पीसीबी ने उमर अकमल के बैन को कम करने के फैसले को दी खेल पंचाट में चुनौती

PCB, Umar Akmal: पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) ने बल्लेबाज उमर अकमल के तीन साल के बैन में कटौती करने के फैसले को लुसाने में खेल पंचाट में चुनौती दी है

By भाषा | Published: August 19, 2020 12:15 PM2020-08-19T12:15:10+5:302020-08-19T12:15:10+5:30

PCB challenges reduction of Umar Akmal ban in Court of Arbitration for Sports | पीसीबी ने उमर अकमल के बैन को कम करने के फैसले को दी खेल पंचाट में चुनौती

पीसीबी ने उमर अकमल की सजा की अवधि घटाए जाने को खेल पंचाट में दी चुनौती (File Pic)

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Highlightsपीसीबी ने उमर अकमल की 18 महीने की सजा को कम किए जाने को खेल पंचाट में दी चुनौतीहाल ही में उमर अकमल की सजा तीन साल से घटाकर 18 महीने कर दी गई थी

कराची:पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) ने स्वतंत्र निर्णायक द्वारा बल्लेबाज उमर अकमल के तीन साल के प्रतिबंध में कटौती करने के फैसले को लुसाने में खेल पंचाट में चुनौती दी है। पीसीबी के मुख्य संचालन अधिकारी सलमान नसीर ने मंगलवार को पुष्टि की कि अपील दायर की गई है।

नसीर ने कहा, ‘‘स्वतंत्र निर्णायक के फैसले को चुनौती देने का फैसला हमारे लिए काफी मुश्किल था लेकिन अंतिम रिपोर्ट पढ़ने के बाद हमें कुछ चिंताएं थी और हमने महसूस किया कि सजा पर्याप्त नहीं थी क्योंकि उमर के खिलाफ भ्रष्टाचार रोधी संहिता के उल्लंघन के दो आरोप थे।’’

पीसीबी के स्वतंत्र निर्णायक उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) फाकिर मुहम्म खोकर ने 2020 में पाकिस्तान सुपर लीग (पीएसएल) से पहले दो भ्रष्ट संपर्क की सूचना देने में विफल रहने पर उमर पर लगे तीन साल के प्रतिबंध को 29 जुलाई को घटाकर 18 महीने का कर दिया था। उमर ने बोर्ड के अनुशासन पैनल द्वारा अप्रैल में लगाए तीन साल के प्रतिबंध के खिलाफ अपील की थी जिस पर खोकर ने फैसला सुनाया था।

उमर अकमल के आचरण से असंतुष्ट है पीसीबी

नसीर ने कहा, ‘‘हमने खेल पंचाट में अपील दायर करने का फैसला किया क्योंकि जब हमने स्वतंत्र निर्णायक के फैसले को देखा तो उन्होंने लिखा था कि वह टेस्ट बल्लेबाज के आचरण से संतुष्ट नहीं हैं और यह साबित हुआ है कि टेस्ट बल्लेबाज के बयान विरोधाभासी हैं और विश्वसनीय नहीं हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन उन्होंने साथ ही लिखा कि वह इस मामले को सहानुभूति के आधार पर देख रहे हैं और अपना फैसला दिया। हमारे लिए मुख्य सवाल यह है कि क्या सहानुभूति के आधार पर सजा को कम करना चाहिए।’’

नसीर ने कहा, ‘‘हमें साथ ही लगा कि दो आरोपों में प्रत्येक के लिए 18 माह की सजा अलग-अलग चलनी चाहिए और एक साथ नहीं।’’ नसीर ने कहा कि पीसीबी शून्य सहिष्णुता का स्पष्ट संदेश देना चाहता था और भ्रष्टाचार रोधी संहिता के नियमों पर कुछ स्पष्टता भी चाहता था। 

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