Shikhar Dhawan Retirement: क्रिकेट का हीरो कैसे बना विलेन? क्या है शिखर धवन के निकनेम 'गब्बर' की कहानी...

Shikhar Dhawan Retirement: शिखर धवन का प्रदर्शन अक्सर 'गब्बर' उपनाम से जाना जाता है जानें इसके पीछे की वजह..

By अंजली चौहान | Updated: August 24, 2024 10:18 IST2024-08-24T10:17:11+5:302024-08-24T10:18:18+5:30

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Shikhar Dhawan Retirement: शिखर धवन, क्रिकेट के लीजेंड किसी पहचान के मोहताज नहीं हैं। अपने करियर के दौरान कई रिकॉर्ड बनाने वाले शिखर धवन ने शनिवार, 24 अगस्त 2024 को अपने रिटायरमेंट की घोषणा कर दी। धवन के घोषणा करते ही फैन्स ने सोशल मीडिया पर उन्हें आगे के जीवन के लिए शुभकामनाएं देनी शुरू कर दी है। शिखर धवन को उनके चाहने वाले और फैन्स गब्बर कहकर पुकारते हैं। क्रिकेटर के हीरो को लोग प्यार से गब्बर कहते हैं लेकिन इस निकनेम के पीछे की क्या वजह है यह शायद ही आपको पता हो तो चलिए बताते हैं इस निकनेम के पीछे की असल कहानी...

कैसे पड़ा नाम गब्बर?

शिखर धवन के घेरलू क्रिकेट की शुरुआत के समय की यह दिलचस्प कहानी है। 'गब्बर' जो 1975 की बॉलीवुड ब्लॉकबस्टर "शोले" के महान खलनायक गब्बर सिंह को समर्पित है। अमजद खान द्वारा निभाया गया यह किरदार भारतीय सिनेमा के सबसे यादगार किरदारों में से एक है, जो अपने निर्दयी व्यवहार और प्रभावशाली उपस्थिति के लिए जाना जाता है।

शिखर धवन को घरेलू मैच के दौरान दिल्ली के उनके साथियों ने 'गब्बर' नाम दिया था। उनकी आक्रामक बल्लेबाजी शैली और मैदान पर निडर रवैये ने उनके साथियों को गब्बर सिंह के दबदबे की याद दिला दी। यह नाम लोगों के दिलों में बस गया और धवन के क्रिकेट के कारनामे सिनेमाई आइकन के बड़े व्यक्तित्व से मिलते-जुलते रहे।

रणजी ट्रॉफी में दिल्ली के लिए खेलते हुए, धवन अपने उग्र रवैये और विपक्ष को स्लेजिंग करने की आदत के लिए जाने जाते थे। एक खास मैच के दौरान, सिली पॉइंट पर खड़े होकर, धवन लगातार कमेंट्री करते रहे और विपक्षी बल्लेबाजों पर मजाकिया कटाक्ष करते रहे। इन कटाक्षों में अक्सर "बहुत याराना है सूअर के बच्चों" का वाक्य शामिल होता था।

खुद धवन ने बताई नाम की वजह

स्पोर्ट्स तक के साथ एक खास इंटरव्यू में शिखर धवन ने कहा था, "मैं रणजी ट्रॉफी में खेल रहा था और सिली पॉइंट पर बैठा था। जब दूसरी टीम बड़ी साझेदारी करती है, तो खिलाड़ी नीचे बैठ जाते हैं। जब मैं बैठा होता था, तो मैं चिल्लाता था, 'बहुत याराना है सूअर के बच्चों' और हर कोई हंसने लगता था। हमारे कोच (विजय) ने यहीं से मेरा नाम गब्बर रख दिया। वहां से यह नाम इतना मशहूर हो गया कि अब दुनिया भर के क्रिकेट प्रशंसक मुझे गब्बर ही कहते हैं।'

मैदान पर शिखर धवन का प्रदर्शन अक्सर 'गब्बर' के नाम के अनुरूप रहा है। अपने आक्रामक बाएं हाथ के सलामी बल्लेबाज़ी के साथ, धवन खेल के सभी प्रारूपों में भारतीय क्रिकेट टीम की आधारशिला रहे हैं। 2013 में डेब्यू पर उनका सबसे तेज़ टेस्ट शतक या ICC टूर्नामेंट में उनकी महत्वपूर्ण पारियाँ, उनके बेहतरीन पलों को दर्शाते हैं, जो 'गब्बर' के निडर दृष्टिकोण को दर्शाते हैं।

शिखर धवन के रिकॉर्ड

बाएं हाथ के इस बल्लेबाज ने 2010 में अपना वनडे डेब्यू किया, लेकिन शुरुआत में शीर्ष क्रम में वीरेंद्र सहवाग और सचिन तेंदुलकर जैसे दिग्गजों की मौजूदगी के कारण उन्हें लगातार मौके नहीं मिल पाए।

हालांकि, जब मौका आया, तो धवन ने इसे दोनों हाथों से लपका। 2013 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ़ उनका टेस्ट डेब्यू एक ऐतिहासिक पल था, क्योंकि उन्होंने महज 85 गेंदों में किसी भारतीय बल्लेबाज द्वारा बनाया गया सबसे तेज टेस्ट शतक लगाया था। इस पारी ने उनके सफल टेस्ट करियर की नींव रखी, जिसमें धवन ने लंबे फॉर्मेट में सात शतक बनाए।

धवन का असली दबदबा वनडे में है। उन्होंने 167 मैचों में 17 शतकों और 39 अर्द्धशतकों के साथ 44.11 की प्रभावशाली औसत हासिल की है। 2013 और 2017 ICC चैंपियंस ट्रॉफी टूर्नामेंट में भारत की जीत में उनका योगदान महत्वपूर्ण था, जहाँ वे दोनों मौकों पर सबसे ज़्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी रहे (क्रमशः 363 रन और 338 रन)।

धवन इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) में भी लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं। 222 मैचों में, उन्होंने 35.26 की औसत से 6769 रन बनाए हैं। उन्होंने आखिरी बार 2022 में बांग्लादेश के खिलाफ भारत के लिए खेला था।

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