीजीपी ने इस घटना को लेकर अपना दुख जाहिर किया है, साथ ही हत्या की जांच में पूरा सहयोग करने का भरोसा दिया है.
पुलिसकर्मी की मौत पर सियासत भी हुई तेज
दूसरी ओर किशनगंज में इंस्पेक्टर की हत्या के बाद अब बिहार की सियासत गर्माने लगी है. इस हत्या को मॉब लिंचिंग का मामला बताया गया है. इस मामले को लेकर बिहार पुलिस और सत्ता पक्ष के नेता काफी आक्रोशित हैं.
वहीं सत्ता पक्ष के नेता ने यह तक कह डाला है कि पश्चिम बंगाल में कानून व्यवस्था नाम की चीज ही नहीं है. इसके साथ ही भाजपा और जदयू के नेताओं ने पश्चिम बंगाल की सरकार ममता बनर्जी पर जमकर हमला बोला है.
बिहार के सियासी दलों ने पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी को घेरते हुए गृह मंत्रालय से हस्तक्षेप की मांग कर दी है ताकि अपराधियों की गिरफ्तारी हो सके.
मिली जानकारी के मुताबिक, इस मामले में जदयू विधान पार्षद गुलाम गौस ने भी घटना पर दुख जताते हुए कहा कि बिहार ने अपना एक जांबाज पुलिस अफसर खो दिया है. उन्होंने इस मामले में गृह मंत्री को संज्ञान लेने की मांग की.