आने वाले चार पांच साल में कुछ ही लीग बची रहेंगी और मुझे पता है वे कौन सी होंगी, फ्रेंचाइजी पर पूर्व कप्तान सौरव गांगुली ने दिया बड़ा बयान

दुनिया भर में टी20 लीग की बढ़ती संख्या के बीच अब खिलाड़ी देश के लिये खेलने पर फ्रेंचाइजी क्रिकेट को तरजीह देने लगे हैं।

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: February 7, 2023 12:20 PM2023-02-07T12:20:58+5:302023-02-07T12:21:57+5:30

ipl 2023 former captain Sourav Ganguly says Only few leagues left coming four-five years Big Bash League Hundred big statement franchise | आने वाले चार पांच साल में कुछ ही लीग बची रहेंगी और मुझे पता है वे कौन सी होंगी, फ्रेंचाइजी पर पूर्व कप्तान सौरव गांगुली ने दिया बड़ा बयान

भविष्य में आर्थिक रूप से मजबूत कुछ ही लीग चल सकेंगी।

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Highlightsभविष्य में आर्थिक रूप से मजबूत कुछ ही लीग चल सकेंगी।बिग बैश लीग के बाद अब यूएई और दक्षिण अफ्रीका में लीग हो रही है।साल के आखिर में अमेरिका में भी एक लीग की योजना है।

कोलकाताः भारत के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली ने सोमवार को कहा कि खिलाड़ियों का टी20 लीग को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट पर तरजीह देना ज्यादा लंबे समय तक टिकने वाला नहीं है क्योंकि भविष्य में आर्थिक रूप से मजबूत कुछ ही लीग चल सकेंगी। दुनिया भर में टी20 लीग की बढ़ती संख्या के बीच अब खिलाड़ी देश के लिये खेलने पर फ्रेंचाइजी क्रिकेट को तरजीह देने लगे हैं।

 

बिग बैश लीग के बाद अब यूएई और दक्षिण अफ्रीका में लीग हो रही है। इसके अलावा साल के आखिर में अमेरिका में भी एक लीग की योजना है। गांगुली ने स्पोर्टस्टार के एक कार्यक्रम में कहा ,‘‘ हम दुनिया भर में हो रही लीग के बारे में बात करते रहते हैं । आईपीएल बिल्कुल अलग तरह की लीग है ।

आस्ट्रेलिया में बिग बैश लीग भी अच्छा कर रही है और इसी तरह ब्रिटेन में द हंड्रेड ने अच्छा किया । दक्षिण अफ्रीका लीग भी अच्छा कर रही है ।’’ उन्होंने कहा ,‘‘ ये सभी लीग उन देशों में हो रही है जहां क्रिकेट लोकप्रिय है । मेरा मानना है कि आने वाले चार पांच साल में कुछ ही लीग बची रहेंगी और मुझे पता है कि वे कौन सी होंगी ।’’

बीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष ने कहा ,‘‘ फिलहाल हर खिलाड़ी नयी लीग से जुड़ना चाहता है लेकिन आने वाले समय में उन्हें पता चल जायेगा कि कौन सी महत्वपूर्ण है । ऐसे में देश के लिये खेलने को लीग क्रिकेट पर तरजीह दी जायेगी ।’’ उन्होंने क्रिकेट प्रशासन की अहमियत पर जोर देते हुए जिम्बाब्वे का उदाहरण दिया जहां प्रशासनिक कारणों से क्रिकेट का पतन हो गया ।

उन्होंने कहा ,‘मैं पांच साल बंगाल क्रिकेट संघ का अध्यक्ष रहा और फिर तीन साल बीसीसीआई का अध्यक्ष रहा । मैंने आईसीसी में भी भारत का प्रतिनिधित्व किया और देखा है कि बुनियादी ढांचे और सहयोग से ही खेल संभव है।’ गांगुली ने कहा ,‘‘ मैंने पहला विश्व कप 1999 में खेला। जिम्बाब्वे उस समय किसी को भी हरा सकता था।

उस समय जिम्बाब्वे क्रिकेट के पास ज्यादा पैसा नहीं था। भारत के पास भी नहीं था।’’ उन्होंने कहा ,‘‘ वेस्टइंडीज के पास माइकल होल्डिंग, एंडी रॉबटर्स या जोएल गार्नर के समय में कहां पैसा था । खिलाड़ियों के लिये अच्छा प्रशासन बहुत जरूरी है । पैसा कोई मसला नहीं है । खिलाड़ियों और प्रशासकों के बीच अच्छे संबंध होने से कई समस्यायें सुलझ जाती है ।’’ 

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