Highlightsकुल मिलाकर युवराज ने 40 टेस्ट, 304 वनडे और 58 टी20 खेले भारत के लिए उन्होंने 2017 में आखिरी मैच खेला थायुवराज और धोनी सीमित ओवरों के क्रिकेट में भारत के दो सबसे बेहतरीन बल्लेबाज थे
नई दिल्ली: पूर्व भारतीय क्रिकेटर युवराज सिंह के पिता योगराज सिंह एक बार फिर एमएस धोनी पर भड़के हैं। योगराज सिंह ने धोनी पर अपने बेटे युवराज का करियर खराब करने का आरोप लगाया। योगराज सिंह ने युवराज को टीम से निकाले जाने के लिए इससे पहले भी धोनी को दोषी ठहराया था। युवराज सिंह पर बायोपिक बनाने की घोषणा के बाद एक कार्यक्रम में योगराज ने फिर कहा कि धोनी ने युवराज की जिंदगी बर्बाद कर दी। योगराज ने कहा कि युवराज भारत रत्न पुरस्कार के हकदार हैं।
युवराज और धोनी सीमित ओवरों के क्रिकेट में भारत के दो सबसे बेहतरीन बल्लेबाज थे। दोनों ने मिलकर वनडे और टी20 में कई शानदार साझेदारियां की। 2011 क्रिकेट विश्व कप फाइनल में विजयी रन बनाए गए थे तब युवराज और धोनी क्रीज पर थे। 2007 की टी20 विश्वकप विजय में भी इस जोड़ी ने कमाल किया था। धोनी की कप्तानी में टीम इंडिया ने ये दोनों विश्वकप जीते और दोनों में ही युवराज सिंह प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट रहे।
हालांकि साल 2011 में वनडे विश्वकप जीतने के बाद युवराज को कैंसर होने की बात सामने आई। कैंसर से निपटने के बाद युवराज ने वापसी की और 2012, 2014 और 2016 टी20 विश्व कप के साथ-साथ 2017 चैंपियंस ट्रॉफी में भारत के लिए खेला। लेकिन युवराज अपनी पुरानी लय बरकरार नहीं रख सके। संन्यास लेने से पहले तक वह नियमित रूप से टीम से अंदर-बाहर होते रहे। 2019 में युवराज ने इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास ले लिया। लेकिन 2011 के बाद युवराज के करियर में आए उतार के लिए योगराज सिंह धोनी को जिम्मेदार बताते रहे।
हाल ही में योगराज ने एक बातचीत में कहा कि मैं एमएस धोनी को माफ नहीं करूंगा। उन्हें अपना चेहरा आईने में देखना चाहिए। वह एक बहुत बड़े क्रिकेटर हैं, लेकिन उन्होंने मेरे बेटे के खिलाफ जो किया है, वह सब अब सामने आ रहा है। योगराज सिंह ने कहा कि मैंने जीवन में कभी दो चीजें नहीं कीं - पहला, मैंने कभी किसी को माफ नहीं किया जिसने मेरे साथ गलत किया और दूसरा, मैंने अपने जीवन में उन्हें कभी गले नहीं लगाया, चाहे वह मेरे परिवार के सदस्य हों या मेरे बच्चे।
उन्होंने आगे कहा कि उस आदमी (एमएस धोनी) ने मेरे बेटे की जिंदगी बर्बाद कर दी, जो चार से पांच साल और खेल सकता था। मैं हर किसी को युवराज जैसे बेटे को जन्म देने की चुनौती देता हूं। यहां तक कि गौतम गंभीर और वीरेंद्र सहवाग भी पहले कह चुके हैं कि मैं दूसरा युवराज सिंह नहीं बनूंगा। कैंसर के साथ खेलने और देश के लिए विश्व कप जीतने के लिए भारत को युलराज को भारत रत्न से सम्मानित करना चाहिए।
बता दें कि युवराज 2015 और 2019 वनडे विश्वकप के लिए भारतीय टीम में शामिल नहीं हुए और जून 2019 में अपनी सेवानिवृत्ति की घोषणा की। भारत के लिए उन्होंने 2017 में आखिरी मैच खेला था। कुल मिलाकर युवराज ने 40 टेस्ट, 304 वनडे और 58 टी20 खेले। उनके पिता योगराज सिंह भी भारत के लिए 1 टेस्ट और 6 वनडे मैच खेल चुके हैं।