मौजूदा भारत दौरे पर बेहद खराब फॉर्म से जूझ रही श्रीलंकाई टीम टी-20 सीरीज का दूसरा मुकाबला शुक्रवार को इंदौर के होल्कर स्टेडियम में खेलेगी। सीरीज का फैसला होने की संभावना के अलावा यह मुकाबला इसलिए भी खास है क्योंकि श्रीलंकाई टीम 20 साल बाद इंदौर में खेलने उतरेगी। तीन मैचों की इस सीरीज में श्रीलंका 1-0 से पीछे है। उसे बुधवार को कटक में खेले गए बाराबती स्टेडियम में 93 रनों से हार का सामना करना पड़ा था।
इससे पहले श्रीलंका को इस दौरे पर टेस्ट सीरीज में 1-0 और वनडे सीरीज में 2-1 से हार मिल चुकी है। बहरहाल, सभी की नजरें अब क्रिकेट के सबसे छोटे फॉर्मेट पर हैं जहां श्रीलंकाई टीम पलटवार कर सकती है। दूसरा टी20 मुकाबला इंदौर और फिर तीसरा मैच 24 दिसंबर (रविवार) को मुंबई में खेला जाना है। हालांकि, मेहमान टीम पर अभी से सीरीज गंवाने का खतरा मंडराने लगा है। कटक में जीत के बाद अगर टीम इंडिया इंदौर में भी जीत हासिर कर लेती है तो सीरीज उसके नाम हो जाएगा।
इंदौर में 20 साल बाद खेलेगी श्रीलंकाई टीम
इंदौर में भारत और श्रीलंका के बीच इससे पहले 25 दिसंबर 1997 को मैच खेला गया था। क्रिसमस के दिन हुए इस मुकाबले ने हालांकि तब इंदौर के स्टेडियम पर एक काला धब्बा लगा दिया था। तब भारतीय टीम की कप्तानी सचिन तेंदुलकर कर रहे थे जबकि श्रीलंका की कमान अर्जुन रणतुंगा के हाथों में थी।
तीन ओवर बाद ही रद्द हो गया था मैच
दरअसल, यह मैच केवल तीन ओवर बाद ही रद्द करना पड़ा था। श्रीलंका ने टॉस जीता और पहले बल्लेबाजी का फैसला किया। श्रीलंका की ओर से पारी की शुरुआत करने सनथ जयसूर्या और रमेश कालुवितारना आए थे। पहले ओवर की चौथी ही गेंद पर जवागल श्रीनाथ ने रमेश को बोल्ड कर दिया। इसके बाद रोशन महानामा आए। हालांकि, इसके कुछ देर बाद ही श्रीलंकाई बल्लेबाजों ने जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम की पिच को खराब बताते हुए खेलने से इनकार कर दिया। बाद में अंपायरों ने भारतीय कप्तान सचिन और श्रीलंका के रणतुंगा से बात कर मैच को रद्द घोषित कर दिया।
पिच की अत्यधिक खतरानाक उछाल पर आईसीसी को भी मैच रेफरी ने रिपोर्ट भेजी थी जिसके बाद इंदौर के इस स्टेडियम को दो साल का प्रतिबंध भी झेलना पड़ा था। हालांकि, अब ज्यादातर मैच इस स्टेडियम में न होकर होल्कर स्टेडियम में आयोजित किये जाते हैं।
इंदौर से जुड़े हैं कई दिलचस्प रिकॉर्ड भी
भले ही इंदौर को तब मैच रद्द होने के कारण बदनामी झेलनी पड़ी थी लेकिन यह शहर टीम इंडिया के लिए बेहद लकी भी साबित हुआ है। जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम की ही बात करें तो बैन हटने के बाद सचिन तेंदुलकर ने इसी मैदान पर 2001 में 10,000 वनडे रनों का आंकड़ा छुआ था। यही नहीं, इंदौर के होल्कर स्टेडियम में ही वीरेंद्र सहवाग ने वनडे में 219 रनों की एतिहासिक पारी भी खेली थी। सहवाग ने यह कारनामा वेस्टइंडीज के खिलाफ 2011 में किया था। बाद में रोहित शर्मा ने सहवाग के इस रिकॉर्ड को तोड़ा।