2003 World Cup में 'छुरी-कांटा' लेकर पाकिस्तानी खिलाड़ी से भिड़ गए थे हरभजन, 16 साल बाद किया खुलासा

भारतीय ऑफ स्पिनर हरभजन सिंह ने दक्षिण अफ्रीका में 2003 विश्व कप के दौरान पाकिस्तानी खिलाड़ी के साथ हुई लड़ाई को याद करते हुए कहा कि अब इसे सोचकर हंसी आती है।

By भाषा | Published: June 14, 2019 09:18 PM2019-06-14T21:18:09+5:302019-06-14T21:18:09+5:30

Mohammad Yousuf and I were ready to attack each other with forks during 2003 WC, reveals Harbhajan Singh | 2003 World Cup में 'छुरी-कांटा' लेकर पाकिस्तानी खिलाड़ी से भिड़ गए थे हरभजन, 16 साल बाद किया खुलासा

2003 वर्ल्ड कप में 'छुरी-कांटा' लेकर पाकिस्तानी खिलाड़ी मोहम्मद यूसुफ से भिड़ गए थे हरभजन

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Highlightsभारत और पाकिस्तान के बीच मैच हमेशा तनावपूर्ण होते हैं।16 जून को पाकिस्तान के खिलाफ मैच से पहले भज्जी ने खुलासा किया।लड़ाई के बाद दोनों टीमों के सीनियर खिलाड़ियों को बीच बचाव के लिए आना पड़ा था।

मैनचेस्टर, 14 जून। भारतीय ऑफ स्पिनर हरभजन सिंह ने दक्षिण अफ्रीका में 2003 विश्व कप के दौरान मोहम्मद यूसुफ के साथ हुई लड़ाई को याद करते हुए कहा कि अब इसे सोचकर हंसी आती है जिसके लिये दोनों टीमों के सीनियर खिलाड़ियों को बीच बचाव के लिए आना पड़ा था। भारत और पाकिस्तान के बीच मैच हमेशा तनावपूर्ण होते हैं और यह घटना इसी मैच के दौरान घटी जब यूसुफ ने हरभजन को लेकर कुछ निजी टिप्पणी की और फिर उनके धर्म के बारे में भी कुछ बात बोली। इसके बाद दोनों अपने हाथों में कांटे लेकर एक दूसरे से भिड़ गये थे।

हरभजन ने इस घटना पर हंसते हुए कहा कि ऐसा 16 साल पहले सेंचुरियन में हुआ था लेकिन साथ ही स्वीकार किया कि उस समय यह लड़ाई इतनी बढ़ गयी थी कि इसमें बीच बचाव के लिये महान खिलाड़ी वसीम अकरम, राहुल द्रविड़ और जवागल श्रीनाथ को हस्तक्षेप करना पड़ा था। मैच हमेशा सचिन तेंदुलकर की 98 रन की पारी के लिये याद किया जायेगा लेकिन इसमें विपक्षी टीम के दो खिलाड़ी मैदान के बाहर भिड़ गये थे। पाकिस्तान ने 270 से ज्यादा रन का स्कोर बनाया था जो उस समय अच्छा स्कोर माना जाता था और भारत पर इस लक्ष्य का पीछा करने का थोड़ा दबाव भी था।

हरभजन ने पीटीआई से बातचीत में कहा, ‘‘यह सब एक चुटकुले से शुरू हुआ लेकिन बाद में यह झगड़े में तब्दील हो गया। मुझे उस मैच के लिये अंतिम एकादश में नहीं लिया गया था और अनिल भाई (कुंबले) उसमें खेल रहे थे क्योंकि टीम प्रबंधन को लगा कि पाकिस्तान के खिलाफ उनके अच्छे रिकार्ड को देखते हुए वह इसके लिये बेहतर विकल्प थे। मैं थोड़ा निराश था और जब आप अंतिम एकादश में नहीं हो तो यह हो सकता है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘लंच के समय मैं एक टेबल पर बैठा था और यूसफु व शोएब अख्तर दूसरी टेबल पर बैठे थे। हम दोनों पंजाबी बोलते हैं और एक दूसरे की खिंचाई कर रहे थे, तब अचानक उसने निजी टिप्पणी कर दी और फिर मेरे धर्म के बारे में कुछ बोला।’’

हरभजन ने हंसते हुए कहा, ‘‘फिर मैंने भी तुरंत ऐसा ही करारा जवाब दिया। इससे पहले कि कोई समझ पाता, हम दोनों के हाथ में ‘छुरी-कांटे’ थे और हम अपनी कुर्सी से उठकर एक दूसरे पर वार करने के लिये तैयार थे।’’ लेकिन तब यह घटना हुई थी तो यह इतनी हास्यास्पद नहीं लग रही थी।

उन्होंने कहा, ‘‘राहुल द्रविड़ और जवागल श्रीनाथ ने मुझे रोका जबकि वसीम भाई और सईद भाई ने यूसुफ को रोका। दोनों टीमों के सीनियर खिलाड़ी नाराज थे और हमें कहा गया कि यह सही व्यवहार नहीं था। ’’ उन्होंने कहा, ‘‘इस घटना को अब 16 साल हो गये हैं। अब जब मैं यूसुफ से मिलता हूं तो हम दोनों इस घटना को याद कर हसंते हैं।’’

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