राहुल द्रविड़ की 'टॉर्चर' कर देने वाली इस पारी ने ओलंपिक गोल्ड जीतने में निभाई थी बड़ी भूमिका! अभिनव बिंद्रा ने सुनाया दिलचस्प किस्सा

राहुल द्रविड़ को लेकर अभिनव बिंद्रा ने एक दिलचस्प बात बताई है। बिंद्रा ने बताया कि कैसे द्रविड़ की 2008 में खेली गई एक पारी ने उनके ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीतने में बड़ी भूमिका निभाई।

By विनीत कुमार | Published: July 26, 2022 2:57 PM

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ठळक मुद्देअभिनव बिंद्रा के अनुसार 2008 में द्रविड़ के 40 गेंद पर एक रन बनाने वाली पारी ने उन्हें काफी कुछ सिखाया।राहुल द्रविड़ ने 2008 के ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट मैच में 18 रन बनाने के बाद अगला रन बनाने के लिए लगातार 40 डॉट गेंदें खेली थी।द्रविड़ ने इस मैच में जैसे ही 19वां रन लिया, ग्राउंड में मौजूद दर्शकों ने भी खड़े होकर तालियां बजाई थी।

नई दिल्ली: ओलंपिक के इतिहास में व्यक्तिगत स्पर्धा में भारत के लिए पहला स्वर्ण पदक जीतने वाले निशानेबाज अभिनव बिंद्रा ने एक दिलचस्प खुलासा किया है। बिंद्रा ने बताया है कि कैसे भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान राहुल द्रविड़ की एक पारी ने उनके 2008 के बीजिंग ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीतने में बड़ी भूमिका निभाई थी। अभिनव बिंद्रा ने इस ओलंपिक में 10 मीटर एयर राइफल स्पर्धा में गोल्ड मेडल जीतकर इतिहास रच दिया था।

बिंद्रा ने यह भी दावा किया कि द्रविड़ की उस पारी ने भारतीय खेलों के इतिहास में भी एक बड़ी भूमिका निभाई। बिंद्रा दरअसल जनवरी 2008 में सिडनी क्रिकेट ग्राउंड में भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेले गए एक टेस्ट मैच का जिक्र कर रहे थे। द्रविड़ इस मैच में 18 रन पर बल्लेबाजी कर रहे थे, जब उन्होंने अपना अगला रन बनाने के लिए लगातार 40 डॉट गेंदें खेलीं।

द्रविड़ ने इस मैच में जैसे ही 19वां रन लिया, सिडनी क्रिकेट ग्राउंड में मौजूद दर्शकों ने खड़े होकर तालियां बजाई थी। द्रविड़ ने भी बैट उठाकर दर्शकों का अभिवादन स्वीकार किया था।

द्रविड़ को सुनाया अभिनव बिंद्रा ने पूरा किस्सा

'इन द जोन विद अभिनव बिंद्रा' पोडकास्ट में गोल्ड मेडल जीतने वाले निशानेबाज ने कहा, 'मैं आपकी एक विशेष पारी के बारे में बात करना चाहता हूं, जिसने मेरे करियर में एक बड़ी भूमिका निभाई थी। मेरे लिए यह आपकी सबसे महत्वपूर्ण पारी थी क्योंकि इसने मुझे बहुत कुछ सिखाया...यह वह मैच था जहां आपने लगातार 40 डॉट गेंदों के बाद एक रन बनाया था।'

बिंद्रा ने कहा, 'यह जनवरी 2008 था। यह ओलंपिक का साल था। मैं वहां (ऑस्ट्रेलिया में) एक फिटनेस शिविर के लिए था और उस समय अपने करियर में मैं प्रतियोगिता में अपना पहला शॉट लेने के लिए थोड़ा संघर्ष कर रहा था...क्योंकि मैं वास्तव में घबरा जाता था। मेरी हृदय गति बहुत अधिक बढ़ जाती थी और मैं कभी-कभी अधीर हो जाता था और बस जल्दी से इसके पीछे चला जाता था और यह मेरे लिए बहुत बुरा था।'

बकौल बिंद्रा, 'तो, मैंने आपको टीवी पर इस मैच में देखा। लगातार 40 गेंदों को खेलते जाना गजब के धैर्य को दिखा रहा था और इसने मुझे बहुत कुछ सिखाया। इसलिए मैं आपको धन्यवाद देना चाहता हूं। भारतीय खेलों के इतिहास में उस पारी की बड़ी भूमिका थी...क्योंकि इससे उस ओलंपिक सत्र में मदद मिली।"

बिंद्रा ने जहां द्रविड़ की उस पारी के लिए सराहना की वहीं 'द वॉल' ने कहा- 'मुझे खुशी है कि किसी को इससे फायदा हुआ...वैसे देखने वाले बहुत से लोगों के लिए यह वास्तव में थोड़ा टॉर्चर जैसा था, यहां तक ​​कि मेरे लिए भी।'

टॅग्स :राहुल द्रविड़ओलंपिकभारत Vs ऑस्ट्रेलियाअभिनव बिंद्रा
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