रिद्धिमान साहा की चोट मामले में एनसीए के फिजियो सवालों के घेरे में, भुवनेश्वर-केदार जाधव की भी चोट बिगाड़ने का आरोप

Wriddhiman Saha: रिद्धिमान साहा की चोट बिगड़ने के मामले में एनसीए के फिजियो आशीष कौशिक सवालों के घेरे में आए

By अभिषेक पाण्डेय | Published: July 22, 2018 11:02 AM2018-07-22T11:02:25+5:302018-07-22T14:07:21+5:30

Wriddhiman Saha Injury row, NCA physio Ashish Kaushik comes under fire | रिद्धिमान साहा की चोट मामले में एनसीए के फिजियो सवालों के घेरे में, भुवनेश्वर-केदार जाधव की भी चोट बिगाड़ने का आरोप

रिद्धिमान साहा

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नई दिल्ली, 22 जुलाई: भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने वैसे तो टीम इंडिया के विकटकीपर रिद्धिमान साहा की चोट के बारे  में अपनी वेबसाइट पर टाइमलाइन जारी करते हुए एक साहसी कदम उठाया है। लेकिन जिस तरह से साहा का नेशनल क्रिकेट ऐकैडमी (एनसीए) में रिहैबलिटेशन हुआ उससे फिजियोथेरेपिस्ट आशीष कौशिक सवालों के घेरे में आ गए हैं, जिनकी निगरानी में ही साहा का रिहैब हो रहा था। 

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, साहा की चोट को लेकर आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला शुरू हो गया है लेकिन बीसीसीआई के एक धड़े ने कौशिक की भूमिका पर सवाल उठाए हैं। दरअसल, कौशिक ने पिछले साल जुलाई में बीसीसीआई से जुड़ने के बाद से ही सभी खिलाड़ियों की मेडिकल जांच उस हेल्थकेयर कंपनी से कराई जिसके वह डायरेक्टर रह चुके हैं। आशाषी कौशिक को पिछले साल एनसीए में एंड्र्यू लीपस को हितों के टकराव मामले में पद छोड़ने के लिए कहने के बाद लाया गया था।   

संयोग से वह स्पोर्ट्स फिजिशन डॉक्टर श्रीकांत नारायणस्वामी, जिन्होंने साहा को अल्ट्रासाउंड के बाद इंजेक्शन लेने की सलाह दी थी, वह भी कौशिक के उसी हेल्थकेयर लिमिटेड के को-डायरेक्टर रहे हैं।

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वाईओएस हेल्थकेयर लिमिटेड की स्थापना फरवरी 2017 में हुई थी और कौशिक उसके डायरेक्टर्स में से एक थे। अब आरोप लग रहे हैं कि कौशिक की पत्नी के अब भी इस कंपनी में शेयर हैं। इस मामले में सवाल पूछे जाने पर कौशिक ने कुछ भी कहने से इंकार कर दिया।

जब से कौशिक ने एनसीए में पदभार संभाला है, तब से सभी खिलाड़ियों को शुरुआती जांच के लिए वाईओएस हेल्थकेयर में ही रेफर किया जाता है। बीसीसीआई के एक अधिकारी ने कहा, 'जयंत यादव, अक्षर पटेल, क्रुनाल पंड्या इन सभी का पिछले साल उसी क्लीनिक में इलाज में हुआ। कौशिक अब भले ही उस हेल्थकेयर के डायरेक्टर न हों लेकिन वह अब भी खिलाड़ियों को वहीं भेजते हैं।'

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इस अधिकारी ने सवाल उठाया, 'मुंबई में ऐसे वरिष्ठ डॉक्टर्स हैं जो खेल की दवाओं के विशेषज्ञ हैं और उन्होंने सीनियर भारतीय क्रिकेटरों का इलाज किया है। कौशिक उनके अंडर में काम करते थे। अंतत: साहा को प्रसिद्ध डॉक्टर के पास भेजा गया। लेकिन उन्हें पहली बार में ही उनके पास क्यों नहीं भेजा गया?'

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कौशिक, जिन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान टीम इंडिया के खिलाड़ियों के साथ अच्छे संबंध बना लिए हैं, सभी पक्षों से मजबूत सिफारिशों के बाद एनसीए में वापस लौटे। लेकिन उनकी नियुक्ति भी सवालों के घेरे में है। उनकी नियुक्ति के लिए बीसीसीआई ने लोढ़ा कमिटी की सिफारिशों को नहीं माना और इस पद के लिए न तो विज्ञापन निकाला और न ही कोई इंटरव्यू हुआ। कौशिक को बीसीसीआई के बड़े अधिकारियों की सिफारिश पर लाया गया।

न सिर्फ साहा बल्कि बीसीसीआई के सालाना करार से जुड़े कई स्टार खिलाड़ी हाल के दिनों में बार-बार चोटिल होते रहे हैं। इनमें केदार जाधव, भुवनेश्वर कुमार और बरिंदर सरन के नाम शामिल हैं।

साहा ही नहीं, जाधव, भुवनेश्वर, और सरन की चोट भी बिगड़ी

केदार जाधव: वनडे में टीम इंडिया के मिडिल ऑर्डर के बेहतरीन बल्लेबाज के रूप में उभर रहे केदार जाधव को लगातार तीन बार हैमस्ट्रिंग की चोट की वजह से सीरीज से हटना पड़ा। सबसे पहले जाधव को पिछले साल न्यूजीलैंड के खिलाफ चोट की वजह से हटना पड़ा। उन्होंने एनसीए में रिहैब किया, फिटनेस टेस्ट पास किया, फिर दक्षिण अफ्रीका गए लेकिन चोट फिर से उभर आई। उन्होंने फिर से रिहैब किया और उन्हें इस साल के आईपीएल के लिए फिट घोषित कर दिया गया। इसके बाद आईपीएल के पहले मैच में ही उनकी हैमस्ट्रिंग चोट फिर उभरी और वह पूरे टूर्नामेंट से बाहर हो गए। इसके बाद उनकी सर्जरी कराने का निर्णय लिया गया, जाधव को फिट होने में अभी भी एक महीना और लगेगा।

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भुवनेश्वर कुमार: खिलाड़ियों की देखभाल के बीसीसीआई के दावों के बावजूद भुवी पूरे आईपीएल में पीठ दर्द की समस्या के साथ खेले। उनकी फ्रेंचाइजी सनराइजर्स हैदराबाद ने उन्हें पांच मैचों में आराम दिया लेकिन फिर भी इंग्लैंड दौरे के लिए वह पूरी तर फिट नहीं हो पाए, जबकि उन्होंने भी फिटनेस टेस्ट पास किया था। अब बीसीसीआई ने कहा है कि उनकी चोट लीड्स में खेले गए तीसरे वनडे के बाद और बिगड़ गई है।

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बरिंदर सरन: सरन 2016 में स्ट्रेस फ्रैक्चर की वजह से बाहर हुए थे। बाद में दावा किया गया कि सरन का रिहैबलिटेशन भी उल्टा पड़ा। हालत ये है कि भारत छोड़िए वह अब तक अपनी राज्य की टीम में जगह तक नहीं बना पाए हैं। 

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