पुणे निवासी अनिल बस्तावडे ने रांची स्थित ईडी की अदालत में किया आत्मसमर्पण, IAS अधिकारी पूजा सिंघल की रिमांड अवधि और 5 दिन बढ़ी
By एस पी सिन्हा | Published: May 20, 2022 05:33 PM2022-05-20T17:33:38+5:302022-05-20T17:33:38+5:30
ईडी की अदालत ने उसे बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा होटवार भेज दिया। अनिल बस्तावडे राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोडा से जुड़े मनी लॉड्रिंग मामले में आरोपी है।
रांची: मनी लॉड्रिंग मामले में आरोपी महाराष्ट्र के पुणे निवासी अनिल बस्तावडे ने आज रांची स्थित ईडी की अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया है। ईडी की अदालत ने उसे बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा होटवार भेज दिया। अनिल बस्तावडे राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोडा से जुड़े मनी लॉड्रिंग मामले में आरोपी है। पिछली सुनवाई 25 अप्रैल को हुई थी। इसमें अनिल अदालत में उपस्थित नहीं हुआ था। अदालत ने उसकी जमानत को रद्द करते हुए गिरफ्तारी वारंट जारी किया था। उसी आदेश के आलोक में आज उसने कोर्ट में आत्मसमर्पण किया है।
उधर, मनी लाउंड्रिंग मामले में गिरफ्तार झारखंड कैडर की आईएएस अधिकारी पूजा सिंघल और सीए सुमन कुमार सिंह की रिमांड अवधि पूरी होने के बाद उन्हें आज रांची के सिविल कोर्ट स्थित ईडी की अदालत में पेश किया गया। ईडी ने छह दिनों की रिमांड मांगी थी, लेकिन ईडी अदालत में विशेष न्यायाधीश प्रभात कुमार शर्मा ने पूजा सिंघल की रिमांड अवधि 5 दिन और बढा दी। जबकि सीए सुमन सिंह को अदालत ने जेल भेज दिया।
ईडी की टीम पिछले कुछ दिनों से कई पहलुओं पर इन दोनों से पूछताछ कर रही है। इसमें ईडी को कई अहम सुराग मिले हैं। ईडी ने पूजा सिंघल को 11 मई को गिरफ्तार किया है। इसके बाद से रिमांड पर लेकर पूछताछ की जा रही है। बताया जा रहा है कि कोर्ट की अनुमति मिलते ही ईडी पूजा सिंघल को अपने साथ लेकर चली गई। अब ईडी पूजा को पूछताछ करने के बाद 25 मई को अदालत में पेश करेगी।
दूसरी ओर मनी लॉड्रिंग मामले में ही गिरफ्तार पूजा सिंघल के नजदीकी सीए सुमन कुमार की पुलिस रिमांड अवधि खत्म होने के बाद ईडी के विशेष न्यायाधीश की अदालत में पेश किया गया। जहां से उसे बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा होटवार भेज दिया गया। अदालत ने अगली पेशी की तारीख 25 मई निर्धारित की है। आरोपी की पेशी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से होगी।
वहीं, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को माइनिंग लीज देने के मामले में पूजा सिंघल का सीरियस इंप्लीकेशन पाया गया है। ईडी द्वारा हाइकोर्ट में दायर शपथ पत्र में इन तथ्यों का उल्लेख किया गया है। अनगड़ा में खनन लीज आवंटित करने में खनन सचिव पूजा सिंघल ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
अनगड़ा में खनन पट्टा 88 डिसमिल में दी गई है। ईडी ने पूजा सिंघल प्रकरण की जांच में मिले तथ्यों को राज्य की ऐसी पुलिस एजेंसी के साथ साझा नहीं करने की बात कही है, जिसका प्रशासनिक नियंत्रण राज्य सरकार के पास हो। ईडी की ओर से दायर शपथ पत्र में यह भी कहा गया है कि याचिका में सीएम सह खान मंत्री को अपने लिए लीज आवंटन के मामले में दंडित करने की मांग की गई है।
इसके अलावा भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम और लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 9ए के तहत सदस्यता समाप्त करने का मुद्दा भी उठाया गया है। याचिका में अनगड़ा मौजा में खनन पट्टा लीज देने के मामले में इडी और सीबीआइ से प्रतिवादी संख्या सात (हेमंत सोरेन) और प्रतिवादी संख्या आठ( पूजा सिंघल) द्वारा किये गये अपराध की जांच कराने की मांग की गई है।
ईडी ने कहा है कि पूजा सिंघल मनी लाउंड्रिंग से जुड़े मामलों में भी शामिल रही हैं। इसके साक्ष्य भी जांच एजेंसी को मिले हैं। ईडी ने कहा है कि जांच में कुछ शेल कंपनियों की भूमिका भी सामने आई है। ये कंपनियां झारखंड से बाहर की हैं। शेल कंपनियों की जांच को लेकर दायर जनहित याचिका में इनका नाम लिया गया है। इसमें कहा गया है कि खूंटी और अडकी थाने में दर्ज 16 प्राथमिकी की जांच ईडी कर रही है।
इस सिलसिले में निदेशालय ने एक मामला (इसीआइआर/पैट/14/2012) दर्ज किया है। प्रिवेंशन ऑफ मनी लाउंड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) के तहत मामले की जांच के दौरान खान सचिव पूजा सिंघल का सीरियस इंप्लीकेशन पाया गया है। यह मामला प्रतिवादी संख्या-7 (हेमंत सोरेन) के नाम लीज आवंटन से संबंधित है। लीज आवंटन का यह मामला पीआइएल संख्या 727/2022 से भी संबंधित है।
इस बीच, खनन पट्टा मामले में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भारत निर्वाचन आयोग को अपना जवाब सौंप दिया है। सूत्रों के मुताबिक, अपने जवाब में सोरेन ने खनन पट्टा मामले में झारखंड हाईकोर्ट में चल रहे मुकदमे का हवाला देकर निर्वाचन आयोग से निर्णय का इंतजार करने का आग्रह किया है। बता दें कि इस मामले में निर्वाचन आयोग ने मुख्यमंत्री सोरेन को जवाब देने के लिए अंतिम तिथि 20 मई निर्धारित की थी।