सौरव गांगुली ने वीरेंद्र सहवाग के लिए लिखा खुला पत्र, टेस्ट क्रिकेट में बल्लेबाजी की कला को पूरी तरह से बदलने का श्रेय दिया

गांगुली ने कहा कि आईसीसी ने हॉल ऑफ फेम में शामिल करने के लिए बिलकुल सही व्यक्ति को चुना है। उन्होंने टीम के अपने पूर्व साथी को दिग्गज क्रिकेटर और सुनील गावस्कर के बाद संभवत: सर्वश्रेष्ठ सलामी बल्लेबाज करार दिया।

By शिवेन्द्र कुमार राय | Published: November 14, 2023 4:08 PM

Open in App
ठळक मुद्दे वीरेंद्र सहवाग को खेल में उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए आईसीसी हॉल ऑफ फेम में शामिल किया गयाभारत के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली ने एक खुला पत्र लिखा हैगांगुली ने कहा कि आईसीसी ने हॉल ऑफ फेम में शामिल करने के लिए बिलकुल सही व्यक्ति को चुना है

नई दिल्ली: भारत के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली ने वीरेंद्र सहवाग को खेल में उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए आईसीसी हॉल ऑफ फेम में शामिल किए जाने के बाद  एक खुला पत्र लिखा है। 45 वर्षीय सहवाग ने 2011 में घरेलू मैदान पर भारत के विश्व कप विजेता अभियान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। सहवाग ने  अपने 14 साल के शानदार करियर के दौरान अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 17,000 से अधिक रन बनाए। उन्होंने बल्लेबाजी के प्रति अपने ट्रेडमार्क विस्फोटक दृष्टिकोण के माध्यम से टेस्ट क्रिकेट में सलामी बल्लेबाज की भूमिका को बदल दिया था।

पूर्व भारतीय कप्तान सौरव गांगुली ने सहवाग की इसी खासियत पर जोर देते हुए कहा कि दिल्ली के इस बल्लेबाज ने ऐसा उस समय किया जब विश्व स्तरीय गेंदबाजों की मौजूदगी में खेल काफी मजबूत था। सहवाग, डायना इडुल्जी और अरविंद डिसिल्वा को सोमवार को आईसीसी क्रिकेट हॉल ऑफ फेम में शामिल किया गया।

गांगुली ने सहवाग की सराहना करते हुए पत्र लिखा है जिसे अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद ने साझा किया है जिसमें पूर्व भारतीय कप्तान ने कहा, "जो चीज आपको विशेष बनाती है वह आपकी बल्लेबाजी का तरीका है। आपने टेस्ट क्रिकेट में शीर्ष पर बल्लेबाजी के आयाम को बदला। तब यह अलग युग था। 2000 के दशक की शुरुआत में टेस्ट क्रिकेट दुनिया भर में स्तरीय खिलाड़ियों की मौजूदगी में काफी मजबूत था लेकिन आपने टेस्ट क्रिकेट में बल्लेबाजी की कला को पूरी तरह से बदल दिया।"

सहवाग की तारीफ में सौरव गांगुली ने कहा, "जो पारी इसे साबित करती है वह आपके श्रीलंका के खिलाफ 2009 में बनाए 293 रन है। टेस्ट क्रिकेट में एक दिन में इतने रन बनाना और वह भी उस आक्रमण के खिलाफ जिसमें मुथैया मुरलीधरन शामिल हो, यह दर्शाता है कि आप क्या करने में सक्षम हो। आपने विभिन्न प्रारूपों में खेलने का लुत्फ उठाया और आप एकदिवसीय क्रिकेट में अच्छे थे लेकिन मुझे लगता है कि आप टेस्ट क्रिकेट में और बेहतर थे। आप इसे सभी परिस्थितियों में कर सकते थे और मुल्तान में आपका तिहरा शतक मेरी पसंदीदा पारियों में से एक है। आपने 200 तक पहुंचने के लिए छक्का मारा और फिर 300 तक पहुंचने के लिए भी वैसा ही किया - और आपने हमें बताया था कि आप ऐसा करने जा रहे हैं।"

गांगुली ने कहा कि आईसीसी ने हॉल ऑफ फेम में शामिल करने के लिए बिलकुल सही व्यक्ति को चुना है। उन्होंने टीम के अपने पूर्व साथी को दिग्गज क्रिकेटर और सुनील गावस्कर के बाद संभवत: सर्वश्रेष्ठ सलामी बल्लेबाज करार दिया। पूर्व भारतीय कप्तान ने याद किया कि शुरुआत में विफल रहने के बाद सहवाग ने कैसे भारतीय टीम में मजबूत वापसी की। 

गांगुली ने कहा, "जब आपने टीम में वापसी की तो आप मध्यक्रम के बल्लेबाज थे। आपने कभी सलामी बल्लेबाज नहीं थे लेकिन यह जल्द ही बदलने वाला था। हमने आपको यह जिम्मेदारी इसलिए दी क्योंकि हम मध्यक्रम में आपके लिए जगह नहीं बना सके और साथ ही हम जानते थे कि आपकी क्षमता वाला खिलाड़ी बेंच पर बैठा नहीं रह सकता। मुझे याद है जब मैंने आपसे कहा था कि आपको पारी की शुरुआत करने की कोशिश करनी चाहिए तो आप अनिश्चित थे क्योंकि आपने ऐसा कभी नहीं किया था। मेरा मानना है कि कोई भी किसी विशेष स्थान पर बल्लेबाजी करने के लिए पैदा नहीं हुआ है और आप अपने पास मौजूद प्रतिभा के कारण ऐसा कर सकते हैं।"

बता दें कि आक्रामक सलामी बल्लेबाज सहवाग ने भारत के लिए 104 टेस्ट, 251 एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय और 19 टी20 अंतरराष्ट्रीय खेले और वह 2011 एकदिवसीय विश्व कप तथा 2007 टी20 विश्व कप जीतने वाली भारतीय टीम का हिस्सा रहे।

टॅग्स :सौरव गांगुलीवीरेंद्र सहवागआईसीसीबीसीसीआईटेस्ट क्रिकेट

संबंधित बातम्या

क्रिकेट अधिक बातम्या