'लोगों को अपना अहम परे रखकर काम करना चाहिए', बुमराह का टेस्ट न करने पर द्रविड़ की अगुवाई वाले एनसीए की आलोचना

Jasprit Bumrah: भारत के तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह का फिटनेस टेस्ट न कराने को लेकर एनसीए आलोचकों के निशाने पर है

By अभिषेक पाण्डेय | Published: December 21, 2019 04:14 PM2019-12-21T16:14:18+5:302019-12-21T16:14:18+5:30

People should keep their egos aside, Rahul Dravid led NCA crticicised for rejecting Jasprit Bumrah test | 'लोगों को अपना अहम परे रखकर काम करना चाहिए', बुमराह का टेस्ट न करने पर द्रविड़ की अगुवाई वाले एनसीए की आलोचना

राहुल द्रविड़ की अगुवाई वाले एनसीए ने बुमराह का फिटनेस टेस्ट करने से इनकार कर दिया था

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Highlightsद्रविड़ की अगुवाई वाले एनसीए ने बुमराह का फिटनेस टेस्ट लेने से किया था इनकारबुमराह ने चोट से उबरने के लिए एनसीए जाने के बजाय अपने विशेषज्ञों की मदद ली थी

राहुल द्रविड़ की अगुवाई वाले एनसीए ने शुक्रवार को भारत के तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह का फिटनेस टेस्ट लेने से इनकार कर दिया था। एनसीए ने बुमराह से अपने विशेषज्ञों से टेस्ट कराने को कहा था।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, द्रविड़ और एनसीए के अधिकारी इस बात से नाखुश थे कि चोटिल बुमराह ने रिहैबिलिटेशन के लिए एनसीए जाने के बजाय अपने विशेषज्ञों की मदद ली थी। 

इस मामले को लेकर बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली ने कहा कि वह अपने टीम के पूर्व साथी खिलाड़ी राहुल द्रविड़ से बात करेंगे। लेकिन टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, एक सूत्र ने कहा कि बुमराह ने इस मामले में खुद से कुछ नही किया बल्कि उनसे जो कहा गया उन्होंने वही किया।

'बुमराह को जो कहा गया, उन्होंने वही किया'

इस रिपोर्ट के मुताबिक, एक सूत्र ने कहा, 'बुमराह से विशाखापत्तनम जाने और नेट्स में गेंदबाजी करने को कहा गया था। फिर उन्हें फिटनेस टेस्ट के लिए बैंगलोर स्थित एनसीए जाने को कहा गया था। फिर एनसीए ने उनसे कहा कि वह उनका फिटनेस टेस्ट नहीं कर पाएंगे और उन्हें मुंबई वापस जाने को कहा गया।'

इस सूत्र ने बुमराह का समर्थन करते हुए कहा कि इस प्रतिभाशाली गेंदबाज को विवादों में नहीं घसीटा जाना चाहिए। 

उन्होंने कहा, 'विवाद जो भी हो, इस गेंदबाज को छोड़ दिया जाना चाहिए। वह 24 साल के हैं और भारतीय क्रिकेट के लिए कीमती हैं। लोगों को अपने अहम को परे रखकर उनकी उन्नति के लिए काम करना चाहिए और विवाद नहीं पैदा करना चाहिए। ये उनका फैसला (एनसीए में ट्रेनिंग नहीं करने का) नहीं था। एक खिलाड़ी वही करता है, जो उसे करने के लिए कहा जाता है। अगर राहुल को लगता है कि एनसीए में बुमराह का टेस्ट करने का कोई मतलब नहीं है तो उन्हें ये बात बीसीसीआई को बतानी चाहिए।' 

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