Belagavi News: बेटा लड़की लेकर भागा और मां को सजा, गांव में निर्वस्त्र घुमाया, ‘क्या हम 21वीं सदी में जा रहे हैं या 17वीं सदी में वापस लौट रहे हैं’, कर्नाटक उच्च न्यायालय ने कहा

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: December 14, 2023 06:31 PM2023-12-14T18:31:54+5:302023-12-14T18:32:39+5:30

Belagavi News: अदालत ने यह सवाल भी किया, ‘‘क्या हम 21वीं सदी में जा रहे हैं या 17वीं सदी में वापस लौट रहे हैं।’’

Belagavi News Son eloped with girl and mother punished, paraded naked in village, 'Are we going to 21st century or returning to 17th century' Karnataka High Court said | Belagavi News: बेटा लड़की लेकर भागा और मां को सजा, गांव में निर्वस्त्र घुमाया, ‘क्या हम 21वीं सदी में जा रहे हैं या 17वीं सदी में वापस लौट रहे हैं’, कर्नाटक उच्च न्यायालय ने कहा

सांकेतिक फोटो

Highlightsमहिला का बेटा 11 दिसंबर की तड़के उस लड़की के साथ भाग गया था।सगाई किसी और से होने वाली थी। निर्वस्त्र कर घुमाया गया और बिजली के खंभे से बांध दिया गया।

Belagavi News: कर्नाटक उच्च न्यायालय ने बेलगावी जिले के एक गांव में एक महिला को निर्वस्त्र घुमाने की घटना को ‘असाधारण मामला’ बताते हुए नाराजगी जाहिर की और कहा कि ‘‘इस मामले में सख्ती से निपटा जायेगा।’’ अदालत ने यह सवाल भी किया, ‘‘क्या हम 21वीं सदी में जा रहे हैं या 17वीं सदी में वापस लौट रहे हैं।’’

महिला का बेटा 11 दिसंबर की तड़के उस लड़की के साथ भाग गया था जिसकी सगाई किसी और से होने वाली थी। इसके बाद महिला के साथ कथित तौर पर मारपीट की गई, उसे निर्वस्त्र कर घुमाया गया और बिजली के खंभे से बांध दिया गया।

एक खंडपीठ ने बेलगावी के पुलिस आयुक्त और सहायक पुलिस आयुक्त (एसीपी) को अतिरिक्त रिपोर्ट दाखिल करने के लिए 18 दिसंबर को व्यक्तिगत रूप से अदालत में उपस्थित होने का निर्देश दिया। महाधिवक्ता ने बृहस्पतिवार को मुख्य न्यायाधीश प्रसन्ना बी. वराले और न्यायमूर्ति कृष्ण एस. दीक्षित की खंडपीठ के समक्ष इस घटना को लेकर की गई कार्रवाई से संबंधित एक ज्ञापन और कुछ दस्तावेज रखे।

पीठ ने आदेश दिया, ‘‘कम से कम हम यह कह सकते हैं कि घटना के बाद जिस तरह से चीजें हुईं, उससे हम संतुष्ट नहीं हैं। महाधिवक्ता ने अतिरिक्त रिपोर्ट सौंपने के लिए कुछ समय मांगा है। इसके मद्देनजर महाधिवक्ता को सोमवार को एक अतिरिक्त स्थिति रिपोर्ट रिकॉर्ड पर रखने की अनुमति दी जाती है।’’ उच्च न्यायालय ने यह भी निर्देश दिया कि दोषियों को तुरंत गिरफ्तार किया जाये।

इस घटना पर नाराजगी जताते हुए उच्च न्यायालय ने कहा, ‘‘यह हम सभी के लिए शर्म की बात है। आजादी के 75 साल बाद भी हम इस तरह की स्थिति की उम्मीद नहीं कर सकते। यह हमारे लिए एक सवाल है कि क्या हम 21वीं सदी में जा रहे हैं या 17वीं सदी में वापस लौट रहे हैं?’’ उच्च न्यायालय ने कहा, ‘‘यह (घटना) आने वाली पीढ़ी को प्रभावित करेगी।

क्या हम एक ऐसा समाज बना रहे हैं जहां हमें बेहतर भविष्य के सपने देखने का मौका मिले या हम एक ऐसा समाज बना रहे हैं, जहां कोई यह महसूस करे कि जीने से बेहतर मर जाना है? जहां एक महिला के लिए कोई सम्मान नहीं है।’’

उच्च न्यायालय ने सुनवाई के दौरान कहा कि आरोपी भी अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति (एससी/एसटी) समुदाय से थे और इसलिए इस मामले में एससी/एसटी (अत्याचार निवारण) अधिनियम के प्रावधान लागू नहीं होते है। उच्च न्यायालय ने 12 दिसंबर को मीडिया में आई कुछ खबरों के आधार पर घटना का स्वत: संज्ञान लिया था।

अदालत ने बृहस्पतिवार को सुनवाई के दौरान कहा, ‘‘एक खतरनाक संकेत जा रहा है कि कानून का कोई डर नहीं है। कानून का डर न होना बहुत परेशान करने वाली बात है।’’ अदालत ने महाधिवक्ता को यह बताने का भी निर्देश दिया कि क्या पीड़ित महिला के लिए कोई मुआवजा योजना उपलब्ध है।

Web Title: Belagavi News Son eloped with girl and mother punished, paraded naked in village, 'Are we going to 21st century or returning to 17th century' Karnataka High Court said

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