भय्यूजी महाराज सुसाइड केस: 3 साल में 32 गवाह और 150 पेशी, शिष्या पलक, मुख्य सेवादार विनायक, शरद पाए गए दोषी, सभी को 6-6 साल का कारावास
By मुकेश मिश्रा | Published: January 28, 2022 02:54 PM2022-01-28T14:54:34+5:302022-01-28T14:54:34+5:30
चर्चित भय्यूजी महाराज सुसाइड केस में आज कोर्ट का फैसला आ गया है। कोर्ट ने सेवादार शरद देशमुख, विनायक दुधाले और पलक पुराणिक को दोषी मानते हुए उन्हें 6-6 साल कारावास की सजा से सुनाई है।
इंदौरः देश के बहुचर्चित भय्यूजी महाराज (उदय सिंह देशमुख) आत्महत्या मामले में गिरफ्तार सेवादार शरद देशमुख, विनायक दुधाले और पलक पुराणिक को दोषी मानते हुए अदालत ने तीनों को 6-6 साल की सजा से सुनाई है। शुक्रवार को सत्र न्यायाधीश धर्मेंद्र सोनी की कोर्ट ने माना कि आरोपित महाराज को पैसों के लिए प्रताड़ित करते थे।
कोर्ट ने कहा, पैसों के लिए महाराज को ब्लैकमेल भी किया जाता था। गौरतलब है कि 12 जून 2018 को इंदौर में स्लिवर सिप्रिंग वाले बंगले में भैय्यू महाराज ने खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी। भैय्यूजी महाराज ने भी अपने सुसाइड नोट में विनायक का जिक्र किया था क्योंकि वह भय्यूजी का 16 साल पुराना वफादार सेवक था।
घटना के करीब छह महीने बाद पुलिस ने महाराज के तीन नौकरों पलक, विनायक और शरद को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में गिरफ्तार किया था। तब से तीनों आरोपी जेल में हैं। कोर्ट ने इन्हें मामले में दोषी पाया है।