#MeToo: जोहरी की जवाब देने की समय सीमा खत्म, बीसीसीआई ने सीओए की भूमिका पर सवाल उठाये

राहुल जोहरी ने अपने ऊपर लगे आरोपों पर जवाब सौंप दिया है या नहीं, इस बारे में कोई स्पष्टता नहीं है।

By भाषा | Published: October 20, 2018 8:34 PM

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नई दिल्ली: सोशल मीडिया पर जारी #MeToo कैंपेन के लपेटे में आए बीसीसीआई के सीईओ राहुल जोहरी के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोप पर जवाब देने की समय सीमा खत्म हो गई है। एक शीर्ष बीसीसीआई अधिकारी ने इस पर सवाल उठाते हुए कहा कि इन आरोपों की जांच स्वंतत्र पैनल द्वारा करायी जानी चाहिए। साथ ही अधिकारी ने निष्पक्षता के हित में उनके इस्तीफे की मांग की।

जोहरी ने इन आरोपों पर अपना जवाब सौंप दिया है या नहीं, इस बारे में कोई स्पष्टता नहीं है। न तो प्रशासकों की समिति (सीओए) प्रमुख विनोद राय और न ही बीसीसीआई की आंतरिक शिकायत समिति सदस्य और वकील करीना कृपलानी ने पुष्टि की कि जोहरी ने अपना जवाब सौंप दिया है या फिर सात दिन की समय सीमा के खत्म होने के बाद इसके लिये और समय की मांग की है।

यह पूछने पर कि समिति इस मुद्दे पर जोहरी से सवाल पूछेगी तो कृपलानी ने सिर्फ यह कहा, 'यह कानूनी मसला है और मैं इस पर टिप्पणी नहीं करूंगा।' 

बीसीसीआई के कम से कम दो सीनियर अधिकारियों ने सीओए के इस मुद्दे को निपटाने के तरीके पर सवाल उठाये हैं और कहा कि जो प्रक्रिया अपनायी गयी वह पारदर्शी नहीं थी। एक वरिष्ठ अधिकारी ने शनिवार को कहा, 'मैं यह जानना चाहूंगा कि सीओए अपनी जांच में पारदर्शिता क्यों नहीं दिखा रहा है? ये गंभीर आरोप हैं और सीओए को एक स्वतंत्र संस्था को नियुक्त करके निष्पक्ष जांच करायी जानी चाहिए।'

उन्होंने कहा, 'हम सभी को और बीसीसीआई के अधिकारियों को सीओए की जांच पर भरोसा क्यों करना चाहिए? जोहरी सीओए को रिपोर्ट कर रहे हैं और उचित यही होता कि उन्हें जांच से खुद को अलग कर देना चाहिए था।'

अधिकारी ने कहा, 'लोढा समिति बीसीसीआई को जिन पारदर्शिता के आधारभूत सिद्धांतों का पालन करना चाहती थी, सीओए उन्हीं का उल्लघंन कर रहा है।'

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