राहुल तेवतिया की विस्फोटक बल्लेबाजी ने जीता प्रीति जिंटा का भी दिल, खुद की टीम पंजाब को बताया बदकिस्मत

मयंक अग्रवाल और केएल राहुल ने शारजाह की बल्लेबाजों के लिये अनुकूल पिच पूरा फायदा उठाया और आईपीएल में पहले विकेट के लिये तीसरी सबसे बड़ी साझेदारी निभायी। इस बीच उन्होंने रॉयल्स के किसी भी गेंदबाज को लय हासिल नहीं करने दी।

By अमित कुमार | Published: September 28, 2020 10:11 AM

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ठळक मुद्देआईपीएल में इससे पहले सबसे बड़ा लक्ष्य हासिल करने का रिकॉर्ड रॉयल्स के नाम पर ही था।रॉयल्स ने 2008 में डेक्कन चार्जर्स के खिलाफ 215 रन बनाकर यह रिकॉर्ड बनाया था। संजू सैमसन के आउट होने के बाद यह लक्ष्य हासिल करना काफी मुश्किल दिखाई पड़ रहा था।

राहुल तेवतिया की एक ओवर में पांच छक्कों से सजी आतिशी पारी के दम पर राजस्थान रॉयल्स ने रविवार को मयंक अग्रवाल के शतक से विशाल स्कोर खड़ा करने वाले किंग्स इलेवन पंजाब को चार विकेट से हरा दिया। राहुल तेवतिया ने टीम के लिए अहम मौके पर पांच छक्के जड़कर जीत के करीब पहुंचा दिया। एक समय लग रहा था कि पंजाब मैच को आसानी से जीत लेगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। 

राजस्थान के खिलाड़ियों ने आखिरी समय तक हिम्मत नहीं हारी। राहुल तेवतिया की पारी को देख जो लोग पहले उनकी आलोचना कर रहे थे, बाद में उन्होंने तेवतिया की जमकर प्रशंसा की। इंडियन प्रीमियर लीग में सबसे बड़ा लक्ष्य हासिल करने का अपना 12 साल पुराना रिकॉर्ड राजस्थान ने तोड़ दिया। रॉयल्स के सामने 224 रन का लक्ष्य था। उसे आखिरी तीन ओवरों में 51 रन चाहिए थे।

प्रिति जिंटा ने पंजाब के लिए कही यह बात

संजू सैमसन के आउट होने के बाद यह लक्ष्य हासिल करना काफी मुश्किल दिखाई पड़ रहा था। लेकिन कॉटरेल के ओवर ने पूरे मैच का पासा ही पलट कर रख दिया। पंजाब की ऑनर प्रिति जिंटा ने भी राजस्थान की तारीफ की। प्रीति ने कहा, "खेल क्या रोलर कोस्टर की तरह था। बधाई हो राजस्थान रॉयल्स इस तरह के अविश्वसनीय चेज के लिए। आप लोग आज रात जादूगर थे। बदकिस्मत किंग्स इलेवन पंजाब। आगे देखने का समय और साकारात्मक रहो। अभी और खेल बाकी है। महान सबक, किसी को कम ना आंके।"

रॉयल्स ने हासिल किया आईपीएल इतिहास का सबसे बड़ा लक्ष्य

आईपीएल में इससे पहले सबसे बड़ा लक्ष्य हासिल करने का रिकॉर्ड रॉयल्स के नाम पर ही था। उसने 2008 में डेक्कन चार्जर्स के खिलाफ 215 रन बनाकर यह रिकॉर्ड बनाया था। तेवतिया ने लगता था कि अपने तेवर आखिरी ओवरों के लिये ही बचा रखे थे क्योंकि एक समय उन्होंने 19 गेंदों पर केवल आठ रन बनाये थे। लेकिन बाद में उन्होंने टीम को जीत की दहलीज तक पहुंचाने का काम किया। 

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