छह वर्षीय बच्ची से दुष्कर्म, आरोपी को कोर्ट 15 दिन में सुनाई फांसी की सजा, 10000 रुपया जुर्माना
By एस पी सिन्हा | Published: January 27, 2022 08:40 PM2022-01-27T20:40:31+5:302022-01-27T20:41:35+5:30
व्यवहार न्यायालय अररिया के एडीजे-6 सह पॉक्सो एक्ट के विशेष जज शशिकांत राय की अदालत ने यह सजा सुनाई है.
पटनाः बिहार में अररिया जिले के भरगामा थाना क्षेत्र में घर के दरवाजे के समीप खेल रही अनुसूचित जाति की एक छह वर्षीय बच्ची के साथ दुष्कर्म मामले में दोषी पाया गया मेजर को स्पेशल पॉक्सो कोर्ट ने सजा-ए-मौत की सजा सुनाई है.
व्यवहार न्यायालय अररिया के एडीजे-6 सह पॉक्सो एक्ट के विशेष जज शशिकांत राय की अदालत ने यह सजा सुनाई है. इसके साथ ही एससी/एसटी एक्ट की धाराओं में आजीवन सश्रम कारावास और 10 हजार रुपया जुर्माना भी लगाया गया है. पॉक्सो एक्ट में बच्ची के परिवार को डीएलएसए सचिव को विक्टिम फंड से दस लाख रुपए देने का आदेश दिया है.
इस अतिसंवेदनशील मामले में अररिया के स्पेशल कोर्ट के विशेष न्यायाधीश शशिकांत राय की अदालत में आज सजा की बिंदु पर सुनवाई पूरी की. धारा 376 भादवि के अन्तर्गत फांसी की सजा दी गई है. वहीं, धारा 3(2) (5) एस.सी/एस.टी अधिनियम के अन्तर्गत आजीवन सश्रम कारावास एवं 10 हजार रुपये जुर्माना लगाया गया है.
अदालत ने आरोप पत्र दायर होने के बाद केवल तीन सुनवाई और 15 दिन में ही सजा सुनाकर मिसाल भी कायम की है. एक दिसंबर को हुई घटना के बाद 12 जनवरी को जांच अधिकारी रीता कुमारी ने चार्जशीट कोर्ट में दाखिल की थी. 20 जनवरी को मामले में कोर्ट ने संज्ञान लिया. 22 जनवरी को आरोप गठित किया गया. 25 जनवरी को दोषी करार दिया गया और 27 जनवरी को सजा सुना दी गई.
इस मामले में विस्तृत जानकारी देते हुए विशेष लोक अभियोजक (स्पेशल पीपी) डॉ श्याम लाल यादव ने बताया कि घटना पहली दिसंबर 2021 को 8 बजे शाम की है.घटना को लेकर पीडिता की मां ने महिला थाना अररिया में कांड संख्या- 137/2021 दर्ज करवाया था. आरोपी के विरुद्ध चार्जशीट 12 जनवरी 22 को लिखते हुए न्यायालय के सुपुर्द किया गया था.
जिसमें न्यायालय द्वारा 20 जनवरी को धारा 376 भादवि, धारा-4 पॉक्सो अधिनियम एवं धारा 3(2) (5) एस.सी/एस.टी अधिनियम के अन्तर्गत संज्ञान लिया गया. वही, 22 जनवरी को आरोप गठन के बिन्दु पर सुनवाई हुई. आरोपी मेजर अररिया के भरगामा थाना क्षेत्र के वीरनगर पश्चिम का रहने वाला है.
कोर्ट में पेश किये गए गवाहों को सुनने और सबूतों को देखने के बाद जज शशिकांत राय ने आरोपी को सजा सुनाई. न्यायालय में अभियोजन द्वारा प्रस्तुत किये गये सभी गवाहों ने घटना का पूर्ण समर्थन किया. गवाहों की गवाही से संतुष्ट होकर एडीजे-6 ने आरोपी को दोषी पाया. सजा पर अभियोजन व बचाव पक्ष के अधिवक्ताओ ने अपना-अपना पक्ष रखा. दलीलें सुनने के बाद न्यायालय के न्यायाधीश ने सजा सुना दी.