...जब भारत पहली बार बना 'एशिया कप चैंपियन', इन खिलाड़ियों के दम पर पाकिस्तान को चटाई थी धूल

भारत ने पहले बल्लेबाजी का फैसला किया और निर्धारित 46 ओवरों में चार विकेट पर 188 रन बनाए। इसके जवाब में...

By भाषा | Published: April 13, 2020 02:41 PM2020-04-13T14:41:29+5:302020-04-13T14:41:29+5:30

On this day in 1984: India lifted its first Asia Cup title | ...जब भारत पहली बार बना 'एशिया कप चैंपियन', इन खिलाड़ियों के दम पर पाकिस्तान को चटाई थी धूल

...जब भारत पहली बार बना 'एशिया कप चैंपियन', इन खिलाड़ियों के दम पर पाकिस्तान को चटाई थी धूल

googleNewsNext

वह 13 अप्रैल 1984 का दिन था जब भारत ने सुनील गावस्कर की अगुवाई में अपने चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान को हराकर पहली बार एशिया कप जीता था जिसमें विकेटकीपर बल्लेबाज सुरिंदर खन्ना की भूमिका अहम रही थी और उनके जेहन में 36 साल पुरानी घटनाएं आज भी तरोताजा हैं।

भारत ने यह टूर्नामेंट एक साल पहले टीम को विश्व चैंपियन बनाने वाले कपिल देव के बिना खेला था। वह तब शारजाह में थे लेकिन उन्हें घुटने के ऑपरेशन के लिये इंग्लैंड जाना था। भारत ने पहले मैच में श्रीलंका को दस विकेट से हराया। भारत ने मदनलाल, चेतन शर्मा और मनोज प्रभाकर की शानदार गेंदबाजी से श्रीलंका को 96 रन पर ढेर कर दिया। इसके बाद खन्ना (नाबाद 51) और गुलाम परकार (नाबाद 32) ने टीम को आसान जीत दिलाकर फाइनल में पहुंचाया था।

खन्ना ने कहा, ‘‘मैं तब वापसी कर रहा था। सैयद किरमानी भी पंद्रह सदस्यीय टीम में शामिल था लेकिन गावस्कर ने मुझे अंतिम एकादश में रखने का फैसला किया। मैं 1979 विश्व कप के बाद वापसी कर रहा था और इसलिए मेरे लिये यह टूर्नामेंट बेहद महत्वपूर्ण था। मैं वापसी के बाद पहले मैच में ही मैन आफ द मैच बना तो पूरी टीम ने उसका जश्न मनाया। इनमें कपिल भी शामिल था।’’

भारत का सामना फाइनल में पाकिस्तान से था। भारत ने पहले बल्लेबाजी का फैसला किया और निर्धारित 46 ओवरों में चार विकेट पर 188 रन बनाये। सलामी बल्लेबाज खन्ना ने फिर से अपने बल्ले का कमाल दिखाया और 56 रन बनाये। उनके अलावा संदीप पाटिल ने 43 और गावस्कर ने नाबाद 36 रन बनाये। पाकिस्तान की टीम इसके जवाब में 39.4 ओवर में 134 रन पर आउट हो गयी। रोजर बिन्नी और रवि शास्त्री ने तीन-तीन विकेट लिये जबकि चार बल्लेबाज रन आउट हुए।

खन्ना ने कहा, ‘‘पिच पर काफी घास थी और बल्लेबाजी करना आसान नहीं था। हम कपिल के बिना खेल रहे थे लेकिन हमें पता था कि अपने स्कोर का बचाव करने में सफल रहेंगे। हम पहले एशिया कप में ही चैंपियन बन गये थे। गावस्कर ने जब ट्रॉफी उठायी तो वह हमारे लिये यादगार पल था। मुझे टूर्नामेंट का सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी चुना गया था, मेरे क्रिकेट करियर का यह महत्वपूर्ण क्षण था।’’

भारत ने इसके एक साल बाद दस मार्च 1985 को मेलबर्न में भी गावस्कर की अगुवाई में पाकिस्तान को फाइनल में आठ विकेट से हराकर क्रिकेट विश्व चैंपियनशिप का खिताब जीता था। जहां तक एशिया कप की बात है तो भारत अब तक रिकॉर्ड सात बार यह टूर्नामेंट जीत चुका है। इस बीच 2016 में इसे टी20 टूर्नामेंट के रूप में आयोजित किया गया। अगला एशिया कप इस साल सितंबर में खेला जाना है लेकिन कोविड-19 महामारी के कारण इस पर अनिश्चितता के बादल मंडरा रहे हैं।

Open in app