सैन्य अधिकारी की मंगेतर ने सुनाई खौफनाक आपबीती, 'पुलिस ने हाथ-पैर बांध कर हवालात में फेंका, कपड़े भी उतारे...'
By शिवेन्द्र कुमार राय | Published: September 20, 2024 02:42 PM2024-09-20T14:42:31+5:302024-09-20T14:44:57+5:30
महिला पुलिस अधिकारी पर हमला करने के आरोप में पुलिस द्वारा गिरफ्तार की गई पीड़िता ने कहा कि आईआईसी की बर्बरता ने सारी हदें पार कर दीं। पीड़िता ने कहा कि पुलिस ने उसे झूठे मामले में फंसाया और खुद को बचाने के लिए उसे गिरफ्तार कर लिया।
भुवनेश्वर: 15 सितंबर को भुवनेश्वर के भरतपुर पुलिस स्टेशन में पुलिस द्वारा कथित रूप से प्रताड़ित की गई एक सेना अधिकारी की मंगेतर ने जेल से रिहा होने के बाद अपनी भयावह आपबीती सुनाई है। 32 वर्षीय रेस्तरां मालिक और वकील ने रोते हुए आरोप लगाया कि इंस्पेक्टर-इन-चार्ज (आईआईसी) दीनाकृष्ण मिश्रा और चार अन्य कर्मियों ने उनके कपड़े उतार दिए और उसे लात-घूंसों से पीटा। इंस्पेक्टर-इन-चार्ज समेत सभी आरोपियों को निलंबित कर दिया गया है।
महिला पुलिस अधिकारी पर हमला करने के आरोप में पुलिस द्वारा गिरफ्तार की गई पीड़िता ने कहा कि आईआईसी की बर्बरता ने सारी हदें पार कर दीं। पीड़िता ने कहा कि पुलिस ने उसे झूठे मामले में फंसाया और खुद को बचाने के लिए उसे गिरफ्तार कर लिया। बुधवार को उड़ीसा उच्च न्यायालय ने उन्हें जमानत दे दी। महिला के अनुसार, वह और उसका मंगेतर 15 सितंबर को देर रात अपना रेस्तरां बंद करके घर लौट रहे थे, तभी बदमाशों ने उन्हें घेर लिया और उन पर हमला कर दिया।
Army Major’s fiancée relates her terrifying ordeal with goons & then state police after 3 days in lock-up in Odisha. Police forced to take action. Horrifying, shameful. Full story on @IndiaToday. pic.twitter.com/GaGOfaiJTa
— Shiv Aroor (@ShivAroor) September 19, 2024
पांचों पुलिसकर्मियों ने सभी आरोपों से इनकार किया है और अब वे अपराध शाखा की जांच का सामना कर रहे हैं। पीड़ित महिला ने आईआईसी और अन्य पुलिसकर्मियों की गिरफ्तारी की मांग की। उन्होंने कहा कि उन पर हमले के बाद वे तुरंत भरतपुर पुलिस स्टेशन शिकायत दर्ज कराने गए, लेकिन मदद मिलने के बजाय उनके साथ अपराधियों जैसा व्यवहार किया गया। पीड़िता ने दावा किया कि जब उसने पुलिस से गुंडों को गिरफ्तार करने का अनुरोध किया, तो उन्होंने उसके और उसके मंगेतर के साथ दुर्व्यवहार करना शुरू कर दिया।
महिला पुलिसकर्मी पर हमला करने के आरोपों से इनकार करते हुए कहा कि जब दो महिला पुलिसकर्मियों ने मेरे बाल पकड़कर मुझे घसीटा और मेरे साथ मारपीट की, तो मैंने वापस लड़ने की कोशिश की। आत्मरक्षा के लिए, मैंने एक महिला अधिकारी के हाथ को काट लिया। पीड़िता ने आगे आरोप लगाया कि पुलिस ने उसके हाथ और पैर रस्सियों से बांध दिए और उसे एक कमरे में फेंक दिया, जहाँ एक पुरुष अधिकारी ने उसके साथ दुर्व्यवहार किया।
पीड़िता वर्तमान में एम्स भुवनेश्वर में इलाज करा रही है। उन्होंने मांग की है कि पूर्व आईआईसी और अन्य जिन्होंने सेना अधिकारी पर हमला किया और उसके साथ छेड़छाड़ की, उन्हें गिरफ्तार किया जाए। इस मामले में सेना के कैप्टन ने कहा कि उन्हें सुबह 3 बजे से सुबह 6 बजे तक सेल में अवैध रूप से हिरासत में रखा गया था। उनकी शिकायत के अनुसार, आईआईसी मिश्रा सुबह 6 बजे के आसपास थाने पहुँचे। जब उनकी मंगेतर, जो एक वकील हैं, ने आईआईसी से उनकी अवैध हिरासत के बारे में पूछा, तो उन्हें पुलिस ने एक कमरे में खींच लिया, कपड़े उतार दिए और मारपीट की।
सेना के कैप्टन ने अपनी शिकायत में लिखा, “मैं 30 मिनट तक उसकी चीखें सुनता रहा। बाद में, मेरी मंगेतर को अवैध रूप से गिरफ्तार कर लिया गया और अदालत में भेज दिया गया।” सरकार ने बुधवार को भरतपुर पुलिस स्टेशन के पांच कर्मियों को निलंबित कर दिया।