पृथ्वी शॉ डोप मामले में नया खुलासा, पूर्व कोच, फिजियो का दावा, 'शॉ ने कभी नहीं की थी खांसी-जुकाम की शिकायत'

Prithvi shaw: डोप टेस्ट में फेल होने पर आठ महीने का बैन झेल रहे पृथ्वी शॉ को लेकर उनके पूर्व कोच और फिजियो ने दावा किया है कि शॉ ने उनसे कभी भी खांसी, जुकाम की बात नहीं बताई थी

By अभिषेक पाण्डेय | Published: August 10, 2019 12:27 PM2019-08-10T12:27:58+5:302019-08-10T12:27:58+5:30

Prithvi shaw did not complain of cough or cold at any point, says Ex-Mumbai coach and physio | पृथ्वी शॉ डोप मामले में नया खुलासा, पूर्व कोच, फिजियो का दावा, 'शॉ ने कभी नहीं की थी खांसी-जुकाम की शिकायत'

पृथ्वी शॉ को डोप टेस्ट में फेल होने पर आठ महीने के लिए प्रतिबंधित किया गया है

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Highlightsमुंबई के पूर्व कोच, फिजियो ने दावा किया है कि पृथ्वी शॉ ने उन्हें सर्दी, जुकाम की शिकायत कभी नहीं कीबीसीसीआई के मुताबिक, पृथ्वी शॉ ने इंदौर में एक टूर्नामेंट के दौरान गलती से एक कफ सिरप लिया थाशॉ द्वारा खांसी-जुकाम के लिए ली गई इस कप सिरप में ही प्रतिबंधित पदार्थ टारब्यूटालइन था

पृथ्वी शॉ का डोप टेस्ट पॉजिटिव आने के बाद मुंबई के इस स्टार बल्लेबाज को बीसीसीआई ने आठ महीने के लिए बैन कर दिया था। तब बीसीसीआई ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि शॉ ने अनजाने में इंदौर में 22 फरवरी को सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी के दौरान एक कफ सिरप लिया था, जिसमें प्रतिबंधित टारब्यूटालाइन पदार्थ था।

लेकिन टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, मुंबई के पूर्व कोच विनायक सामंत और फिजियोथेरेपिस्ट दीप तोमर, जो इस पूरे टूर्नामेंट के दौरान शॉ और बाकी टीम के साथ थे, ने खुलासा किया है कि इस युवा बल्लेबाज ने कभी 'खासी' या 'जुकाम' की शिकायत नहीं की थी।

पूर्व कोच, फिजियो का दावा, शॉ ने नहीं बताई थी खांसी, जुकाम की बात

इस खुलासे ने एक बार फिर ये सवाल उठा दिए हैं कि क्या शॉ के पॉजिटिव डोप टेस्ट मामले को बीसीसीआई ने अनुचित ढंग से संभाला था। बोर्ड की खुद की रिपोर्ट में कहा गया है, 'इंदौर जाने पर (सैयद मुश्ताक मैचों के लिए), शॉ को सामान्य सर्दी जुकाम शुरू हो गया।'

इस रिपोर्ट के मुताबिक, सामंत और तोमर ने कहा, उसे हल्का बुखार था। लेकिन खांसी या जुकाम के कोई लक्षण नहीं थे। न ही वह हमारे इसकी शिकायत लेकर आया और न ही इलाज के बारे में पूछा। हम हर समय उपलब्ध थे। 

टीम के साथ यात्रा कर रहे टीम मैनेजर गणेश अय्यर ने भी कहा, 'शॉ ने मुझसे भी संपर्क नहीं किया।' 'मैंने देखा कि उसे थोड़ा जुकाम है, लेकिन उसने मुझे कुछ नहीं बताया।'

शॉ ने पिता की सलाह पर ली थी केमिस्ट से कफ सिरप

अब अगर बीसीसीआई रिपोर्ट पर नजर डालें, जिसो बोर्ड के एंटी डोपिंग मैनेजर अभिजीत साल्वी ने नेशनल क्रिकेट ऐकैडमी (एनसीए) के प्रमुख तूफान घोष और मुख्य फिजियोथेरेपिस्ट आशीष कौशिक से मिली जानकारी के आधार पर तैयार किया है। 

इसके मुताबिक, 'उन्होंने (शॉ) अपने पिता से सलाह ली, जिन्होंने उसे अपने लक्षण के इलाज के उपचार के लिए एक फार्मेसी जाने को कहा। शॉ इंदौर में होटल के पास स्थित एक स्थानीय फार्मेसी पर गए, जहां फार्मासिस्ट ने काउंटर पर उन्हें एक सिरप दी और कहा कि इससे उन्हें आराम मिलेगा।'

ये मानना मुश्किल है कि एक भारतीय क्रिकेटर-जिसे ये ट्रेनिंग मिलती है कि उसे क्या खाना चाहिए और क्या नहीं-वह टीम होटल से बाहर निकलकर पास की केमिस्ट की दुकान पर जाकर खांसी की दवा लेता है।

पृथ्वी शॉ पिता, नहीं स्थानीय अभिभावक के ज्यादा संपर्क में

बीसीसीआई की रिपोर्ट से भी दो सवाल खड़ा हो रहे हैं। पहला-जो लोग पृथ्वी शॉ को करीब से जानते हैं, वह कहते हैं कि वह अपने पिता से बहुत कम संपर्क में रहते हैं। इसके बजाय वह अपने स्थानीय अभिभावक, मुंबई से शिवसेना विधायक संजय पोटनिस के करीबी हैं, जिनके साथ वह पिछले 10 सालों से रह रहे हैं। 

दूसरा-शॉ के पास उसी होटल में टीम का डॉक्टर मौजूद था, लेकिन उन्होंने अपने पिता से सलाह ली।

बीसीसीआई रिपोर्ट के मुताबिक, 'शॉ उस खांसी की दवा का नाम नहीं जानते थे, जो उन्होंने ली थी।' हालांकि बीसीसीआई की ही रिपोर्ट के मुताबिक, शॉ ने माना, 'कई खांसी की सीरप जो काउंटर पर उपलब्ध होती हैं, में टारब्यूटालाइन (पदार्थ, जिससे शॉ का डोप टेस्ट पॉजिटिव आया) पाया जाता है।'

सवाल ये उठ रहा है कि अगर शॉ को पता था कि ज्यादातर कप सिरप में टारब्यूटालाइन होता है, तब भी उन्होंने इसे क्यों लिया?

एक सूत्र ने कहा कि फिजियो तोमर ने बताया, 'एक बार पृथ्वी शॉ उनके पास आए और कहा कि वह अच्छा महसूस नहीं कर रहे हैं तो मैंने उन्हें आराम की सलाह दी थी। लेकिन कभी भी उन्होंने ये नहीं कि उन्हें खांसी या जुकाम है।' 

पृथ्वी शॉ को डोप टेस्ट पॉजिटिव पाए जाने के बाद आठ महीने के लिए प्रतिबंधित कर दिया गया है। उनका ये बैन पिछली तारीख, यानी 16 मार्च 2019 से प्रभावी माना गया है, जो 15 नवंबर 2019 को खत्म होगा।

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