13 साल के बच्चे ने 5 साल की बच्ची के साथ किया रेप, कानूनी विशेषज्ञों ने कहा "डोली इनकैपैक्स" के आधार पर हो सकता है आरोप से बरी, जानिए क्या है आईपीसी की धारा 82 का "डोली इनकैपैक्स"
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: May 20, 2022 08:59 PM2022-05-20T20:59:19+5:302022-05-20T21:03:19+5:30
उत्तर प्रदेश के कौशांबी जिले में पुलिस ने पांच साल की बच्ची के साथ कथिततौर पर रेप करने के आरोप में एक 13 साल के नाबालिग को गिरफ्तार किया है। कानूनी विशेषज्ञ बता रहे हैं चूंकि आरोपी खुद 13 साल का नाबालिग है, इसलिए आईपीसी की धारा 82 के तहत आने वाले "डोली इनकैपैक्स" के तहत अपराध से बरी हो सकता है।
कौशांबी: उत्तर प्रदेश पुलिस ने पांच साल की बच्ची के साथ कथिततौर पर रेप करने के आरोप में एक 13 साल के नाबालिग को गिरफ्तार किया है। जानकारी के मुताबिक यह वारदात कौशांबी के कड़ा धाम थाना क्षेत्र की है। जिला पुलिस ने शुक्रवार को बताया कि रेप के आरोपी 13 साल के लड़के को जुर्म के आरोप में पकड़ लिया है।
कौशांबी के पुलिस अधीक्षक हेमराज मीणा ने इस संबंध में कहा कि नाबालिग लड़के को किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल और संरक्षण) अधिनियम के तहत बाल कल्याण पुलिस अधिकारी कल्याण द्वारा पकड़ा गया है। एसपी हेराज मीणा ने कहा कि बच्चे को गिरफ्तार करने के बाद पुलिस ने उसे बाल अदालत में पेश किया, जहां से उसे प्रयागराज के बाल कल्याण गृह में भेज दिया क्योंकि कौशांबी में कोई बाल सुधार गृह नहीं है।
एसपी मीणा ने कहा, 'आरोपी ने 12 मई को कड़ा धाम थाना क्षेत्र की रहने वाली पांच साल की बच्ची के साथ रेप किया। आरोपी पीड़िता का रिश्तेदार है। शुरुआत में पुलिस ने उसके खिलाफ शारीरिक हिंसा का मामला दर्ज किया था लेकिन गुरुवार को पीड़िता की हालत खराब होने पर जब उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया तो रेप की पुष्टि हुई।"
एसपी ने कहा, "प्रारंभिक जांच के आधार पर पुलिस ने मामले में लड़के के खिलाफ बलात्कार की प्राथमिकी दर्ज की और उसे पकड़ कर हिरासत में ले लिया।"
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि चूंकि अपराध में पहले केवल शारीरिक हिंसा का मामला दर्ज किया गया था, इसलिए एडिशन एसपी के नेतृत्व में एक जांच टीम बनाई गई है, जो इस बात की पड़ताल करेगी कि कहीं शुरूआती जांच में पुलिस टीम ने घटना को लेकर लापरवाही तो नहीं दिखाई।
"डोली इनकैपैक्स" के तहत हो सकता है अपराध से बरी
इस पूरे मामले में सबसे दिलचस्प यह है कि जिस बच्चे पर रेप का आरोप लगा है वह 12 साल की निर्धारित आयु सीमा से मुश्किल से एक साल बड़ा है, जिसके तहत बच्चे को "डोली इनकैपैक्स" माना जा सकता है और ऐसे में आरोपी के अपराध को इस तरह से पेश किया जा सकता है कि वो अपराध के इरादे को समझने में असमर्थ था।
आईपीसी की धारा 82 के मुताबिक जो अपराध सात साल से 12 साल की उम्र के बच्चों के द्वारा किया जाता है, उसे "डोली इनकैपैक्स" कहा जाता है।
आईपीसी की धारा 83 में "डोली इनकैपैक्स" की व्याख्या करते हुए कहा गया है कि "कोई भी अपराध, जो सात वर्ष से अधिक और बारह वर्ष से कम उम्र के बच्चे द्वारा किया जाता है। उनकी उम्र को अपराध के आचरण और उसके परिणामों का समझने के लिए पर्याप्त नहीं मानी जाती है।"
कानूनी विशेषज्ञों का कहना है कि धारा 83 के तहत अदालत 12 साल से कम उम्र के बच्चे को "डोली इनकैपैक्स" मान सकती है, अगर उसे लगता है कि वह पर्याप्त रूप से परिपक्व नहीं है।
हालांकि 12 वर्ष से अधिक उम्र के बच्चे को किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल और संरक्षण) अधिनियम के प्रावधानों के तहत बाल न्यायालय द्वारा जांच का सामना करना पड़ता है। (समाचार एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ)