विधान परिषद की गाड़ी, सांसद का स्टीकर, अनंत सिंह को लेने पहुंची एएसपी लिपि सिंह फंसी विवादों में
By एस पी सिन्हा | Published: August 25, 2019 07:37 PM2019-08-25T19:37:31+5:302019-08-25T19:37:31+5:30
पैतृक घर से एके-47 रायफल मिलने के मामले में गिरफ्तार बाहुबली विधायक अनंत सिंह को दिल्ली के साकेत कोर्ट से ट्रांजिट रिमांड पर लेने गईं बाढ एएसपी लिपि सिंह गाड़ी को लेकर विवाद में फंस गई हैं। वह जिस गाड़ी से कोर्ट पहुंची थीं, वह विधान परिषद की थी और उस पर सांसद का स्टीकर लगा था।
दिल्ली के साकेत कोर्ट में पेशी के दौरान बाहुबली विधायक अनंत सिंह को ट्रांजिट रिमांड पर लेने पहुंची बाढ की एएसपी लिपि सिंह विवादों में फंस गई हैं. लिपि सिंह इस संगीन मामले में अनंत सिंह को कोर्ट से ट्रांजिट रिमांड पर लेने के लिए सांसद के स्टिकर लगी गाड़ी से पहुंची, जिसके बाद बवाल मच गया. इसके लिए एएसपी लिपि सिंह जब साकेत कोर्ट पहुंची थीं तो वह जदयू विधान पार्षद रणवीर नंदन के एमपी स्टिकर लगे वाहन से.
इसके साथ ही दो सवाल उभरकर आए कि लिपि सिंह किसी जदयू नेता के गाड़ी से कोर्ट क्यों गईं? दूसरा यह कि अगर गाड़ी रणवीर नंदन के नाम पर है तो फिर उस पर राज्यसभा सांसद का स्टीकर कैसे लगा?
शनिवार को दिल्ली के साकेत कोर्ट में अनंत सिंह को ट्रांजिट रिमांड पर लेने की प्रक्रिया चल रही थी तो एएसपी लिपि सिंह वहां पहुंची थीं. अब सवाल यह है कि लिपि सिंह किसी जदयू नेता की गाड़ी से कोर्ट क्यों गईं? दूसरा यह कि अगर रणवीर नंदन, जो विधान पार्षद हैं, गाड़ी अगर उनके नाम पर है तो फिर उस पर राज्यसभा सांसद का स्टिकर कैसे लगा?
वहीं, मामला मीडिया की नजरों में आने के बाद जदयू नेताओं को तो जवाब देते नहीं बन रहा है. पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव से जब इस बाबत पूछा गया तो वे बिहार में कानून का राज होने की दलील देने लगे. साथ ही यह भी कह दिया कि मुझे इस बारे में कोई जानकारी नहीं, मैंने नही देखा है. वहीं जदयू के प्रवक्ता संजय सिंह सरकारी और प्राइवेट गाड़ी का अंतर बताने में लग गए. उन्होंने कहा कि सरकारी गाड़ी से तो नहीं गई ना. प्राइवेट गाड़ी से कोई कहीं भी जा सकता है. हालांकि जदयू नेता ये नहीं बता पाए कि एमपी स्टिकर लगी गाड़ी से आने का औचित्य क्या रहा?
वहीं कांग्रेस विधान पार्षद प्रेमचंद्र मिश्रा ने लिपि सिंह के एक एमपी स्टिकर लगे हुए गाड़ी से एक पुलिस अधिकारी के कोर्ट जाने को गंभीर मामला बताया है. उन्होंने कहा कि साफ है कि अनंत सिंह को फसाने की साजिश रची जा रही है.
हालांकि यह बात भी सामने आने के बाद लिपि सिंह जिस सफारी कार से साकेत कोर्ट गई थीं वह पहले साकेत कोर्ट परिसर के अंदर कर दी गई और बाद में मामले के तूल पकड़ते देख ड्राइवर उस कार को लेकर कोर्ट से बाहर कहीं लेकर निकल गया था.
यहां यह भी उल्लेखनीय है कि अनंत सिंह बराबर ये आरोप लगा रहे हैं कि एएसपी लिपि सिंह ने जदयू सांसद ललन सिंह के साथ मिलकर साजिश रची है और उन्हें फंसाया जा रहा है.
वहीं, अनंत सिंह के समर्थकों और विपक्ष के नेताओं का कहना है कि ऐसे संगीन मामले में लिपि सिंह ने जदयू के विधानपार्षद रणवीर नन्दन की सफारी गाड़ी का उपयोग किया था. इस गाड़ी का उपयोग करना यह दर्शाता है कि वो रसूख वाली हैं.
विपक्षी नेताओं का यह कहना है कि लिपि सिंह आइपीएस हैं और सरकार ने उन्हें सारी सुविधाएं, सरकारी गाड़ी दी है और अनंत सिंह को वह ट्रांजिट रिमांड पर लेने कोर्ट पहुंची थीं, ऐसे में सांसद की गाड़ी से कोर्ट पहुंचना, ऐसा उन्होंने क्यों किया? उन्हें इसका जवाब देना चाहिए.
बाहुबली नेता और मोकामा से निर्दलीय विधायक अनंत सिंह के साम्राज्य को हिला देने वाली युवा आईपीएस अधिकारी और पटना के बाढ अनुमंडल की एडिशनल एसपी लिपि सिंह जदयू के वरिष्ठ नेता और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बेहद करीबी और राज्यसभा सांसद आरसीपी सिंह की बेटी हैं.
2016 बैच की आईपीएस अधिकारी लिपि सिंह ने मोकामा के बाहुबली विधायक अनंत सिंह के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करते हुए कुछ दिन पहले मोकामा स्थित उनके पैतृक गांव लदमा में छापेमारी की और उनके घर से एक एके-47 राइफल, 22 जिंदा कारतूस और 2 हैंड ग्रेनेड बरामद किए. इसी बरामदगी को लेकर लिपि सिंह ने अनंत सिंह के खिलाफ अनलॉफुल एक्टिविटीज प्रीवेंशन एक्ट (यूएपीए) के तहत एफआईआर दर्ज करवाई है.
यहां बता दें कि लिपि सिंह आईपीएस बनने के बाद अपने कैरियर के छोटे से अंतराल में ही विवादों से भी काफी घिरी रही हैं. 2019 लोकसभा चुनाव के दौरान अनंत सिंह की पत्नी नीलम देवी की शिकायत पर चुनाव आयोग ने लिपि सिंह का बाढ एडिशनल एसपी से तबादला कर आतंक निरोधक दस्ते में कर दिया था.
नीलम देवी कांग्रेस के टिकट पर मुंगेर से जदयू उम्मीदवार ललन सिंह के खिलाफ चुनाव लड़ी थीं और चुनाव में ललन सिंह ने नीलम देवी को हराया था. चुनाव समाप्त होने के बाद लिपि सिंह एक बार फिर से बाढ एडिशनल एसपी के पद पर पदस्थापित कर दी गई थीं. दूसरी बार बाढ के एडिशनल एसपी का पदभार संभालने के बाद ही लिपि सिंह ने अनंत सिंह के साम्राज्य के खिलाफ हल्ला बोल दिया है.