बिहार: रोहतास से गरीब नाबालिग लड़कियों को नागपुर ले जाकर धर्मांतरण कराने वाले गिरोह का पर्दाफाश, 8 को मुक्त कराया गया
By एस पी सिन्हा | Published: September 16, 2022 03:08 PM2022-09-16T15:08:47+5:302022-09-16T15:08:47+5:30
रोहतास से नाबालिग आदिवासी लड़कियों को नागपुर ले जाकर उनका धर्म परिवर्तन कराने की साजिश का खुलासा हुआ है। ऐसे 8 आदिवासी लडकियों को मुक्त कराया गया है, जिन्हें नागपुर ले जाने की तैयारी चल रही थी।
रोहतास: बिहार के रोहतास जिले के पहाड़ी इलाके में कथित तौर पर धर्मांतरण के लिए नाबालिग लड़कियों को बहला फुसलाकर दीक्षा भूमि ट्रेन से महाराष्ट्र के नागपुर ले जाने का एक बड़ा मामला सामने आया है। इस मामले को ह्यूमन ट्रैफिकिंग से भी जोड़कर देखा जा रहा है।
धर्मान्तरण का धंधा आंगनबाडी केन्द्रों के माध्यम से ईसाई मिशनरियों द्वारा चलाया जा रहा था। एनजीओ व चाइल्ड लाइन की मदद से ऐसे 8 आदिवासी लडकियों को मुक्त कराया गया है। वहीं दो दलाल को भी पकड़ा गया है। इन बच्चियों को मुफ्त शिक्षा व भोजन का लालच देकर नागपुर के इसाई मिशनरी में रखा जाना था।
बताया जाता है कि रोहतास के तिलौथू इलाके में इन दिनों पहाड़ी इलाके के रहने वाले जनजाति के लडकियों को प्रलोभन देकर नागपुर ले जाने की योजना थी। उल्लेखनीय है कि इसी 12 सितंबर को डेहरी ऑन सोन रेलवे स्टेशन पर आरपीएफ ने एक नाबालिग लड़की का रेस्क्यू किया था। जिसकी निशानदेही पर महिलाओं के लिए काम करने वाली एनजीओ 'परिवर्तन विकास संस्था' के सहयोग से जब रोहतास थाना क्षेत्र में पिपराडीह गांव में दविश बनाई गई, तो एक मकान के कमरे से 8 लडकियां बरामद हुई।
इसमें से दो झारखंड के गढवा जिले की रहने वाली है। जबकि अन्य लड़कियां कैमूर पहाड़ी के हरैया, गोरियारी, नागा टोली, रेहल गांव की है। सूत्रों की माने तो इलाके से 50 से अधिक लड़कियों को अब तक नागपुर के अलावा अन्य जगहों पर भेजा जा चुका है।
लडकियों को बिचौलियों से बचाने वाली परिवर्तन विकास संस्था की सचिव सविता डे ने बताया कि कंप्यूटर शिक्षा देने के नाम पर इन अनपढ़ बच्चियों को ले जाया जा रहा था। बताया जाता है कि कैमूर पहाड़ी पर कई ईसाई मिशनरियां सक्रिय हैं, जो गरीब आदिवासी बच्चियों को निशाना बना रहे हैं। उसे दूसरे प्रांतों में ले जाकर नौकरी दिलाने के नाम पर धर्म परिवर्तन तक करवा रही हैं।
फिलहाल सभी बच्ची को पटना जिला के मोकामा चाइल्डलाइन को सौंपा गया है। इस संबंध में रोहतास थाना में प्राथमिकी दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी गई है। फिलहाल जिला प्रशासन का कोई भी अधिकारी इस पर बोलने को तैयार नहीं है। चाइल्ड वेलफेयर सोसाइटी के लोग भी खुलकर सामने नहीं आ रहे हैं।