मुंबई के स्कोरर ने MCA को लिखा, BCCI से हमारे अधिकारों के बारे में बात करें

पिछले साल बीसीसीआई ने कई स्कोरर को सेवानिवृत्त कर दिया था और तब से यह पूरे साल का काम नहीं रह गया और दुनिया का सबसे अमीर क्रिकेट बोर्ड पूर्णकालिक आधार पर स्कोरर की नियुक्ति नहीं करना चाहता...

By भाषा | Published: August 12, 2020 09:56 PM2020-08-12T21:56:55+5:302020-08-12T21:56:55+5:30

Please speak to BCCI about our rights: Mumbai scorers write to MCA | मुंबई के स्कोरर ने MCA को लिखा, BCCI से हमारे अधिकारों के बारे में बात करें

मुंबई के स्कोरर ने MCA को लिखा, BCCI से हमारे अधिकारों के बारे में बात करें

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मुंबई क्रिकेट संघ (एमसीए) के स्कोरर के एक समूह ने राज्य संघ से अपील की है कि कोविड-19 के कारण इस मुश्किल समय में उनकी आजीविका प्रभावित होने के बाद वे भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) के पास चिकित्सा बीमा और अनुग्रह राशि का मुद्दा उठाएं। स्कोरर के समूह ने एमसीए सचिव को यह ई-मेल लिखा है (इसकी प्रति पीटीआई के पास भी है)।

पत्र में कहा गया, ‘‘नए नियम के साथ, पिछले सत्र से अब तक बीसीसीआई के 17 स्कोरर सेवानिवृत्त हो चुके हैं क्योंकि वे 60 बरस के हो चुके हैं। इन स्कोरर की आय पूरी तरह बंद हो गई है जो बीसीसीआई से मैच फीस के रूप में मिलती थी।’’

पिछले साल बीसीसीआई ने कई स्कोरर को सेवानिवृत्त कर दिया था और तब से यह पूरे साल का काम नहीं रह गया और दुनिया का सबसे अमीर क्रिकेट बोर्ड पूर्णकालिक आधार पर स्कोरर की नियुक्ति नहीं करना चाहता। ईमेल में कहा गया, ‘‘इन हालात में हम आपसे अपील करते हैं कि हमारा मामला बीसीसीआई के साथ उठाया जाए। आग्रह किया जाता है कि बोर्ड सक्रिय और सेवानिवृत्त सभी स्कोरर के लिए सामूहिक चिकित्सा बीमा पॉलिसी लेकर आए।’’

स्कोरर के अनुसार बीसीसीआई को आपात स्थिति में एकमुश्त अनुग्रह राशि देकर सक्रिय और सेवानिवृत्त हो चुके स्कोरर की मदद करनी चाहिए। ईमेल में कहा गया, ‘‘उचित सेवानिवृत्त नीति जिसमें तय मासिक पेंशन योजना और/या स्कोरर की सेवानिवृत्ति पर एकमुश्त भुगतान से सेवानिवृत्त स्कोरर की आय की भरपाई हो सकती है।’’

स्कोरर ने एमसीसी के सेवानिवृत्त स्कोर रमेश परब का उदाहरण दिया जो सांस की बीमारी एक्यूट रेस्पिरेटरी डिस्ट्रेस सिंड्रोम (एआरडीएस) से पीड़ित हैं और 35 दिन से अधिक समय से उन्हें आईसीयू में रखा गया है। इसके अलावा कोलकता के कौशिक साहा का उदाहरण दिया गया जो मधुमेह से जूझते रहे और अस्पताल में दिल का दौरा पड़ने के बाद उनका निधन हो गया।

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