नस्लवाद पर बोले इरफान पठान, 'ये सिर्फ चमड़ी के रंग तक सीमित नहीं, धर्म के कारण भी होता है भेदभाव'

Irfan Pathan: टीम इंडिया के पूर्व ऑलराउंडर इरफान पठान ने नस्लवाद को लेकर जारी बहस के बीच कहा है कि धर्म के आधार पर भेदभाव करना भी एक प्रकार का नस्लवाद ही है

By भाषा | Published: June 10, 2020 2:21 PM

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ठळक मुद्देनस्लवाद सिर्फ चमड़ी के रंग तक सीमित नहीं है: इरफान पठानकिसी और धर्म का होने के कारण सोसाइटी में घर खरीदने की स्वीकृति नहीं दिया जाना भी नस्लवाद है: पठान

नई दिल्ली: पूर्व भारतीय तेज गेंदबाज इरफान पठान ने नस्लवाद को लेकर दुनिया भर में चल रही बहस पर मंगलवार को कहा कि यह सिर्फ चमड़ी के रंग तक सीमित नहीं है और धर्म के कारण भी लोगों को नस्ली उत्पीड़न का सामना करना पड़ता है। मिनियापोलीस में अफ्रीकी-अमेरिकी जॉर्ज फ्लॉयड को मार दिए जाने के बाद देश भर में पड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए और इसने दुनिया भर में नस्लवाद को लेकर बहस को हवा दी।

पठान ने ट्विटर पर लिखा, ‘‘नस्लवाद सिर्फ चमड़ी के रंग तक सीमित नहीं है। किसी और धर्म का होने के कारण सोसाइटी में घर खरीदने की स्वीकृति नहीं दिया जाना भी नस्लवाद है।’’

पठान से जब यह पूछा गया कि क्या यह उनका निजी अनुभव है या उन्होंने ऐसा महसूस किया है तो उन्होंने कहा, ‘‘ऐसा मुझे लगता है और मुझे लगता है कि इससे कोई इनकार नहीं कर सकता।’’ इस साल की शुरुआत में खेल के सभी प्रारूपों से संन्यास लेने वाले पठान ने भारत की ओर से 29 टेस्ट, 120 एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय और 24 टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच खेले।

फ्लॉयड की मौत के बाद अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटरों ने भी आगे आकर खेल में नस्लवाद के मामले में अपना पक्ष रखा है। इन क्रिकेटरों में वेस्टइंडीज के क्रिस गेल और डेरेन सैमी भी शामिल हैं। सैमी ने आरोप लगाया है कि 2014 आईपीएल के दौरान सनराइजर्स हैदराबाद की उनकी टीम के कुछ साथियों ने उन पर नस्लीय टिप्पणी की थी। 

टॅग्स :इरफान पठान

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