Highlightsपाकिस्तान 1992 से 2019 तक भारत से वर्ल्ड कप में सात बार हार चुका हैवकार यूनिस ने कहा, 'वर्ल्ड कप मुकाबलों में भारतीय टीम हमेशा पाकिस्तान से बेहतर खेली'
पूर्व पाकिस्तानी कप्तान और स्टार तेज गेंदबाज वकार यूनिस के करियर का सबसे बड़ा अफसोस 1992 की वर्ल्ड कप विजेता टीम में शामिल न होना रहा है। अपने समय के सबसे घातक तेज गेंदबाजों में शुमार यूनिस को 1992 वर्ल्ड कप से पहले चोट लग गई थी और इसी वजह से वह इस टूर्नामेंट में नहीं खेल पाए थे।
उन्हें 1996 में इसे सुधारने का मौका मिला लेकिन क्वॉर्टर फाइनल में अजय जडेजा की तूफानी बैटिंग ने पाकिस्तान की भारत पर जीत की उम्मीदों पर पानी फेर दिया था।
भारत से 7 बार वर्ल्ड कप हार चुकी है पाकिस्तानी टीम
पाकिस्तान की टीम जो पहले ही 1992 वर्ल्ड कप में भारत से हार चुकी थी, उसे 1996 के बाद 1999 में भी भारत के हाथों वर्ल्ड कप में शिकस्त मिली। 2003 में यूनिस पाकिस्ताी टीम के कप्तान थे, लेकिन सचिन तेंदुलकर ने पाकिस्तानी आक्रमण को तहस-नहस करते हुए अपनी टीम को यादगार जीत दिलाई।
भारत के पाकिस्तान के खिलाफ वर्ल्ड कप में दबदबे का सिलसिला 2011, 2015 और 2019 में भी जारी रहा।
वकार यूनिस ने बताई पाकिस्तान के भारत से वर्ल्ड कप में नहीं जीत पाने की वजह
एचटी की रिपोर्ट के मुताबिक, यूनिस ने फैंस से ट्विटर प्लेटफॉर्म @GloFansOfficial पर चर्चा करते हुए पाकिस्तान के वर्ल्ड कप इवेंट में भारत को हरा पाने में नाकाम रहने की वजह बताई
एक फैन के सवाल का जवाब देते हुए यूनिस ने कहा, 'पिछले कुछ वर्ल्ड कप के दौरान पाकिस्तान भारत के खिलाफ नहीं जीता है। हमने अन्य फॉर्मेट्स में अच्छा किया है, हमने टेस्ट मैचों में अच्छा किया है, लेकिन जब वर्ल्ड कप की और वनडे क्रिकेट की बात आती है, तो भारत हमेशा हम पर हावी रहा है। और वे इसके हकदार हैं। मेरे ख्याल से वे हमसे बेहतर क्रिकेट खेले।'
यूनिस ने कहा, 'मुझे बैंगलोर में याद है और मेरे ख्याल से 2003 में प्रिटोरिया में था। मुझे उनमें से ज्यादातर याद हैं और मैं उनमें से कुछ खेला था। वे बहुत अच्छी टीम थे और उस खास दिन बहुत ही सकारात्म दिमाग के साथ आते थे, वे बेहतर क्रिकेट खेले और ज्यादा समझदारी से खेले। हम समझदारी से नहीं खेले, मैच हमारे हाथ में थे। अगर आप वर्ल्ड 2011 का मैच देखिए या फिर 96 का, मैच हमारे हाथ में थे। लेकिन हमने इसे गंवा दिया।'
यूनिस ने कहा, 'ये कह पाना मुश्किल है कि हम ऐसा क्यों करते हैं, शायद से केवल वर्ल्ड कप का दबाव है और अब क्योंकि ये कई बार हो चुका है तो अब मनोवैज्ञानिक दबाव है कि हम उनके खिलाफ जीत नहीं सकते, लेकिन हां किसी एक चीज को बता पाना बहुत मुश्किल है।'