Russia Ukraine War:यूक्रेन पर रूस ने 24 फरवरी, 2022 को हमला किया था। अब इस जंग को शुरू हुए दो साल से ज्यादा हो गया है। पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था इस भीषण युद्ध की चपेट में है। जंग कब खत्म होगी इसके कोई आसार नहीं हैं। इस युद्ध शुरुआत यूक्रेन के नाटो का बनने की कोशिश की खबरों से हुई थी। हालांकि अब तक न तो यूक्रेन नाटो का सदस्य बना है न ही नाटो यूक्रेन की मदद के लिए सैन्य हस्तक्षेप करने के मूड में है।
नाटो महासचिव जेन्स स्टोलटेनबर्ग ने हाल ही में ये स्पष्ट किया है कि सैन्य गठबंधन की यूक्रेन में लड़ाकू सेना भेजने की कोई योजना नहीं है। एसोसिएटेड प्रेस को जेन्स स्टोलटेनबर्ग ने ये जानकारी ऐसे समय में दी है जब कुछ रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि कुछ पश्चिमी देश युद्ध से तबाह यूक्रेन में सेना को तैनात करने पर विचार कर सकते हैं।
स्टोल्टेनबर्ग ने कहा कि नाटो सहयोगी यूक्रेन को अभूतपूर्व समर्थन प्रदान कर रहे हैं। हमने 2014 से ऐसा किया है और पूर्ण पैमाने पर आक्रमण के बाद इसमें तेजी लाई गई है। लेकिन यूक्रेन में ज़मीन पर नाटो लड़ाकू सैनिकों की कोई योजना नहीं है।
बता दें पेरिस में 20 से अधिक देशों के शीर्ष अधिकारियों ने यूक्रेन के लिए मदद बढ़ाने के विकल्पों पर चर्चा की। इससे पहले स्लोवाकिया के प्रधान मंत्री रॉबर्ट फिको ने कहा कि कुछ देश इस बात पर विचार कर रहे हैं कि यूक्रेन को रूसी आक्रमण को रोकने में मदद करने के लिए वहां सेना भेजने के लिए द्विपक्षीय समझौते किए जाएं या नहीं। फ़िको ने कहा कि उनकी सरकार स्लोवाक सैनिकों को भेजने का प्रस्ताव करने की योजना नहीं बना रही है, लेकिन उन्होंने इस बारे में विवरण नहीं दिया कि कौन से देश ऐसे सौदों पर विचार कर सकते हैं।
फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन ने सोमवार को कहा कि भविष्य में यूक्रेन में पश्चिमी सैनिकों को भेजने से इंकार नहीं किया जाना चाहिए, क्योंकि रूस का पूर्ण पैमाने पर आक्रमण तीसरे वर्ष में है। बता दें कि एक गठबंधन के रूप में नाटो यूक्रेन को केवल गैर-घातक सहायता और चिकित्सा आपूर्ति, वर्दी और शीतकालीन उपकरण जैसी सहायता प्रदान करता है। लेकिन कुछ सदस्य द्विपक्षीय या समूहों में हथियार और गोला-बारूद भेजते हैं। सेना भेजने के किसी भी निर्णय के लिए सभी सदस्य देशों के सर्वसम्मत समर्थन की आवश्यकता होगी।