धोनी की कमजोरियों को अपनी टीम को नहीं बताएगा यह पूर्व ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी, बताया इसके पीछे का कारण

भारत और ऑस्ट्रेलिया की टीमें रविवार को विश्व कप मुकाबले में एक दूसरे के आमने-सामने होगी।

By भाषा | Published: June 7, 2019 05:55 PM2019-06-07T17:55:12+5:302019-06-07T17:55:12+5:30

World Cup: Michael Hussey says there’s ‘no chance’ he’ll share insights on MS Dhoni with Australia | धोनी की कमजोरियों को अपनी टीम को नहीं बताएगा यह पूर्व ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी, बताया इसके पीछे का कारण

धोनी की कमजोरियों को अपनी टीम को नहीं बताएगा यह पूर्व ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी, बताया इसके पीछे का कारण

googleNewsNext
Highlightsमाइकल हसी को लगता है कि महेन्द्र सिंह धोनी की ‘बहुत ज्यादा कमजोरियां’ नहीं है।अगर धोनी की कमजोरी है भी तो हसी ऑस्ट्रेलियाई टीम से उसे साझा नहीं करेगा।

लंदन, सात जून। ऑस्ट्रेलिया के पूर्व बल्लेबाज माइकल हसी को लगता है कि महेन्द्र सिंह धोनी की ‘बहुत ज्यादा कमजोरियां’ नहीं है और अगर हैं भी तो चेन्नई सुपरकिंग्स का यह बल्लेबाजी कोच ऑस्ट्रेलियाई टीम से उसे साझा नहीं करेगा। भारत और ऑस्ट्रेलिया की टीमें रविवार को विश्व कप मुकाबले में एक दूसरे के आमने-सामने होगी।

ऑस्ट्रेलियाई टीम ने अफगानिस्तान को बुरी तरह हराने के बाद वेस्टइंडीज को भी मात देकर लगातार दूसरी जीत दर्ज की। माना जा रहा कि लगातार दो जीत के बाद ओवल में भारत के खिलाफ खेले जाने वाले मुकाबले में ऑस्ट्रेलियाई टीम कड़ी चुनौती पेश करेगी।

हसी चेन्नई सुपरकिंन्स की टीम में धोनी के साथ खेले हैं और फिर टीम के साथ कोच के रूप में जुड़े रहे। ऐसे में उन्हें फ्रेंचाइजी और धोनी को काफी करीब से देखा है। जब हसी से पूछा गया कि क्या वह ऑस्ट्रेलियाई टीम के साथ धोनी को लेकर कुछ साझा करेंगे।

इस पूर्व बल्लेबाज ने पीटीआई को दिए विशेष साझात्कार में कहा, ‘‘कोई संभावना नहीं है, वैसे भी धोनी की ज्यादा कमजोरी नहीं है।’’ हालांकि, हसी को भरोसा है कि ऑस्ट्रेलिया के पास भारत के पूर्व कप्तान के लिए अपनी योजना होगी। उन्होंने कहा, ‘‘आज के दौर में सभी टीमें सभी खिलाड़ियों पर बहुत बारीकी से विश्लेषण करती हैं, इसलिए मुझे यकीन है कि उनके पास धोनी और सभी भारतीय खिलाड़ियों के लिए योजना होगी।’’

धोनी अगले महीने 38 साल के हो जाएंगे और हसी से जब उनके खेल के बारे में पूछा गया उन्होंने कहा कि इस दिग्गज बल्लेबाज को अपने मजबूत पक्ष के बारे में पता है। उन्होंने कहा, ‘‘ वह महान खिलाड़ी है और दबाव की स्थिति में किसी दूसरे खिलाड़ी से बेहतर रहते है। वह काफी चतुर खिलाड़ी है और जोखिम का आकलन करते रहते है। उन्हें अपनी ताकत के बारे में पता है और वह उसी तरीके से खेलते है।’’

पिछले कुछ समय में धोनी की स्ट्राइक रेट में गिरावट आयी है लेकिन हसी को इसमें कुछ गलत नहीं लगता है। विश्व कप 2007 के विजेता टीम के सदस्य रहे हसी ने कहा, ‘‘धोनी न सिर्फ खेल की स्थिति के अनुसार खेलते हैं, बल्कि पारी की शुरुआत में खुद को कुछ समय देना पसंद करते हैं। धोनी को पारी की आखिरी हिस्से में ज्यादा जिम्मेदारी लेना पसंद है।’’

हसी को लगता है कि धोनी की मौजूदगी और खेल को आखिरी तक ले जाने की क्षमता से विरोधी टीम चैन की सांस नहीं ले पाती है। पिछले कुछ समय में देखा गया है कि धोनी को पैट कमिंस, कैगिसो रबाडा और जोफ्रा आर्चर (आईपीएल में) जैसे बेहतर तेज गेंदबाजों के खिलाफ शॉट खेलने में दिक्कत हुई है। लेकिन हसी ने कहा कि यह कोई बड़ी बात नहीं है।

मिस्टर क्रिकेट के नाम से जाने जाने वाले इस बल्लेबाज ने कहा, ‘‘ धोनी को पता रहता है कि किस गेंदबाज से खतरा होगा और टीम को किसके खिलाफ आक्रामक रूख अख्तियार करना चाहिए । आपने जिन गेंदबाजों का जिक्र किया है वे केवल एक छोर से गेंदबाजी कर सकते हैं।’’

हसी ने धोनी के अलावा जसप्रीत बुमराह और हार्दिक पंड्या ऐसे खिलाड़ी है जो मैच का रूख बदलने का माद्दा रखते है। उन्होंने कहा, ‘‘बुमराह मुश्किल परिस्थितियों में गेंदबाजी करेगा। भारत को जब भी विकेट की जरूरत होगी हम उसे गेंदबाजी करते देखेंगे। ऐसे में उस पर दबाव होगा लेकिन मुझे लगता है कि वह विश्व क्रिकेट के किसी अन्य खिलाड़ी की तरह ही दबाव का सामना करते है।

हसी ने कहा, ‘‘हार्दिक को बल्लेबाजी क्रम में कहीं भी इस्तेमाल किया जा सकता है। उसे पारी के अंतिम ओवरों में पावर हिटर के रूप में उसका इस्तेमाल किया जा सकता है। अगर हार्दिक और धोनी पारी के अंत में एक साथ बल्लेबाजी कर रहे हैं तो मैं गेंदबाजी करना पसंद नहीं करुंगा।’’

Open in app