उमेश यादव का छलका दर्द, बोले- टीम से बाहर होने पर...

By भाषा | Published: November 27, 2019 6:30 PM

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उमेश यादव को पता है कि भारतीय तेज आक्रमण में चल रही कड़ी प्रतिस्पर्धा में मौका मिलना आसान नहीं है लेकिन इसके बावजूद उन्होंने कहा कि टीम से बाहर होने पर नकारात्मक विचारों और बोरियत से पार पाना मुश्किल होता है।

उमेश को दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ घरेलू श्रृंखला से पहले भारतीय टेस्ट टीम से बाहर कर दिया गया था लेकिन जसप्रीत बुमराह के चोटिल होने के कारण उन्हें टीम में जगह मिल गयी। उन्होंने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ दो टेस्ट में 11 और बांग्लादेश के खिलाफ 12 विकेट लेकर मौके का पूरा फायदा उठाया। उन्होंने पीटीआई से कहा कि टीम से बाहर होने पर सकारात्मक बने रहना बहुत मुश्किल है। उमेश ने पीटीआई से कहा, ‘‘जब आप बाहर होते तो वह समय काफी बोरियत भरा होता है तथा कुछ ऐसे विचार आपके दिमाग में घर करने लगते हैं जिनसे आप दूर रहना चाहते हो। मैं क्यों नहीं खेल रहा हूं? क्या हो रहा है? खुद को सकारात्मक बनाये रखना, कड़ी मेहनत करना और खुद को तैयार रखना मुश्किल होता है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘मैं जानता था कि अगर मैं फिट रहा तो मुझे मौका मिलेगा क्योंकि हमने कई मैच खेलने हैं। आपको इंतजार करना होगा क्योंकि तेज गेंदबाजी आक्रमण वास्तव में अच्छा प्रदर्शन कर रहा है। ’’ तेज गेंदबाजी आक्रमण में बुमराह, इशांत शर्मा ओर मोहम्मद शमी भी शामिल हैं और यादव ने कहा कि वह इसमें फिट बैठते हैं तथा कार्यभार संबंधी प्रबंधन से सुनिश्चित है कि हर किसी को पर्याप्त मौके मिलेंगे। उन्होंने कहा, ‘‘हम सभी चार अब उस स्तर पर हैं जहां आप भविष्यवाणी नहीं कर सकते हो कि एक समय में कौन तीन खेलेंगे। ऐसा स्वस्थ प्रतिस्पर्धा के कारण है। मैं इसे बहुत अच्छी बात मानता हूं कि हम खिलाड़ियों को रोटेट कर रहे हैं क्योंकि इससे हम लंबे समय तक खेल में बने रहेंगे और अधिक मैच विजेता प्रदर्शन करेंगे।’’

उमेश ने कहा, ‘‘जो भी अच्छा प्रदर्शन करेगा वह टीम का हिस्सा होगा। सबसे महत्वपूर्ण मौकों का पूरा फायदा उठाना है। जब मैं बुमराह, इशांत और शमी को देखता हूं तो उनसे सीखने की कोशिश करता हूं। सीखना कभी रुकता नहीं है। ’’ यादव घरेलू परिस्थितियों में प्रभावशाली रहे हैं लेकिन विदेशों में वह गलतियां कर जाते हैं। उनसे पूछा गया कि क्या उनके बारे में ऐसी राय सही है तो उन्होंने कहा कि इसमें वह कुछ नहीं कर सकते। इस तेज गेंदबाज ने कहा, ‘‘अमूमन जिन परिस्थितियों में आप अधिक खेलते हो आपको उनके बारे में अधिक पता होता है और आप अपनी रणनीति पर अच्छी तरह से अमल करते हो। हां मैं इस धारणा से सहमत हूं कि कोई खास गेंदबाज भारतीय या एशियाई परिस्थितियों में अच्छा प्रदर्शन करता है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन अगर आप इंग्लैंड की परिस्थितियों में अधिक मैच खेलोगे तो वहां भी अच्छा प्रदर्शन करोगे। उपमहाद्वीप से बाहर इंग्लैंड, न्यूजीलैंड और दक्षिण अफ्रीका में मैंने बहुत कम मैच खेले हैं। मैंने केवल आस्ट्रलिया में कुछ टेस्ट मैच खेले हैं। इसलिए शायद ऐसी धारणा बनी क्योंकि कम मैच का मतलब है कि आपके नाम पर विकेट भी कम होंगे। ’’

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