कपिल देव बर्थडे: कपिल देव कभी नहीं हुए अपने टेस्ट करियर में रन आउट, जानिए उनसे जुड़ी 7 दिलचस्प बातें

कपिल देव ने अपना पहला इंटरनेशनल टेस्ट मैच 16 अक्टूबर, 1978 को फैसलाबाद में पाकिस्तान के खिलाफ खेला था।

By विनीत कुमार | Published: January 6, 2019 11:01 AM2019-01-06T11:01:25+5:302019-01-06T11:01:25+5:30

kapil dev birthday turns 60 here are 7 interesting facts about indias greatest all rounder | कपिल देव बर्थडे: कपिल देव कभी नहीं हुए अपने टेस्ट करियर में रन आउट, जानिए उनसे जुड़ी 7 दिलचस्प बातें

कपिल देव (फाइल फोटो)

googleNewsNext

भारत के महानतम ऑलराउंडर कपिल देव अपना 60वां जन्मदिन मना रहे हैं। भारत को पहली बार 1983 में अपनी कप्तानी में वर्ल्ड कप खिताब दिलाने में अहम भूमिका निभाने वाले कपिल का जन्म 6 जनवरी, 1959 को हुआ था।

कपिल के नाम 131 टेस्ट मैचों में कुल 5248 रन और 434 विकेट हैं। भारत में तेज गेंदबाजी को नया रूप देने वाले कपिल ने 225 वनडे मैच भी खेले हैं। उनके नाम वनडे में 3783 रन और 253 विकेट हैं। कपिल अब भी इकलौत ऐसे टेस्ट क्रिकेटर हैं जिनके नाम 5000 से ज्यादा रन और 400 से ज्यादा विकेट है।

कपिल के जन्मदिन के मौके पर जानिए उनसे जुड़ी दिलचस्प बातें...

1.कपिल देव ने अपना पहला इंटरनेशनल टेस्ट मैच 16 अक्टूबर, 1978 को फैसलाबाद में पाकिस्तान के खिलाफ खेला था। उनका पूरा नाम कपिल देव रामलाल निखंज है।

2. कपिल अपने टेस्ट करियर के 184 पारियों में कभी रन आउट नहीं हुए। दुनिया के किसी भी क्रिकेटर के नाम ये रिकॉर्ड नहीं है।

3. कपिल के नाम 8 साल तक बतौर तेज गेंदबाज सबसे ज्यादा टेस्ट विकेट (434) लेने का वर्ल्ड रिकॉर्ड था। बाद में इसे वेस्टइंडीज के कर्टनी वॉल्श ने साल 2000 में तोड़ा। 

4. कपिल देव ने 1983 के वर्ल्ड कप में 303 रन बनाये और 12 विकेट झटके। साथ ही उन्होंने 8 मैचों में 7 कैच भी पकड़े। कपिल ने इस दौरान जिम्बाब्वे के खिलाफ नाबाद 175 रनों की बेहतरीन पारी भी खेली और भारत को वर्ल्ड कप से बाहर होने से बचाया। आखिरकार टीम फाइनल में वेस्टइंडीज को हराकर वर्ल्ड कप जीतने में कामयाब रही।

5. कपिल ने हरियाणा के लिए 17 साल तक (1975-92) घरेलू क्रिकेट खेला। दिलचस्प बात ये रही कि उन्होंने अपने घरेलू डेब्यू सीजन (1975-76) में 30 मैच में 121 विकेट झटके और सभी को चौंका दिया। कपिल को 'हरियाणा हरिकेन' के नाम से भी जाना जाता है।

6. कपिल देव अपने 16 साल के टेस्ट करियर में कभी किसी मैच में चोट या फिटनेस के कारण ड्रॉप नहीं हुए। 

7. कपिल देव को साल 2002 में सुनील गावस्कर और सचिन तेंदुलकर से आगे रखते हुए 'इंडियन क्रिकेटर ऑफ द सेंचुरी' चुना गया। रिटायरमेंट के बाद कपिल करीब 10 महीने के लिए 1999-2000 के बीच भारतीय टीम के कोच भी रहे।

Open in app