एनसीए रिपोर्ट: भारत के ज्यादातर खिलाड़ियों को 2019-20 में लगी कंधे और घुटने में चोट

NCA Injury Surveillance Report: एनसीए द्वारा तैयार की गयी पहली ‘चोट निगरानी रिपोर्ट’ के अनुसार 2019-20 में ज्यादातर घरेलू क्रिकेटरों को सबसे ज्यादा कंधे और घुटने की चोटों का सामना करना पड़ा

By भाषा | Published: August 13, 2020 04:18 PM2020-08-13T16:18:35+5:302020-08-13T16:18:35+5:30

NCA Injury Surveillance Report: Most playerss suffered from shoulder and knee problems during 2019-20 | एनसीए रिपोर्ट: भारत के ज्यादातर खिलाड़ियों को 2019-20 में लगी कंधे और घुटने में चोट

राहुल द्रविड़ की अगुवाई में एनसीए ने तैयार की पहली 'चोट निगरानी रिपोर्ट' (File Pic)

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Highlightsएनसीए की 'चोट निगरानी रिपोर्ट' के 2019-20 में ज्यादातर घरेलू क्रिकेटरों को कंधे और घुटने की चोट से जूझना पड़ाअप्रैल 2019 से मार्च 2020 तक कुल 262 क्रिकेटर एनसीए में रिहैबिलेटनश के लिए पहुंचे

नई दिल्ली: राहुल द्रविड़ की अगुवाई वाली राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी (एनसीए) द्वारा तैयार की गयी पहली ‘चोट निगरानी रिपोर्ट’ के अनुसार बीते सत्र के दौरान भारत के ज्यादातर घरेलू क्रिकेटरों को कंधे और घुटने की चोटों से जूझना पड़ा। एनसीए ‘वर्चुअल लर्निंग प्लेटफार्म’ शुरू करने पर भी काम कर रहा है।

उसकी 48 पन्ने की रिपोर्ट के अनुसार अप्रैल 2019 और मार्च 2020 तक 262 क्रिकेटर (218 पुरुष और 44 महिला) एनसीए में रिहैबिलिटेशन कार्यक्रम के लिये पहुंचे थे। रिपोर्ट में सत्र का ‘पाई चार्ट’ भी है जिसके अनुसार 14.75 प्रतिशत खिलाड़ियों (पुरुष और महिला) को कंधे की चोटें लगी जिसमें खिलाड़ियों की संख्या 38 थी।

द्रविड़ की अगुवाई में एनसीए कर रहा है सुविधाओं को सुधारने पर काम

दूसरे नंबर पर घुटने की चोट रही जिसका प्रतिशत 13.11 प्रतिशत रहा जिसमें 34 खिलाड़ी शामिल थे। इसके अनुसार करियर के लिये सबसे खतरा बनी ‘एंटिरियर क्रूसिएट लिगामेंट’ चोट ‘खेल में वापसी’ के शुरुआती दो वर्षों के दौरान हुईं। रिपोर्ट के अनुसार इनके बाद टखने (11.48 प्रतिशत), जांघ (10.49 प्रतिशत) और रीढ़ की हड्डी (7.54 प्रतिशत) की चोटों का नंबर था।

द्रविड़ की अगुआई वाला एनसीए अपने काम करने के तरीके और सुविधाओं को सुधारने के लिये काम कर रहा है। उन्होंने भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) अध्यक्ष सौरव गांगुली से भी पिछले कुछ महीनों में बैठकें की हैं। एनसीए की रिपोर्ट में कोचों के ‘एजुकेशन प्रोग्राम’ को भी सुधारने की बात की गयी है ताकि इसे सीखने के लिहाज से सरल बनाया जा सके।

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