महाराष्ट्र के एक शख्स ने पुलिस से पूछा- क्या है खुदकुशी की सजा, बाद में बचाने के लिए कहा शुक्रिया
By अनुराग आनंद | Published: February 4, 2020 11:15 AM2020-02-04T11:15:11+5:302020-02-04T11:16:55+5:30
रविवार दोपहर, 39 वर्षीय, नीलेश बेडेकर ने मुंबई पुलिस को ट्वीट किया था कि वह आत्महत्या करना चाहता था और पूछा कि उसी के लिए क्या सजा होगी, क्योंकि उसे यह जानकारी किसी भी इंटरनेट के सर्च इंजन पर नहीं मिला है।
मुंबई पुलिस की तत्परता व समय से हस्तक्षेप करने से गोरेगांव में रहने वाले एक व्यक्ति की जान बच गई। दरअसल, मुंबई में एक युवक ने ट्विटर पर पुलिस को टैग करते हुए कहा कि मैं खुदकुशी करने की सोच रहा हूं। इसकी सजा क्या होगी? पुलिस ने उससे कॉटेक्ट नंबर मांगते हुए कहा कि उसे ऐसा नहीं करना चाहिए। इसके बाद पुलिस ने आत्महत्या करने जा रहे युवक की काउंसलिंग कराया जिसके बाद उसने पुलिस को धन्यवाद कहा है।
बता दें कि रविवार दोपहर, 39 वर्षीय, नीलेश बेडेकर ने मुंबई पुलिस को ट्वीट किया था कि वह आत्महत्या करना चाहता था और पूछा कि उसी के लिए क्या सजा होगी, क्योंकि उसे यह जानकारी किसी भी इंटरनेट के सर्च इंजन पर नहीं मिला है। इसके बाद महाराष्ट्र पुलिस के सोशल मीडिया हैंडल ने उनसे कॉटेक्ट नंबर आदि मांगा।
द फ्री प्रेस जर्नल के मुताबिक, बेडेकर ने अपनी संपर्क जानकारी ट्विटर पर साझा करने के बाद एक ट्वीट में कहा, “आप मेरे जीवन में क्या बदलाव करने जा रहे हैं? बस मुझे समय बताएं कि मुझे जेल में रहना होगा, अगर मैं नहीं मरा तो सजा क्या होगी।”
बेडेकर ने ट्वीट में कहा, "मुझे लगता है कि भारत में सम्मान पूर्ण तरह से आत्महत्या वैध नहीं है। ऐसा क्यों है? इसे वैध कराया जाना चाहिए, क्या आपको नहीं लगता? अब से कुछ देर बाद असली खेल शुरू होगा, यदि बच गया तो मुझे बताओ कि मुझे कितने महीने जेल में रहना पड़ेगा। ”
इसके बाद जानकारी के आधार पर पुलिस इंस्पेक्टर महेश निवेतकर, कार्रवाई में जुट गए और बेडेकर से मिलने के बाद, उसे आत्महत्या करने के खिलाफ परामर्श दिया। अपनी मुलाकात के दौरान, निवेतकर ने बेडेकर से पूछताछ की कि किन कारणों से उन्होंने आत्महत्या करने का फैसला किया। फिर वह उसे कुछ मेडिकल परीक्षणों के लिए पास के अस्पताल में ले गया।
दरअसल, बेडेकर घरेलू मुद्दों का सामना कर रहा था और वह काफी दबाव में था, जिससे वह आत्महत्या का विचार कर रहा था। काउंसलिंग के बाद उन्हें जाने दिया गया और उनके परिवार से भी संपर्क किया गया। बाद में, मुंबई पुलिस ने एक ट्वीट में कहा कि समस्याएं जीवन का एक हिस्सा है और इस तरह का कदम समस्या का समाधान नहीं है।