Highlightsफाइनल में हमने अपनी तरफ से वह सब कुछ किया जो हम कर सकते थे - रोहित मुझे टीम पर गर्व है क्योंकि हम जिस तरह खेले वह बेजोड़ था - रोहित इस हार को पचाना आसान नहीं था - रोहित
नई दिल्ली: वनडे विश्व कप के फाइनल में ऑस्ट्रेलिया के हाथों मिली हार का गम अब तक कोई भी भारतीय क्रिकेट प्रशंसक भूला नहीं है। इस हार के बाद से अब तक भारतीय कप्तान रोहित शर्मा कुछ खास नहीं बोले थे। लेकिन अब भारतीय कप्तान ने खुलकर अपनी भावनाएं जाहिर की हैं। रोहित ने कहा है कि इस हार को पचाना आसान नहीं था।
एक वीडियो में रोहित ने कहा, "मुझे शुरू में नहीं पता था कि इससे कैसे वापसी करनी है। मेरे परिवार और मेरे दोस्तों ने मुझे आगे बढ़ाया। मेरे चारों ओर चीजों को बहुत हल्का रखा, जो काफी मददगार था। उस हार को पचाना आसान नहीं था, लेकिन हां, जीवन आगे बढ़ता है। ईमानदारी से कहूं तो यह कठिन था। मैं हमेशा 50 ओवर का विश्व कप देखते हुए बड़ा हुआ हूं और मेरे लिए 50 ओवर का विश्व कप सबसे बड़ा पुरस्कार था।"
भारतीय कप्तान ने आगे कहा, "फाइनल में हमने अपनी तरफ से वह सब कुछ किया जो हम कर सकते थे, लेकिन ये गलतियां हर मैच में होती हैं। आप हर मैच में एक जैसा नहीं खेल सकते। मुझे टीम पर गर्व है क्योंकि हम जिस तरह खेले वह बेजोड़ था। आपको हर विश्व कप में ऐसा प्रदर्शन करने का मौका नहीं मिलता है।"
रोहित ने कहा, "वापस आना और आगे बढ़ना, फिर से शुरू करना बहुत मुश्किल था। यही कारण है कि मैंने फैसला किया कि मुझे कहीं जाने की जरूरत है। लेकिन फिर मैं जहां भी गया, मुझे एहसास हुआ कि लोग मेरे पास आ रहे थे और वहां वे सभी के प्रयासों की सराहना कर रहे थे कि हम कितना अच्छा खेले।"
भारतीय कप्तान ने कहा, "मैं फैंस की भावनाओं को भी महसूस करता हूं, क्योंकि वे सभी हमारे साथ थे। वे हमारे साथ उस विश्व कप को उठाने का सपना देख रहे थे। जहां भी हम इस पूरे विश्व कप अभियान के दौरान गए, सभी से इतना समर्थन मिला। मैं कहना चाहता हूं कि लोगों ने उस एक-डेढ़ महीनों में हमारे लिए क्या नहीं किया है। मैं इस बारे में ज्यादा सोचता हूं, तो मुझे काफी निराशा होती है कि हम इस तरह के परिणाम के बारे में नहीं सोच रहे थे। लोग मेरे पास आते हैं और मुझे बताते हैं कि उन्हें टीम पर बहुत गर्व है।"
बता दें कि वनडे विश्व कप में लगातार 10 मुकाबलों में अजेय रही टीम इंडिया फाइनल में हार गई थी। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ भारतीय टीम पहले खेलते हुए केवल 240 रन ही बना पाई थी। 2011 के बाद से भारतीय टीम ने कोई विश्वकप नहीं जीता है और इस बार ये सूखा खत्म होने की उम्मीद थी लेकिन ऐसा नहीं हुआ। विश्वकप में भारतीय बल्लेबाज विराट कोहली ने सबसे ज्यादा रन बनाए थे वहीं मोहम्मद शमी ने सबसे ज्यादा विकेट लिए थे।